तबादलों के लिए कारागार मुख्यालय ने मांगा कर्मियों का ब्यौरा
आदर्श चुनाव आचार संहिता में सभी जेल परिक्षेत्र को भेजा पत्र मुख्यालय के परिपत्र से जेलकर्मियों में मचा हड़कंप
लखनऊ। तू डाल डाल, तो मैं पात पात... यह कहावत कारागार विभाग के अधिकारियों पर एकदम फिट बैठती है। लोकसभा चुनाव को लेकर देश एवं प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लगी हुई है। आचार संहिता लगी होने के बाद जेल मुख्यालय ने प्रदेश के सभी जेल परिक्षेत्र से जेलों में तैनात हेड वार्डर, वार्डर एवम परिक्षेत्र में दो साल में सेवानिवृत होने वाले कर्मियों का ब्यौरा तलब किया है। सभी जेल परिक्षेत्रों को यह सूचना एक सप्ताह के अंदर जेल मुख्यालय को उपलब्ध कराए जाने का निर्देश दिया गया है। ऐसा तब किया गया है जब 4 जून तक आचार संहिता लगी हुई है।
राजधानी के आदर्श कारागार में तैनात होकर मुख्यालय में अधीक्षक का प्रभार संभाल रहे बृजेंद्र सिंह से सोमवार (15 अप्रैल 2024) को एक पत्र जारी किया है। प्रदेश के समस्त जेल परिक्षेत्र के जारी किए गए इस पत्र में कहा गया है कि प्रदेश की जेलों ऐसे हेड वार्डर, वार्डर (पुरुष/महिला) जो एक अप्रैल 2024 को जो तीन वर्ष, पांच वर्ष, सात वर्ष या उससे अधिक समय से तैनात है। इनकी सूचना निर्धारित प्रारूप पर स्थानांतरण 2024 के लिए मुख्यालय भेजने का निर्देश दिया गया है।
अधीक्षक, जेलर को कमाऊ जेलों पर भेजने की तैयारी
राजधानी की जिला जेल में बीते करीब चार साल से अधिक समय से तैनात वरिष्ठ अधीक्षक एवं कुछ समय पहले ही बांदा जेल पर तैनात किए गए जेलर को मनमाफिक (कमाऊ) जेलों पर तैनात किए जाने की कवायद चल रही है। सूत्रों का कहना है कि पश्चिम की जेल में तैनात जेलर को पिछले दिनों बांदा जेल पर तैनात किया गया। अपने कार्यकाल में अधिकांश समय पश्चिम की जेलों पर तैनात रहने वाले जेलर को एक बार फिर पश्चिम की जेल पर तैनात किए जाने की तैयारी है। इसकी प्रकार दो बार तत्कालीन डीआईजी की विभागीय संस्तुति के आरोपी लखनऊ जेल के वरिष्ठ अधीक्षक को भी पश्चिम की गाजियाबाद, नोएडा भेजे जाने कवायद चल रही है। चर्चा है कि इन दो तबादलों के लिए आयोग से अनुमति मांगी गई है। उधर इस संबंध में प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह से काफी प्रयासों के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया।
कारागार परिक्षेत्र को भेजे गए परिपत्र में कहा गया है कि जो दिव्यांग है, पति पत्नी दोनों सरकारी सेवा में कार्यरत है तथा जो कर्मचारी एक अप्रैल 2024 के दो वर्ष के अंदर सेवानिवृत होने वाले जेल हेड वार्डर, वार्डर के साथ ही जो गंभीर बीमारी (कैंसर आदि) से ग्रसित है। इन सभी की सूचना निर्धारित प्रारूप में एक सप्ताह के अंदर मुख्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इस निर्देश के बाद विभागीय कर्मियों में अफरा तफरी मची हुई है। चर्चा है कि यह निर्देश सिर्फ जेल सुरक्षाकर्मियों से वसूली करने के बाबत किया गया है। उधर इस संबंध में जब डीआईजी जेल मुख्यालय अरविंद कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने निर्देश जारी होने की बात स्वीकार करते हुए बताया कि तबादलों के लिए यह आदेश जारी किया गया है। आचार संहिता लगे होने और वसूली के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली।