आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से यूपी में नहरों का कटान रोकने की तैयारी
जल शक्ति मंत्री ने सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज स्थित आधुनिक प्रयोगशालाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने संस्थान स्थित साइबर सिमुलेटर, इंडस्ट्रीयल ऑटोमेशन लैब, इंडस्ट्रीयल रोबोटिक्स लैब, थ्री डी प्रिटिंग लैब, गूगल कोड लैब, नैनो सेंटर और आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस लैब का भी निरीक्षण किया
मुख्य बातें
- आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक साधनों के उपयोग से सिंचाई व्यवस्था को बनाया जाएगा और अधिक प्रभावशाली
- जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने एकेटीयू में ‘जल प्रबंधन के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने’ के विषय पर विशेषज्ञों से की चर्चा
- एकेटीयू के तकनीकी सहयोग से प्रदेश में जल्द ही देखने को मिलेगा बड़ा परिवर्तन
लखनऊ : आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस से प्रदेश में नहरों का कटान रोकने की बड़ी तैयारी की जा रही है। आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक साधनों से सिंचाई व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जा रहा है। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह इस कवायद में तेजी से जुटे हुए हैं। मंगलवार को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) पहुंच कर उन्होंने प्रदेश में जल प्रबंधन के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने पर विशेषज्ञों से लम्बी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सिंचाई में तकनीकी के उपयोग से बहुत जल्द बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा।
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह विभाग की योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने और अन्नदाता किसानों को सिंचाई परियोजनाओं का अधिक से अधिक लाभ दिलाने में जुटे हैं। विभाग की योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग को बढ़ावा देने की तैयारी में हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से नहरों का कटान रोका जा सकेगा और नहरों का रखरखाव उचित तरीके से होगा।
एकेटीयू के विशेषज्ञों से उन्होंने इस विषय पर चर्चा भी की। जल शक्ति मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि खेत और किसान सरकार की प्राथमिकता में हैं और सिंचाई व्यवस्था इसका आधार है। आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक साधनों का उपयोग कर सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग प्रदेश की सिंचाई व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाएगा। सरकार प्रदेश में जल प्रबंधन को लेकर कई तरह की योजनाएं चला रही है। जिसमें सबसे महत्वाकांक्षी योजना हर घर जल है। आने वाले समय में प्रदेश के हर घर में नल के माध्यम से पानी की सप्लाई होगी। साथ ही नदियों की सफाई प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में है। ऐसे में तकनीकी सहयोग और विशेषज्ञों की राय की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी को ध्यान में रखते हुए जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने प्रदेश में नदियों, नालों, तालाबों, कुंओं आदि के सफाई पर विषय विशेषज्ञों से विस्तार से चर्चा की और कहा कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश में जल प्रबंधन का कार्य तेजी से हो। इस कार्य में विशेषज्ञ और तकनीकी सहयोग जरूरी है।
इस दिशा में एकेटीयू का सहयोग भी जरूरी है। यहां के विशेषज्ञ अपने अनुभव और शोध के जरिये निश्चित ही लाभ पहुंचाएंगे। एकेटीयू के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने जल शक्ति मंत्री को सभी प्रकार का सहयोग देने का आश्वासन दिया और कहा कि विश्वविद्यालय प्रदेश के विकास में हर तरह भागीदार बनने को तैयार है। फिर चाहे वह तकनीकी सहयोग हो या विशेषज्ञों का।
जलशक्ति मंत्री ने आधुनिक प्रयोगशालाओं का किया निरीक्षण : जल शक्ति मंत्री ने सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज स्थित आधुनिक प्रयोगशालाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने संस्थान स्थित साइबर सिमुलेटर, इंडस्ट्रीयल ऑटोमेशन लैब, इंडस्ट्रीयल रोबोटिक्स लैब, थ्री डी प्रिटिंग लैब, गूगल कोड लैब, नैनो सेंटर और आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस लैब का भी निरीक्षण किया और उनकी जानकारी ली। साथ ही इन लैब का विभिन्न योजनाओं में उपयोग के बारे में पूछा। कुलसचिव सचिन सिंह, प्रति कुलपति प्रो. मनीष गौड़, उपकुलसचिव डॉ. आरके सिंह, प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ जगवीर रावत, सामाजिक उद्यमी डॉ प्रमोद कुमार सिंह एवं डॉ आनंद पटेल सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
पल्लव शर्मा
सीनियर पत्रकार