उत्तर प्रदेश में बाढ़ प्रभावित 350 से ज्यादा गांव, बुंदलेखंड में लोग घर छोड़ने को मजबूर, फतेहपुर में पुल से 8 फीट ऊपर बह रहीं यमुना, फर्रुखाबाद-चंदौली में 100 से ज्यादा गांव डूबे
यूपी में बाढ़ का कहर बढ़ता जा रहा है। नदियों से सटे जिलों में हालात बिगड़ते जा रहे है। सैकड़ों गांव पानी से घिरे हैं। उनका संपर्क मुख्य सड़क मार्ग से टूट गया। 350 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं।
Flood in many districts of UP : यूपी में बाढ़ का कहर बढ़ता जा रहा है। नदियों से सटे जिलों में हालात बिगड़ते जा रहे है। प्रदेश में हजारों लोग घर छोड़ने को मजबूर हैं। सैकड़ों गांव पानी से घिरे हैं। उनका संपर्क मुख्य सड़क मार्ग से टूट गया। 350 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं।
1- फतेहपुर: चिल्ला पुल से 8 फीट ऊपर बह रही यमुना : फतेहपुर में यमुना नदी तबाही लेकर आई है। बांदा-कानपुर सड़क मार्ग पर चिल्ला पुल के पास 8 फीट ऊपर पानी भर गया है। पुल डूबने से आवागमन प्रभावित हो गया है। वाहनों को दूसरे रास्तों से निकाला जा रहा है। बाढ़ का पानी 4 किलोमीटर दूर ललौली कस्बे में घुस गया है। यहां निचले इलाकों में बने कई मकान डूब गए हैं। नाव से लोगों को आना-जाना पड़ रहा है। ज्यादातर लोगों ने घर छोड़ दिया है। पलटू का पुरवा गांव में बड़ी संख्या में पलायन हो रहा है। ग्राम प्रधान शमीम ने बताया कि ललौली इंटर कॉलेज में बाढ़ राहत कैम्प बनाया है। पलटू का पुरवा व दसौली गांव में हालात ज्यादा चिंताजनक हैं। यमुना किनारे के करीब 30 गांव चपेट में हैं।
यहां मुश्किल हुए हालात
- फतेहपुर की बिंदकी तहसील के गंगौली गांव में 15 परिवारों ने घर छोड़ा।
- अमौली ब्लॉक के परसेढ़ा, दपसौरा गांव में पानी घुस गया है।
- दपसौरा पुलिस चौकी में भी बाढ़ का पानी घुस गया है।
- मरवाही डेरा, रुस्तमपुर, मवई, रिठवां, सिकंदरपुर, केवटरा, भरसा, गज्जा का डेरा, अयोध्या का डेरा, अवाजीपुर गांव में आने-जाने का रास्ता बंद हो गया है।
2- बांदा: 5 साल के मासूम की डूबने से मौत
बांदा में केन और यमुना में लगातार बढ़ते जलस्तर से अब तक 35 से ज्यादा गांव चपेट में आ चुके हैं। ग्रामीण मजबूरी में नाव के सहारे पलायन कर रहे हैं। गांवों का सड़क से संपर्क टूट गया है। लोगों को तैरकर जाना पड़ रहा है। सोमवार को तारा गांव में एक 5 साल बच्चे की बाढ़ में डूबने से मौत हो गई। आनन्द निषाद 5 साल के बेटे विजय कुमार के साथ बाढ़ के पानी से तैरकर निकलने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान उसका बेटा डूब गया। उसकी मौत हो गई।
3- औरैया: 24 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में : यमुना की सहायक नदी ससुर खदेरी भी उफान पर हैं। इन दोनों नदियों पर बने पुल बाढ़ में डूब गए हैं। इस कारण से यातायात बंद कर दिया गया है। दर्जनों गांवों में नदियों का पानी भर गया है। वहीं, गंगा का जलस्तर 24 घंटे से स्थिर है। मात्र पांच सेमी पानी बढ़ा है। बाढ़ नियंत्रण रिपोर्ट के अनुसार यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 90 सेमी ऊपर बह रहा है। जबकि गंगा नदी चेतावनी निशान से 40 सेमी ऊपर है। बाढ़ से अजीतमल और औरैया तहसील के 24 गांव प्रभावित हैं।
4- मिर्जापुर: खतरे के निशान के ऊपर गंगा : मिर्जापुर में गंगा खतरे के निशान के ऊपर है। बाढ़ का पानी 2 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। जलस्तर 77.30 से ऊपर पहुंच गया है। यहां गांवों के अंदर और लोगों के घरों के बाहर पानी जमा हो गया है। सदर तहसील के हरसिंगपुर और मल्लेपुर गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। वहीं, चुनार तहसील के 8 से ज्यादा गांवों की स्थिति गंभीर होती जा रही है। डीएम प्रवीण कुमार ने हरसिंगपुर और अकौढ़ी गांव का दौरा किया है। चील्ह इलाके में पानी तेजी से बढ़ रहा है।
5- इटावा: 30 से ज्यादा गांव प्रभावित : इटावा में बाढ़ से प्रभावित यमुना नदी के उत्तरी किनारे के बकेवर व लवेदी क्षेत्र के गांवों लखनपुर घार, कछपुरा, अन्दावा मडैया, मड़ैया, दिलीपनगर, मडैया मल्हान, पठा, चिन्डोली, मुचाई गांव ज्यादा प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले का दौरा कर जायजा भी लिया है। यमुना नदी के साथ-साथ जलस्तर बढ़ने से प्रभावित नदी के दोनों किनारे के बाढ़ से प्रभावित हुए तहसील क्षेत्र के करीब 30 से अधिक गांवों में नुकसान हुआ है।
6- फर्रुखाबाद: में सड़कों पर दो फीट ऊपर पानी : गंगा में नरौरा बांध से 1 लाख 14 हजार क्यूसेक, बिजनौर से 73839 क्यूसेक, हरिद्वार से 87113 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे गंगा का जलस्तर 137 मीटर से काफी ऊपर पहुंच गया है। 50 से अधिक गांवों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। शमसाबाद-शाहजहांपुर मार्ग पर भी दो फीट पानी बह रहा है। अमृतपुर क्षेत्र के 30, कमालगंज के 7, शमसाबाद के 12 और बढ़पुर ब्लॉक के 6 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इन गांवों के लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। शमसाबाद क्षेत्र में कई परिवारों ने सड़क किनारे डेरा डाल दिया है। हरसिंहपुर कायस्थ गांव पूरी तरह से पानी से भरा हुआ है।
7- जालौन: गर्भवती को बाढ़ से निकाला : जालौन में चंबल चंबल-यमुना का रौद्र रूप लगातार देखने को मिल रहा है। यहां स्थिति जानलेवा हो गई है। 50 से ज्यादा गांव ऐसे हैं, जहां लोगों के घरों तक पानी घुस गया है। हेलिकॉप्टर से यहां एनडीआरएफ की टीम मदद कर रही है। लोग घरों में फंसे हुए हैं। मंगलवार को एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाया जाना था लेकिन बाढ़ के पानी की वजह से ले जाना मुश्किल था। ऐसे में एनडीआरएफ की टीम को भेजा गया। महिला को नाव में बैठाकर सुरक्षित स्थान पहुंचाया गया। इसके बाद 30 वर्षीय हेमा देवी को अस्पताल ले जाया जा सका।
8- फर्रुखाबाद: में सड़कों पर दो फीट ऊपर पानी : गंगा में नरौरा बांध से 1 लाख 14 हजार क्यूसेक, बिजनौर से 73839 क्यूसेक, हरिद्वार से 87113 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे गंगा का जलस्तर 137 मीटर से काफी ऊपर पहुंच गया है। 50 से अधिक गांवों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। शमसाबाद-शाहजहांपुर मार्ग पर भी दो फीट पानी बह रहा है। अमृतपुर क्षेत्र के 30, कमालगंज के 7, शमसाबाद के 12 और बढ़पुर ब्लॉक के 6 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इन गांवों के लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। शमसाबाद क्षेत्र में कई परिवारों ने सड़क किनारे डेरा डाल दिया है। हरसिंहपुर कायस्थ गांव पूरी तरह से पानी से भरा हुआ है।
9- हमीरपुर: एसडीआरएफ की 3 टीमें लगीं : हमीरपुर में यमुना और बेतवा नदी तबाही मचा रही है। करीब 90 गांवों में बाढ़ की चपेट में हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इन गांवों में फंसे लोगों राहत देने के निर्देश दिए।दोनों ही नदियां खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रही हैं। फ्लड पीएसी और एसडीआरएफ की तीन टीमें लगी हुई हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। बुंदेलखंड के जालौन और हमीरपुर बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
10-चंदौली: 4 दिन से लगातार बढ़ रहा जलस्तर : चंदौली में पिछले 4 दिनों में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। अब गंगा से सटे तटवर्ती इलाकों में पानी भरने लगा है। ग्रामीण बाढ़ से डरे हैं। गंगा के तटवर्ती इलाके कैली, कुरहना, सहजौर, कुंडा कला, कुंडा खुर्द, कावर, भुपौली, डेरवा कला, महड़ौरा,रौना गांव के लोग गंगा के बढ़ते जलस्तर से चिंतित हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 4 दिन में जिस प्रकार गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। पानी गांव में घुस आया है। हम जाएं तो जाएं कहां। नाव संचालन भी बंद हो गया है। तटवर्ती इलाकों के ग्रामीणों का आरोप है कि अभी तक जिला प्रशासन से मदद नहीं मिली है
11- गाजीपुर: सड़क पर 3-4 फीट पानी भरा : गाजीपुर-बलिया मार्ग पर स्थित अटवा मोड़ पुल पर पानी भर गया है। बेसो नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण लोगों को आवगमन के लिए नावों का सहारा लेना पड़ रहा है। सड़क पर 3 से 4 फुट तक पानी लग जाने से सबसे ज्यादा परेशानी छोटे वाहनों से आवागमन करने वालों को हो रही है।
12- महराजगंज में बाढ़ के पानी में डूबने से 3 की मौत : महराजगंज में मंगलवार को बाढ़ के पानी मे डूबने से अलग-अलग मामलों में तीन लोगों की मौत हो गई। पहला मामला बड़हरा देवीचरण गांव का है। यहां संगीता पानी भरने गई थी। बाढ़ के पानी की वजह से तालाब पूरी तरह भरा हुआ था। पैर फिसलने की वजह से संगीता इस गहरे तालाब में गिर गई। डूबने से उसकी मौत हो गई। वहीं, दूसरा हादसा घुघली थाना क्षेत्र में हुआ। यहां 7 साल का बच्चा वेदांत (7) मां और मौसी के साथ गंडक नदी में नहा रहा था। तेज बहाव के चलते वह गहराई में चला गया। डूबने से उसकी मौत हो गई। तीसरी घटना फरेंदा थाना क्षेत्र की है। कस्बे में स्थित दुर्गा मंदिर सरोवर में मंगलवार सुबह चौरहिया गोला निवासी मिश्रीलाल अग्रहरि का पुत्र तुषार अग्रहरि (15) दोस्तों के साथ नहाने गया था। तेज बहाव के चलते गहरे में पानी चला गया। दोस्त उसे नहीं बचा सके।