अफगान संकट पड़ रहा जेब पर भारी : देशभर में अचानक बढ़े ड्राईफ्रूट्स के दाम, देखें आपके शहर में क्या है कीमत?
देश की राजधानी दिल्ली समेत जम्मू-कश्मीर, पंजाब-हरियाणा, उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड और हिमाचल के कई शहरों में कुछ दिनों से सूखे मेवे (ड्राईफ्रूट) के दाम बढ़ने शुरू हो गए हैं।
देश के विभिन्न शहरों में ड्राईफ्रूट के दाम अचानक बढ़ने शुरू हो गए हैं। इसका असर बाजार में दिखाई देने लगा है। दाम बढ़ने का मुख्य कारण अफगानिस्तान प्रकरण भी माना जा रहा है। थोक कारोबारी अभी से दीपावली के लिए बड़े ऑर्डर दे रहे हैं इसका भी फुटकर मार्केट में असर दिख रहा है।
देश की राजधानी दिल्ली समेत जम्मू-कश्मीर, पंजाब-हरियाणा, उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड और हिमाचल के कई शहरों में कुछ दिनों से सूखे मेवे (ड्राईफ्रूट) के दाम बढ़ने शुरू हो गए हैं। कारोबारी संगठनों के अलावा अन्य जानकार इसके कई कारण बता रहे हैं। इसमें मुख्य वजह अफगानिस्तान संकट भी बताया जा रहा है। दाम बढ़ने के कारण ड्राई फ्रूट्स की कम पैदावार और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कंटेनर्स की कमी भी है। अफगानिस्तान में बिगड़े हालात ने सबसे ज्यादा खपत वाले केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के सूखे मेवे के कारोबार को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर में सूखे मेवे के कारोबार में अफगानिस्तान से आने वाले अंजीर, सूखी खुमानी समेत अन्य मेवे की हिस्सेदारी करीब 30 फीसदी है। अनाज मंडी जम्मू वेयर हाउस में 50 फीसदी ड्राई फ्रूट अफगानिस्तान से ही आता है, जो ग्राहकों की पहली पसंद रहता है। यहां तीन सप्ताह से कोई आपूर्ति नहीं हुई है, जिससे सूखे मेवे के दाम चढ़ गए हैं। इससे रक्षा बंधन पर्व पर अच्छे कारोबार की आस लगाए खुदरा व्यापारियों में मायूसी छा गई है।
300 रुपये प्रति किलो तक बढ़े दाम : जम्मू में सिर्फ बादाम की बात करें तो पिछले कुछ समय में प्रति किलो 300 रुपये तक की बढ़ोतरी हो गई है। यही हाल किशमिश, अंजीर, पिस्ता, सूखी खुबानी और जीरा का भी है। अंजीर की कीमतों में 250 रुपये प्रति किलो की वृद्धि दर्ज की गई है। रिटेल ड्राई फ्रूट एसोसिएशन जम्मू तवी के सचिव सुदेश सूरी ने बताया कि पिछले तीन सप्ताह से सामान नहीं आ रहा है। अभी दुकानदारों के पास जो थोड़ा सामान बचा था वही बिक रहा है। त्योहारों पर मांग बढ़ने के साथ ही दाम भी बढ़ रहे हैं।
बादाम गिरी के दाम में चार से छह सौ तक बढ़े : बदाम गिरी के दाम 400 से 600 रुपये तक प्रति किलोग्राम बढ़ गए हैं। अंजीर के दामों में 100 से 200 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है। अगले सप्ताह रक्षाबंधन और फिर जन्माष्टी पर्व है, ऐसे में मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि बादाम गिरी अमेरिका से आती है, लेकिन इस बार पैदावार कम होने से आयात कम हुआ है, जिससे दामों में बढ़ोतरी हुई है।
पिस्ता के दाम पहुंचे 2100 रुपये : पिस्ता के दाम जून में 1500 रुपये किलो था। तब इसके रेट बढ़ने के पीछे कम पैदावार होने के बात कही गई थी। अब इसके रेट 2100 रुपये पहुंच गए हैं।
कारोबारी संगठनों ने माना कारोबार पर अफगानिस्तान प्रकरण का असर : ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस नेहरू मार्केट जम्मू के अध्यक्ष दीपक गुप्ता ने कहा कि अफगानिस्तान में उपजे हालात का जम्मू-कश्मीर के थोक ड्राई फ्रूट कारोबार पर असर पड़ा है। यहां 50 फीसदी तक ड्राई फ्रूट अफगानिस्तान से ही आयात हो रहा था, लेकिन अब भविष्य में वहां के हालात पर ही इस कारोबार की स्थिति निर्भर करेगा।
कोरोना के कारण बाजार पर पहले से असर : कोविड से पहले ही बाजार टूटा हुआ है। रक्षाबंधन और जन्माष्टमी पर सूखे मेवे के उपहार पर महंगाई की मार पड़ेगी। यहां तक कि दीपावली के बाजार पर भी इसका असर पड़ सकता है।
