उत्तराखंड एसएससी पेपर लीक मास्टर माइंड लखनऊ में गिरफ्तार : सैयद सादिक मूसा और योगेश्वर राव को यूपी STF ने किया अरेस्ट
उत्तराखंड में पेपरलीक को लेकर खासा बवाल मचा हुआ है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी UKSSSC की परीक्षा से पहले ही पर्चा लीक हो गया था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेपर लीक केस को विवाद बढ़ने पर खुद समीक्षा बैठक की थी और परीक्षा रद्द करने का ऐलान किया था।
उत्तराखंड में SSSC-2021 परीक्षा का पेपर लीक मामले के दो आरोपी लखनऊ में गिरफ्तार हुए है। SSSC-2021 परीक्षा का पेपर लीक कराने के मास्टर माइंड दो लाख के इनामी सादिक मूसा को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। STF ने मूसा के साथी और एक लाख के इनामी योगेश्वर राव को भी गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपियों के खिलाफ देहरादून के रायपुर थाने में धोखाधड़ी और गैंगेस्टर एक्ट समेत कई संगीन धाराओं में FIR दर्ज है।
यूपी STF का दावा है कि मूसा शाहगंज, जौनपुर का रहने वाला है और वर्तमान में अकबरपुर अंबेडकरनगर में रह रहा था। वहीं, योगेश्वर राव भड़सर गाजीपुर का मूल निवासी है और अभी बी ब्लाक इंदिरानगर में रहता था।
लखनऊ में प्रिंट हुआ था UKSSSC का पेपर : एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश का दावा है कि UKSSSC-2021 का पेपर लखनऊ में ही प्रिंट हुआ था। पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र इंजीनियरिंग कालेज चौराहा स्थित आरएमएस सल्यूशन कंपनी छाप रही थी। इसकी जानकारी उन्हें कंपनी के कर्मचारी काशान शेख ने दी। काशान ने बताया था कि परीक्षा चार-पांच मई 2021 को होगी, जिसका पेपर वो उपलब्ध करा देगा। इसके लिए उसने प्रत्येक अभ्यर्थी आठ लाख रुपये की मांग की।
अमिताभ यश, ADG UP STF
8 लाख में तय हुआ पेपर का सौदा : अमिताभ यश की मानें तो सादिक मूसा और योगेश्रवर राव ने काशान से 8 लाख में पेपर का सौदा तय कर लिया। पांच मई को होने वाली दूसरी पाली की परीक्षा का पेपर काशान ने उन्हें समय से पहले उपलब्ध करा दिया। पेपर मिलने पर मूसा और योगेश्वर ने इसकी जानकारी उत्तराखंड निवासी शशिकांत सिंह और जौनपुर के केंद्रपाल सिंह को दी। इसके बाद दोनों अपने साथी फिरोज व संपन्न राव के साथ चार दिसंबर को हल्द्वानी पहुंचे। होटल के कमरे में शशिकांत और केंद्रपाल से दोनों की मुलाकात हुई।
इस दौरान तय हुआ कि हर अभ्यर्थी से 10 लाख रुपये लिया जाएगा। यानी प्रति अभ्यर्थी 10 लाख में सौदा तय हुआ। इसके बाद आरोपी प्रश्न-पत्र देकर वापस लौट आए। परीक्षा के बाद शशिकांत ने योगेश्वर को 20 लाख रुपये दिए और बाकि की रकम बाद में देने की बात कही। 20 लाख रुपये योगेश्वर ने काशान को दे दिया।
रिजल्ट के बाद गड़बड़ी आई सामने : UKSSSC- का परीक्षा का परिणाम घोषित हो गया। इसके बाद अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग शुरु हुई। इसी स्क्रीनिंग में अनियमितता उजागर हुई और 100 अभ्यर्थी संदिग्ध पाए गए। इसके बाद आयोग ने जांच के निर्देश दिए और एफआइआर दर्ज की गई। छानबीन में आरोपितों का फर्जीवाड़ा सामने आया और दोनों पर इनाम घोषित कर दिया गया। तब से दोनो फरार थे, जिन्हें गिरफ्तार कर यूपी एसटीएफ ने उत्तराखंड पुलिस को सौंप दिया है।
पेपर लीक मामले में दवाब में है धामी सरकार : उत्तराखंड में पेपरलीक को लेकर खासा बवाल मचा हुआ है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी UKSSSC की परीक्षा से पहले ही पर्चा लीक हो गया था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेपर लीक केस को विवाद बढ़ने पर खुद समीक्षा बैठक की थी और परीक्षा रद्द करने का ऐलान किया था।
तीन दिन पहले भी बिजनौर से 2 आरोपी हुए थे गिरफ्तार : इससे पहले UKSSSC के स्नातक स्तर के पेपर लीक प्रकरण में यूपी एसटीएफ ने 13 सिंतबर को दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया था। विकास कुमार निवासी आलमपुर, रेहड़, धामपुर बिजनौर और संजीव कुमार मुरादाबाद का रहने वाला है। इन दोनों पर धामपुर में नकल केंद्र में अभ्यर्थियों को पहुंचाने का काम किया था।