लखनऊ में ब्रज की रसोई: भूख से आगे बढ़कर आत्म-सम्मान और नई उम्मीदों का सफर
लखनऊ में इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी द्वारा संचालित "ब्रज की रसोई" जरूरतमंदों को निःशुल्क पौष्टिक भोजन उपलब्ध करा रही है। विपिन शर्मा के नेतृत्व में यह पहल न केवल भूख मिटाने का कार्य कर रही है, बल्कि गरीब और बेसहारा लोगों के जीवन में आत्म-सम्मान और नई उम्मीदें भी भर रही है। संस्था के सदस्य और स्वयंसेवक प्रेम और समर्पण के साथ झुग्गी बस्तियों और निर्माण स्थलों पर भोजन वितरित कर रहे हैं।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश: लखनऊ में इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी द्वारा संचालित ब्रज की रसोई बेसहारा और जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराते हुए समाज में एक नई उम्मीद की किरण बन चुकी है। संस्था के संस्थापक विपिन शर्मा के नेतृत्व में चल रही यह अनोखी पहल सैकड़ों लोगों के जीवन में बदलाव ला रही है। इसका उद्देश्य केवल भूख मिटाना ही नहीं, बल्कि गरीब बच्चों, बुजुर्गों और निराश्रितों के जीवन में आत्म-सम्मान और गरिमा की भावना जगाना भी है।
संस्था के वरिष्ठ सदस्य देवांश रस्तोगी कहते हैं, भूख केवल पेट की जरूरत नहीं, यह मानसिक और भावनात्मक संतुलन को भी प्रभावित करती है। जब हम जरूरतमंदों को भोजन देते हैं, तो उनके साथ एक सजीव और गरिमा से भरा संबंध स्थापित करते हैं। उनके अनुसार, भोजन सिर्फ पेट भरने का साधन नहीं, बल्कि उनके जीवन में एक नई आशा और आत्म-सम्मान की भावना भरता है।
वहीं वरिष्ठ सदस्य पंकज राय ने कहा ब्रज की रसोई का दृश्य देखने पर वहाँ की सकारात्मकता और सेवा भाव को महसूस किया जा सकता है। यहाँ परोसने वाले स्वयंसेवकों की मुस्कान और सेवा का भाव जितना सुंदर है, उतना ही प्रेरणादायक भी। संस्था के सदस्य रजनीश मिश्रा ने बताया स्वयंसेवक अपनी मर्जी से इस नेक काम में शामिल होते हैं, और यहाँ भोजन सिर्फ एक प्लेट खाना नहीं, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी और प्रेम का प्रतीक बन जाता है।
आशीष श्रीवास्तव का मानना है कि भूखे को भोजन देना सिर्फ एक सेवा नहीं, बल्कि हमारे दिल को शांति और संतुष्टि का भी एहसास कराता है। इस नेक पहल के माध्यम से वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के साथ ही सुकून और पुण्य का अनुभव करते हैं।
संस्था के सदस्य विकास पाण्डेय का कहना है ब्रज की रसोई आम जनता से भी सहयोग की अपील करती है ताकि यह मिशन और व्यापक हो सके। आपके छोटे से सहयोग से कई गरीब और बेसहारा लोगों के जीवन में बदलाव आ सकता है। चाहे एक वक्त का भोजन हो या किसी अन्य रूप में मदद, हर छोटी-सी मदद इन जरूरतमंदों के जीवन में एक बड़ी उम्मीद भर सकती है।
सामाजिक कार्यकर्त्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा इस प्रकार, ब्रज की रसोई लखनऊ में एक अनूठी और प्रेरणादायक पहल बन चुकी है, जो समाज में नई उम्मीद और खुशियाँ भर रही है।
संस्था के सक्रिय सदस्य विशाल सक्सेना ने जानकारी दी कि आज आशियाना क्षेत्र के रतन खंड पानी टंकी के पास की झुग्गियों और निर्माणाधीन स्कूल में काम कर रहे मजदूरों और उनके परिवारों सहित जोन 8 के सामने स्थित झुग्गी बस्तियों में भोजन वितरण का आयोजन किया गया। इस दौरान लगभग 830 जरूरतमंद लोगों को भोजन के रूप में कढ़ी चावल परोसा गया।
इस मानवीय पहल में देवांश रस्तोगी, पंकज राय, संजय श्रीवास्तव, विशाल सक्सेना, आशीष श्रीवास्तव, नवल सिंह, रजनीश मिश्रा, विकास पाण्डेय, रंजीत और ध्रुब सक्सेना जैसे समर्पित समाजसेवियों का योगदान रहा। विपिन शर्मा ने सभी समाजसेवियों का आभार व्यक्त करते हुए इस अभियान को समाज में एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बताया।