100 से 200 रुपये प्रति किलो महंगा हुआ ड्राईफ्रूट : रघुनाथ मंदिर में ड्राईफ्रूट विक्रेता ने कहा कि अफगानिस्तान से आने वाले सामान की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है। अभी पुराना बचा सामान बेच रहे थे। आयात बंद होने से त्योहारों पर दामों में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। वहीं, शहर के सूखे मेवे के कारोबारी शांति गुप्ता ने कहा कि अफगानिस्तान से मेवे की आपूर्ति रुकने से खुदरा बिक्री प्रभावित हुई है।
अंजीर की मांग होने लगी है ज्यादा, लोग मिठाई पर निर्भर : कारोबारियों के अनुसार वर्तमान समय में अंजीर की डिमांड बाजार में सबसे ज्यादा है। कोविड काल में अंजीर को पौष्टिक तत्वों की प्रचुरता की वजह से लोग ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। लगभग दो सप्ताह पहले इसकी कीमत खुदरा बाजार में 850 रुपये प्रति किलो थी लेकिन अफगानिस्तान में हालात बिगड़ने के कारण यह 1100 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है। भविष्य में भी हालात बेहतर होते नहीं दिख रहे। ड्राईफ्रूट्स के रेट बढ़ने से लोगों का फोकस अब मिठाइयों पर हो गया है।
अफगानिस्तान से इन मेवों का होता है आयात : अफगानिस्तान से देश में सूखे मेवों में काली किशमिश, अखरोट, अंजीर, बादाम, पेशावरी पिस्ता, मुनक्का और सूखी खुबानी का मुख्य रूप से आयात होता है।
सभी प्रमुख राज्यों के दाम
- 1- अंजीर 1100 रुपये
- 2- बादाम 1000 रुपये
- 3- सूखी खुबानी 600 रुपये
- 4- काली किशमिश 600 रुपये
- 5- पेशावरी पिस्ता 2300 रुपये
- 6- मुनक्का 600 रुपये
नोट: अलग-अलग शहरों में दामों में अंतर संभव
हिमाचल में भी बढ़े दाम, पंजाब में दोगुने का अंतर : हिमाचल में ड्राईफ्रूट के अलावा अन्य चीजों के दामों में बढ़ोतरी हो गई है। शिमला स्थित अनाज मंडी के कारोबारियों के मुताबिक ड्राईफूट के दाम सौ रुपये तक बढ़ गए हैं। प्रदेश में बादाम और काजू के दाम 800 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। उधर, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पंजाब से करोड़ों रुपये के ड्राईफ्रूट का कारोबार पर भारी असर पड़ा है। पंजाब में अफगानिस्तान से आपूर्ति प्रभावित होने से ड्राईफ्रूट के रेट में करीब दोगुने की वृद्धि हो गई है। अफगानिस्तान से अटारी बॉर्डर के रास्ते आता है ड्राईफ्रूट पंबाज समेत दूसरे राज्यों को जाता है। एक अनुमान के मुताबिक हर साल अफगानिस्तान से करीब तीन हजार करोड़ रुपये का ड्राईफ्रूट आयात किया जाता है।
उत्तराखंड: देहरादून और नैनीताल में दिखा असर : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून समेत हरिद्वार और नैनीताल जिले के बाजारों में भी ड्राई फ्रूट्स के दामों पर भारी अंतर देखने को मिल रहा है। अफगानिस्तान से ड्राई फ्रूट्स का आयात प्रभावित होने से ड्राई फ्रूट्स में करीब 200 से 300 रुपये प्रति किलो का इजाफा हुआ है। देहरादून में बादाम के दाम एक हजार रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। वहीं, काजू भी महंगा हुआ है।
कारोबारियों ने बताया के एक हफ्ते के अंदर ही सभी ड्राई फ्रूट्स के दामों में 200-300 रुपये प्रति किलो की बढ़त हुई है। बताया कि 600 रुपये प्रति किलो बिकने वाले बादाम की कीमत 930 से 1000 रुपये हो गई है। जबकि, 600 रुपये प्रति किलो बिकने वाला काजू 800 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। ऐसे ही अखरोट, किशमिश, मुनक्का, अंजीर, पिस्ता समेत सभी ड्राई फ्रूट्स के दाम में 200 से 300 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
यूपी और दिल्ली में दिखा असर : अफगानिस्तान इफेक्ट का दिल्ली के व्यापार पर भी बड़ा असर पड़ने लगा है। इसके साथ ही कारोबारियों की चिंता ज्यादा बढ़ गई है। देश की राजधानी दिल्ली और एशिया की सबसे बड़ी ड्राई फ्रूट मार्केट खारी बावली में इस संकट का बड़ा असर देखने को मिल रहा है। यहां के स्थानीय कारोबारियों के मुताबिक अफगानिस्तान से पिछले एक सप्ताह से माल बेहद कम आ रहा है। इससे अलावा जो माल अफगानिस्तान से चल चुका था, वह भी अभी रास्ते में ही है।