भ्रष्टाचार में लिप्त लखनऊ जेलर पर शासन ने की कार्रवाई : निलंबन से बचाकर कारागार प्रशिक्षण संस्थान से करा दिया अटैच
इस बवाल के बाद हरकत में आए शासन व जेल मुख्यालय के अधिकारियों ने जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा, जेलर अंजनी गुप्ता समेत दो डिप्टी जेलर व कई वार्डर को निलंबित कर दिया।
लखनऊ। शासन ने देर से सही भ्रष्टाचार में लिप्त लखनऊ जेलर के खिलाफ आखिरकार कार्रवाई कर ही डाली। यह अलग बात है कि शासन ने गलत रिहाई करने वाले जेलर के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है। दूसरी ओर शासन ने दो निलंबित अधीक्षक को बहाल करके नई जेलों पर तेनाती दे दी है। बहाल हुए अधीक्षक उदय प्रताप मिश्रा को हरदोई व विजय विक्रम सिंह को कासगंज जिला जेल पर तैनात किया गया है। लखनऊ जेल में तैनात जेलर योगेश कुमार को हटाकर कारागार प्रशिक्षण संस्थान से सम्बंद्ध किया है।
दो अधीक्षक हुए बहाल, यूपी मिश्रा हरदोई व विजय विक्रम कासगंज में तैनाती : विभागीय जानकारों के मुताबिक बीते वर्ष मई जून माह में बलिया जेल में जेल प्रशासन के उत्पीडऩ से आजिज आकर बंदियों ने जमकर ववाल काटा था। आक्रोशित बंदियों ने जेल में आगजनी व लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था। इस बवाल के बाद हरकत में आए शासन व जेल मुख्यालय के अधिकारियों ने जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा, जेलर अंजनी गुप्ता समेत दो डिप्टी जेलर व कई वार्डर को निलंबित कर दिया। इन निलंबित अधिकारियों में पूर्व में कई को बहाल करके नए स्थानों पर तैनाती भी दे दी गई। इसके अलावा बरेली से बांदा स्थानांतरित किए गए विजय विक्रम सिंह के बांदा में प्रभार नहीं संभालने की वजह से उन्हें निलंबित कर दिया गया था। गुरुवार को शासन ने इन दोनों अधीक्षक को बहाल कर नई जेलों पर तैनाती दे दी गई। उदय प्रताप मिश्रा को हरदोई जेल और विजय विक्रम सिंह को कासगंज में तैनात किया गया है।
उधर दूसरी ओर लखनऊ जेेल में तैनात जेलर योगेश कुमार के भ्रष्टाचार में लिप्त होने एवं बंदियों से अवैेध वसूली करने की तमाम शिकायत शासन को मिली। सूत्रों का कहना है कि बंदियों के उत्पीडऩ के इस मामले को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने गंभीरता से लेते हुए जेलर को निलंबित किया जाने का आदेश दिया। जेल मुख्यालय के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के आरोपी जेलर को निलंबन से बचाते हुए जेल से हटाने व जेल प्रशिक्षण संस्थान में अटैच कराने में कामयाब हो गए। शासन ने एक जेलर के खिलाफ तो कार्रवाई कर दी किंतु जेल से तीन बंदियों की गलत रिहाई करने वाले जेलर के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उधर इस संबंध में जब आईजी जेल आनंद कुमार से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। डीआईजी जेल मुख्यालय ने एक अधीक्षक की बहाली व लखनऊ जेलर को हटाए जाने की पुष्टि की है।
राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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