महिला काव्य मंच (रजि.)उत्तर प्रदेश (मध्य )की लखनऊ इकाई की मासिक काव्य गोष्ठी का आज गूगल मीट के माध्यम से हुआ आयोजन
गोष्ठी डॉ रीना श्रीवास्तव जी की अध्यक्षता एवं संयोजन में संपन्न हुई।कार्यक्रम की शुरुआत हुई डॉ शोभा बाजपेई के गीत 'ये किसने था उठाया सुबह सवेरे' से हुई।उसके बाद डॉ अनुराधा पान्डेय ने 'हरित हरित अवनी'गाकर शमां बांध दिया l
महिला काव्य मंच (रजि.)उत्तर प्रदेश (मध्य )की लखनऊ इकाई की मासिक काव्य गोष्ठी का आज दिनांक 24-5-2022 को गूगल मीट के माध्यम से आयोजन हुआ ।गुलाबी होते मौसम में काव्य गोष्ठी ने रंग भर दिए ।
गोष्ठी डॉ रीना श्रीवास्तव जी की अध्यक्षता एवं संयोजन में संपन्न हुई।कार्यक्रम की शुरुआत हुई डॉ शोभा बाजपेई के गीत 'ये किसने था उठाया सुबह सवेरे' से हुई।उसके बाद डॉ अनुराधा पान्डेय ने 'हरित हरित अवनी'गाकर शमां बांध दिया l
डॉ सुधा मिश्रा ने' बिन कहे अहम तज देती हूं',श्रीमती स्नेहलता जी ने 'मुझको मेरे बाल बच्चों से जुदा यूं कर दिया',डॉ रेखा गुप्ता ने अपनी गजल' ये दिल तेरे बिना लगता नहीं',डॉ कालिंदी पांडे ने'कर्मों की रेखा ',डॉ कीर्ति श्रीवास्तव ने 'कितने मसले ऐसे ही सुलझ जाएं', सुश्री अंजू ने 'माँ' पर रचनाएं 'प्रस्तुति की ।
बीना श्रीवास्तव ने' हिया चैन न पाएगा 'व साधना मिश्रा'लखनवी'जी ने' डोली अरमानों की'सुना कर वाहवाही लूटी। डॉ पूनम सिंह ने'पुष्प हो मकरंद बनो', डॉ अर्चना सिंह ने' यह मंदिर नहीं हमारा,ये मस्जिद नहीं हमारा',अर्चना पाल ने 'हिंद एक हिंदुत्व अनेक'डॉ शोभा त्रिपाठी ने' जीवन अब तक बाकी है'और अंत में डॉ रीना श्रीवास्तव जी ने अपनी कविता 'अब न है वो रिश्ता तुमसे'के साथ गोष्ठी का समापन किया।
कार्यक्रम का बहुत ही कुशलतापूर्वक एवं प्रभावशाली संचालन करते हुए डॉ रीना श्रीवास्तव ने सभी कवयित्रियों का आभार व्यक्त किया तथा सर्वे भवन्तु सुखिना,सर्वे संतु निरामया के संदेश के साथ कार्यक्रम को विराम दिया।