up : गोरखपुर में बनेगा यूपी का पहला आयुष विश्वविद्यालय, राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने किया शिलान्यास
उत्तर प्रदेश के चार दिवसीय दौरे पर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने शनिवार को गोरखपुर में प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय की नींव रखी. इस दौरान भटहट के पिपरी में आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास के बाद राष्ट्रपति ने कार्यक्रम को भी संबोधित किया.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में चार साल के भीतर दूसरी बार गोरखपुर (Gorakhpur) आए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने शनिवार को भटहट के पिपरी में स्थित प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय (Ayush University) की आधारशिला रखी. राष्ट्रपति सुबह सेना के हैलीकॉप्टर से गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचे. वहां से वायुसेना के हेलीकॉप्टर से भटहट के पिपरी पहुंचे. जहां पर शिलान्यास समारोह में देश की प्रथम महिला सविता कोविंद, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे.
दरअसल, प्रदेश के आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उनकी पत्नी सविता कोविन्द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अभिवादन किया. राष्ट्रपति ने यहां आयुष विश्वद्यालय के शिलान्यास के साथ ही गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय में अस्पताल भवन का भी उद्घाटन किया. राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में आयुष विश्वविद्यालय के बारे में कहा कि शरीर ही सारे कामों को पूरा करने का पहला साधन होता है. इसलिए शरीर को स्वस्थ रखना सबसे ज्यादा जरूरी है. सभी लोगों की शरीर निरोगी और स्वस्थ रहे, इस उद्देश्य को सफल बनाने के लिए महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है.
माननीय राष्ट्रपति आदरणीय श्री राम नाथ कोविन्द जी के कर-कमलों द्वारा उत्तर प्रदेश के प्रथम आयुष विश्वविद्यालय ‘महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर’ का शिलान्यास... https://t.co/6S25ZaDmQ3
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 28, 2021
पूरी दुनिया अपना रही भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति : राष्ट्रपति ने बताया कि महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के स्थापना की शिलान्यास करते हुए उन्हें बेहद प्रसन्नता हो रही है. शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भारत में कई प्रकार की चिकित्सा पद्यतियां प्रचलित रही हैं. भारत सरकार ने आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, युनानी, सिद्ध और होम्योपैथी चिकित्सा पद्यतियों को सामूहिक रूप से आयुष के नाम से जाना जाता है. राष्ट्रपति ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय यहां की जनता के लिए बड़ा बरदान साबित होगा.
पीएम ने भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को दिलाई पहचान : इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है. आज उसी क्रम में अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. इसके लिए भारत सरकार ने अलग से आयुष मंत्रालय का गठन किया है. बीते डेढ़ सालों में पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप है. सीएम योगी ने कहा कि दुनिया का कोई भी देश ऐसा नहीं है, जिन्होंने भारत की परंपरागत आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का उपयोग न किया हो. आज दुनिया में हल्दी का पानी पीने के लिए लाइन लग रही है. जबकि अपने में सालों से हर खाने के पदार्थ में हल्दी का उपयोग किया जाता रहा है. देश की आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को आगे ले जाने के क्रम में ही प्रदेश सरकार आयुष विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रही है.