कौन होगा आजमगढ़ जेल का नया अधीक्षक : शासन बांदा जेल में अभी तक तैनात नहीं कर पाया वरिष्ठ अधीक्षक

कारागार विभाग के ऊंची पहुँच और जुगाड़ वाले अधिकारियों की तैनाती करने में शासन के आला अफसर भी बेबस है। यही वजह है प्रदेश की अतिसंवेदनशील बांदा और आजमगढ़ जेल आज भी कई अफसरों के पद खाली पड़े हुए है।

कौन होगा आजमगढ़ जेल का नया अधीक्षक : शासन बांदा जेल में अभी तक तैनात नहीं कर पाया वरिष्ठ अधीक्षक
आजमगढ़ जेल

मुख्य बातें

  • फिर सुर्खियों में आया तेजतर्रार लखनऊ जेल अधीक्षक का नाम
  • शासन बांदा जेल में अभी तक तैनात नहीं कर पाया वरिष्ठ अधीक्षक

लखनऊ। कारागार विभाग के ऊंची पहुँच और जुगाड़ वाले अधिकारियों की तैनाती करने में शासन के आला अफसर भी बेबस है। यही वजह है प्रदेश की अतिसंवेदनशील बांदा और आजमगढ़ जेल आज भी कई अफसरों के पद खाली पड़े हुए है। प्रदेश में बिगड़ी जेलों को सुधारने के लिए चर्चित रहने वाले लखनऊ जेल अधीक्षक ने बांदा जेल पर तैनाती से इनकार कर दिया अब विभागीय अफसरों में इस तेजतर्रार छवि के अधीक्षक को आजमगढ़ जेल भेजे जाने की चर्चा है। यह अलग बात है कि शासन के अफसर इस मसले पर अब भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। 

मिली जानकारी के अनुसार शासन ने स्थानांतरण के दौरान एक साल पहले तैनात किए गए कई जेल अधीक्षक के तबादले कर दिए, वहीं दो-ढाई साल का कार्यकाल पूरा कर चुके अधीक्षक को हटाया ही नहीं गया। वह भी उस जेल अधीक्षक को जिस जेल दो खूंखार कैदियों के फरारी, बन्दी को पीट पीट कर वसूली करने, करीब आधा दर्जन बन्दियों के आत्महत्या करने, एक विदेशी सजायाफ्ता कैदी समेत तीन बन्दियों की गलत रिहाई करने के साथ जेल के गल्ला गोदाम से एक बार 35 लाख और एक बार एक लाख 16 हज़ार रुपये की नगद धनराशि बरामद होने जैसी घटनाएं हो चुकी है। इतनी घटनाएं होने के बाद भी शासन ने इस अधिकारी को हटाना मुनासिब नहीं समझा, जबकि एक साल पहले तैनात किए गए करीब आधा दर्जन अधीक्षक को अन्य जेलों पर स्थानांतरित कर दिया गया।

सूत्रों का कहना है अतिसंवेदनशील बांदा मंडलीय कारागार में पिछले करीब एक साल से कोई अधीक्षक तैनात नहीं किया गया है। सच यह है कि प्रदेश का कोई भी जेल अधीक्षक इस जेल पर जाने को तैयार ही नहीं होता है। शासन में बैठे आला अफसरों ने बांदा जेल पर अधीक्षक तैनात किए जाने के लिए कई बार प्रयास भी किया, लेकिन हर बार उसको निराश ही होना पड़ा। मोबाइल चार्जर, भारी मात्रा में गांजा पकड़े जाने के बाद सुर्खियों में आई आजमगढ़ जेल भी अफसर विहीन हो गयी है। इस जेल पर भी विभाग का कोई भी कथित तेजतर्रार जेल अधीक्षक जाने को तैयार नहीं है। वर्तमान समय में प्रदेश के करीब एक दर्जन से अधिक जेल ऐसी हैं जहाँ कोई अधीक्षक तैनात नहीं है। इन जेलों को जेलर चला रहे है। उधर इस संबंध में जब अपर मुख्य सचिव गृह/ महानिदेशक कारागार अवनीश अवस्थी से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फ़ोन ही नहीं उठा।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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