पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर उतरेगा राफेल : 14 नवंबर को लोकार्पण समारोह में होगा एयर-शो, PM- CM के सामने धमक दिखाएंगे जगुआर, सुखोई और मिराज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 16 नवंबर को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करेंगे तो उनके सामने इस एक्सप्रेस वे पर राफेल, सुखोई जैसे लड़ाकू विमान भी करतब दिखाते हुए नजर आएंगे।
लखनऊ : पूर्वांचल की बदहाली, गरीबी, बेबशी और अति पिछड़ेपन का दंश कभी लोकसभा में गाजीपुर के तत्कालीन सांसद विश्वनाथ गहमरी ने इस भावुकता से उठाया था कि सदन में बैठे अधिकांश माननीयों की आंखें नम हो गई थीं। पूरब के लोगों की आंखें एक बार फिर छलकने को बेताब हैं। पर, इस बार आंसू खुशी के होंगे, समृद्धि के पूरे होते सपनों के होंगे, देश की अर्थव्यवस्था में सिरमौर बनने के लिए बढ़ते कदम के होंगे। अवसर होगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन का। इस एक्सप्रेसवे के रूप में पूरब के लोगों को तरक्की का "गेटवे" भी मिल जाएगा। पूर्वांचल के लोगों के लिए दिल्ली अब दूर नहीं होगी, गाजीपुर से सिर्फ 10 घण्टे में देश की राजधानी पहुंचा जा सकेगा। पहले इसका दोगुना या इससे भी अधिक समय लगता था l
मुख्य बातें
- 16 नवंबर को पूर्वांचल एक्सप्रेस को जनता को समर्पित करेंगे प्रधानमंत्री
- सुल्तानपुर जिले में बनी हवाई पट्टी पर होगा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण कार्यक्रम
- लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान भारतीय वायुसेना का होगा शक्ति प्रदर्शन
6 लेन का है पूर्वांचल एक्सप्रेस वे : योगी सरकार ने यूपी में रोड कनेक्टिविटी को अर्थव्यवस्था के मजबूत प्लेटफार्म के रूप में तैयार किया है। सीएम के निर्देश पर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को भी इसी मंशा से विकसित किया गया है। पूर्व की सरकारों में जिन जिलों में पारंपरिक सड़कें ही चलने लायक नहीं थीं, वहां सिक्स लेन एक्सप्रेसवे की सौगात विकास की नई इबारत लिखने जा रही है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को इतना मजबूत बनाया गया है कि आपातकालीन आवश्यकता पर वायुसेना अपने लड़ाकू विमान की इस पर लैंडिंग भी कर सकती है। एक्सप्रेसवे पर सुल्तानपुर में बकायदे 3.2 किमी लंबी सड़क को वायुसेना की हवाई पट्टी के रूप में ही विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री द्वारा सुल्तानपुर में एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किए जाने से पूर्व वायुसेना यहां लड़ाकू विमान की ट्रायल लैंडिंग कर सकती है।
16 नवंबर को सैन्य शक्ति का होगा प्रदर्शन : 16 नवंबर को जब पीएम नरेंद्र मोदी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण करेंगे तब इस एक्सप्रेस की हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमान राफेल भी गरजेगा। यह पहली बार होगा जब राफेल किसी एक्सप्रेस वे पर उतरेगा। यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी के अनुसार, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी की मौजूदगी में एक्सप्रेस वे के लोकार्पण के अवसर पर वायुसेना के जाबांज पायलट एयर शो में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। इस एक्सप्रेस वे पर पांच एयर स्टेशन से 25 से अधिक लड़ाकू विमान लैंड करेंगे। बीकेटी से किरण मार्क टू विमान उड़ान भरेगा तो हिंडन से सी 130 हरकुलिस और जगुआर, बरेली से सुखोई, ग्वालियर से मिराज, गोरखपुर से जगुआर, आगरा से एएन 32 विमान उड़ान भरकर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर उतरेंगे।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे : एक नजर में
- शिलान्यास - 14 जुलाई 2018 पीएम मोदी के कर कमलों से
- एक्सप्रेसवे का प्रारंभिक स्थान- एनएच 731 के लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर स्थित लखनऊ का चांदसराय गांव
- अंतिम स्थान - एनएच 19 पर गाजीपुर का हैदरिया गांव (यूपी-बिहार बॉर्डर से 18 किमी पहले)
- ले आउट - पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित 6 लेन, कुल लम्बाई 340.824 किमी
- परियोजना की लागत - 22494.66 करोड़ रुपये, भूमि अधिग्रहण समेत
- कवर हुए जनपद - 9 (लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ व गाजीपुर)
मिलेगा कारोबारी गतिविधियों को बढ़ावा : यह एक्सप्रेसवे सिर्फ आमजन की आवागमन सुगमता का ही मार्ग नहीं है बल्कि निवेश व औद्योगिक विकास से रोजगार का भी नया द्वार खोलने वाला है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के दायरे में आने वाले जनपदों में कारोबारी गतिविधियों को नया विस्तार तो मिलेगा ही, एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल क्लस्टर स्थानीय श्रम शक्ति को सेवायोजित भी करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के समीप पांच इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की तरफ से नौ हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि चिन्हित भी कर ली गई है। चूंकि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के दायरे में आने वाले अधिकांश जिले कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले हैं, इसलिए इंडस्ट्रियल क्लस्टर में पहली प्राथमिकता फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स पर है। इसके अलावा टेक्सटाइल, रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पाद, बेवरेज, केमिकल, मेडिकल उपकरणों से जुड़ी फैक्ट्रियां भी स्थापित होंगी। इन फैक्ट्रियों में स्थानीय श्रम शक्ति को रोजगार मिल सके, इसके लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाएगा।