शासन व्यस्त, जेल अधिकारी मस्त, बन्दी त्रस्त : गौतमबुद्धनगर (नोएडा) जेल में बेखौफ़ हुए अफसर, धनाढ्य बन्दियों की रिहाई में डिप्टी जेलर ने वसूली मोटी रकम

गाज़ियाबाद के बाद कमाई में नंबर दो मानी जाने वाली नोएडा जेल में जेल अधीक्षक, जेलर व डिप्टी जेलर ने जेल में लूट मचा रखी है। सूत्रों का कहना है कि जेल में इमरजेंसी कॉल के नाम पर प्रतिदिन लाखो के वारे न्यारे किये जा रहे है। तीन मिनट की फ़ोन कॉल के लिए दो सौ रुपये खुले आम वसूल किये जा रहे है।

शासन व्यस्त, जेल अधिकारी मस्त, बन्दी त्रस्त : गौतमबुद्धनगर (नोएडा) जेल में बेखौफ़ हुए अफसर, धनाढ्य बन्दियों की रिहाई में डिप्टी जेलर ने वसूली मोटी रकम
गाज़ियाबाद के बाद कमाई में नंबर दो मानी जाने वाली नोएडा जेल में जेल अधीक्षक, जेलर व डिप्टी जेलर ने जेल में लूट मचा रखी है।

लखनऊ। गौतमबुद्धनगर लुकसर (नोएडा) जेल के बेखौफ अधिकारियों न शासन का कोई डर है और न ही जेल मुख्यालय से होने वाली किसी कार्यवाही। यही वजह है कि बंदियो के राशन कि कटौती कर दो सौ रुपये किलो जलेबी और सौ रुपये लीटर दूध बेंच कर जेब भरने में जुटे हुए है। मजे की बात यह है को इस जेल में कमाई कर देने वाले सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी तक बदली नही जाती है। ऐसा तब है जब जेल में सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी प्रति सप्ताह बदले जाने का निर्देश है। यही नही जेल के दस्तावेजो में दर्ज कुछ होता है और होता कुछ और ही है।

कमाकर देने वाले सुरक्षाकर्मियों की नही बदली जाती डयूटी : गाज़ियाबाद के बाद कमाई में नंबर दो मानी जाने वाली नोएडा जेल में जेल अधीक्षक, जेलर व डिप्टी जेलर ने जेल में लूट मचा रखी है। सूत्रों का कहना है कि जेल में इमरजेंसी कॉल के नाम पर प्रतिदिन लाखो के वारे न्यारे किये जा रहे है। तीन मिनट की फ़ोन कॉल के लिए दो सौ रुपये खुले आम वसूल किये जा रहे है।

यही नही बन्दियों से मोटी रकम वसूल कर उन्हें उन फ़ोन नंबरो पर बात कराई जा रही जो उन्होने जेल आमद के समय दर्ज ही नही कराए थे। मालूम हो कि जेल नियमो के मुताबिक जेल प्रशासन बन्दियों से परिजनों के सिर्फ उन्ही नंबरो पर बात कराता है जो उन्होंने जेल आने के समय जेल प्रशासन को दर्ज कराए होते है। किंतु जेल इमरजेंसी कॉल के नाम पर बन्दियों से जमकर उगाही की जा रही है।

निज़ाम बदलने के बाद सुधरने के बजाए बिगड़ गयी जेल : यही नही जेल प्रशासन के अधिकारी बंदियो के भोजन के लिए आने वाले राशन के गल्ला गोदाम से आटा, मैदा, चीनी, चायपत्ती, मसाला, सरसों का तेल, रिफाइंड, देशी घी यहां तक की गैस सिलेंडर का इस्तेमाल कैंटीन में किया जाता है। भंडारे से घटिया भोजन परोस कर अधिकारी कैंटीन में तीन से चार गुना अधिक दाम पर खानपान की वस्तुए बेंचकर कमाई करने में जुटे है।

कैंटीन में कोल्डड्रिंक की दो लीटर की बोतल 220, जलेबी दो सौ रुपये किलो, पकी सब्जी (आलू, मटर, सोयाबीन) ढाई सौ रुपये किलो, पराठा 50 रुपये प्रति नग, कचौड़ी, ब्रेड पकौड़ा, समोसा 20 रुपये नग, रोटी 12 रुपये नग, बीड़ी 50 रुपये बंडल, गुटखा 20 रुपये, सिगरेट 10 वाली 25 में समेत अन्य वस्तुए तिगुने चौगुने दामो पर बेची जा रही है।

इसके साथ ही पराग डेरी से आने वाले उत्पाद दस्तावेजो मे सिर्फ 10 फीसद दर्ज किए जाते है बाकी दूध के पैकेट खरीदकर उन्हें खोलकर मिलावट कर गर्म करके सौ रुपये लीटर बेचा जाता है। कैंटीन में बिक्री करने वाले वार्डर विनोद भदौरिया, पैसा एकत्र करने वाले हेड वार्डर शमशुद्दीन व सहयोगी वार्डर सौरभ तिवारी की ड्यूटी बदली ही नही जाती है वही कई बन्दी रायटर की दबंगई से बन्दी परेशान है। उधर इस संबंध में नोएडा जेल अधीक्षक अरुण कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फ़ोन ही नही उठाया।

डिप्टी जेलर-रायटर कर रहे बन्दियों से जमकर वसूली 

लखनऊ। नोएडा जेल में डिप्टी जेलर व रायटर बन्दियों से जमकर वसूली कर रहे है। बताया गया है बाइक बोट घोटाले के आरोपियों की रिहाई में प्रभारी डिप्टी जेलर एके जायसवाल ने एक-एक बन्दी से लाखों रुपये की उगाही की है। 42 हज़ार रुपये के बाइक बोट घोटाले में दर्जनों की संख्या में धनाढ्य बन्दी जेल में निरुद्ध थे। इनमें कई की पिछले दिनों रिहाई हुई है। इसी प्रकार इमरजेंसी कॉल के नाम बन्दी रायटर विजय बन्दियों से मुहमांगी रकम वसूल कर लाखों के वारे न्यारे किये जा रहे है। आलम यह है बन्दियों की एक दिन में कई-कई बार फ़ोन करते देखा जा सकता है।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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