सजायाफ्ता कैदी की गुमनाम शिकायत से हुआ खुलासा : गाज़ियाबाद जेल में प्रतिमाह लाखों की नही करोड़ो की वसूली

सजायाफ्ता कैदी की इस गुमनाम शिकायत से विभागीय अफसरों व सुरक्षाकर्मियों में खलबली मची हुई है। बन्दियों की हत्या का लगाया गंभीर आरोप, जांच कराने की हुई मांग , जेल कैंटीन में बिक रही 800 रुपये भोजन की स्पेशल थाली

सजायाफ्ता कैदी की गुमनाम शिकायत से हुआ खुलासा : गाज़ियाबाद जेल में प्रतिमाह लाखों की नही करोड़ो की वसूली
Gaziyabad jail

लखनऊ। गाज़ियाबाद जेल में प्रतिमाह लाखों की नहीं करोड़ो की वसूली हो रही है। यही नही इस कमाऊ जेल में बन्दियों की पीट-पीट कर हत्या कर दी जाती है। इस सच का खुलासा राजधानी में भेजी गई एक शिकायत से हुआ। शिकायत की मुख्यमन्त्री से जांच कराए जाने की मांग की है। सजायाफ्ता कैदी की इस गुमनाम शिकायत से विभागीय अफसरों व सुरक्षाकर्मियों में खलबली मची हुई है। उधर जेल मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है कि जेल से हटाये गए सुरक्षाकर्मियों ने साजिश के तहत शिकायत करवाई है।

बीते फरवरी माह में शासन ने मेरठ के बहुचर्चित सुरंग कांड के मुख्य आरोपी अलीगढ़ में तैनात आलोक सिंह को गाज़ियाबाद जेल पर तैनात कर दिया। सुरंगकांड के बाद लंबे समय तक फरार रहने व प्राथमिक जांच के बाद निलंबित हुए इस अधिकारी को प्रदेश की सबसे अधिक कमाई वाली जेल पर तैनाती से विभागीय अधिकारियों में खलबली मच गई। अधिकारियों में कयास लगाए जा रहे थे सुरंगकांड की जांच में बर्खास्तगी की संस्तुति को जुगाड़ व सिफारिश से खत्म कराकर पहले प्रमोशन पाया। उसके बाद से यह लगातार पश्चिम की कमाऊ जेलों पर ही तैनात रहे। 

सूत्र बताते है कि सीएम योगी आदित्यनाथ सहित अन्य को  “सजायाफ्ता कैदी” की गुमनाम शिकायत मिली है। जिसमें कहा गया है कि तत्कालीम जेलर आनंद कुमार शुक्ल तथा जेल हेड वार्डर पर जेल में आतंक है। इन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि पिछले दिनों डासना जेल में 8 से ज्यादा कैदियों की हत्या फांसी पर लटका या अत्यधिक पिटाई के कारण हुई है जिसे ह्रदय गति रुकने से मौत दर्शा दिया गया। इसने सजायाफ्ता कैदी मोहित नम्बरदार, बलात्कार के आरोपी शादाब तथा रविन्द्र त्यागी शामिल हैं।

आरोप में कहा कि जेल में अवैध ढंग से स्पेशल कैंटीन चल रही है। जिसमें  800 प्रति थाली भोजन, 250 प्रति किलो जलेबी, 2 लीटर की कोल्ड ड्रिंक बोतल रु० 175, बालूशाही  20, समोसा 20, ब्रेड पकोड़ा 30 प्रति पीस, 500 ग्राम दूध 60, बिरयानी 200 प्रति किलो, सेव 300 प्रति किलो, केले 150 के 6, बीडी का बण्डल 40, गुटखा 25, सिगरेट 80 तथा तम्बाकू 20 रुपये का बिकता है। जहाँ जेल में कोरोना के समय निशुल्क टेलीफोन सुविधा दी गयी थी, वहीँ डासना जेल में 1 मिनट का रु० 100 अवैध वसूली होती है। यह भी आरोप है कि जेल के बाहर मुलाकात पर्ची पर तीन प्राइवेट लोगों को बैठाया गया है। मुलाकात के लिए 100-500 प्रति मिलाई वसूलते हैं। जेल में प्रतिमाह करीब ढाई से तीन करोड़ की वसूली होती है.

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
लखनऊ
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