मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट के बाद बढ़ रहे डॉक्टरों से संपर्क के मामले : SGPGI, KGMU समेत सभी चिकित्सा संस्थानों में जारी हुआ अलर्ट

मंकी पॉक्स को लेकर लखनऊ समेत प्रदेश भर में अलर्ट पहले ही जारी किया जा चुका है। सीएमओ ने गुरुवार को सभी अस्पतालों को मंकीपॉक्स को लेकर जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। मंकी पॉक्स के लक्षण वाले मरीजों की जांच कराकर अलग भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं।

मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट के बाद बढ़ रहे डॉक्टरों से संपर्क के मामले : SGPGI, KGMU समेत सभी चिकित्सा संस्थानों में जारी हुआ अलर्ट
उत्तर प्रदेश में मंकी पॉक्स के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए कई लोग डॉक्टरों से संपर्क कर रहे है।

उत्तर प्रदेश में मंकी पॉक्स लेकर अलर्ट जारी हो गया है। इस रहस्यमई वायरस को लेकर सबसे ज्यादा दहशत ट्रांसजेंडर व गे कम्युनिटी सबसे ज्यादा दहशत देखी जा रही है। जानकार बताते है कि विदेशों में भी इसी वर्ग से जुड़े लोगों संक्रमित पाएं गए थे। राजधानी लखनऊ समेत यूपी के तमाम बड़े जिलों में सेक्स एक्सपर्ट्स चिकित्सकों से संपर्क कर मंकी पॉक्स के बारे में जानकारी लेने वालों की संख्या भी बढ़ी है। हालांकि चिकित्सक इन्हें जागरुक करके सतर्क रहने की सलाह ही देकर पैनिक न होने की बात कह रहे है।

लखनऊ के ट्रांसजेंडर और गे क्लब ने में भी जारी की एडवाइजरी : सूत्रों के हवाले से मिले जानकारी के अनुसार मंकी पॉक्स के इस कम्युनिटी में सबसे ज्यादा मामलें आने की खबर से स्थानीय गे क्लब और ट्रांसजेंडर कम्युनिटी में भी यही सबसे बर्निंग टॉपिक बन गया है। यहां तक कि क्लब के कई सक्रिय मेंबर्स ने इसको लेकर गहरी आशंकाएं भी जताई है। सर्वेश नाम के एक एक्टिव मेंबर ने बताया कि हमारे मन मे भी इसको लेकर कई तरह की बातें है, यही कारण है कि सीनियर डॉक्टर से एडवाइस लेना पड़ सकता है।

यौन रोग विशेषज्ञों से ले रहे सलाह : लखनऊ के राजनारायण लोकबंधु संयुक्त अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.अजय शंकर त्रिपाठी ने बतायाकि मंकी पॉक्स को लेकर एडवाइजरी जारी हो गई है। किसी मरीज में इसके संदिग्ध लक्षण पाएं जाने आइसोलेशन के साथ सैंपलिंग की भी व्यवस्था है। अस्पताल में चर्म और यौन रोग विशेषज्ञ चिकित्सक भी मौजूद है। और उनसे मरीज OPD में मिलकर सलाह ले सकते है। हां, यह भी सही है कि अब मंकी पॉक्स को लेकर तमाम लोग चिकित्सकों के संपर्क कर रहे है। के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि मंकी पॉक्स को लेकर एडवाइजरी जारी हो गई है। किसी मरीज में इसके संदिग्ध लक्षण पाएं जाने आइसोलेशन के साथ सैंपलिंग की भी व्यवस्था है। अस्पताल में चर्म और यौन रोग विशेषज्ञ चिकित्सक भी मौजूद है। और उनसे मरीज OPD में मिलकर सलाह ले सकते है। हां, यह भी सही है कि अब मंकी पॉक्स को लेकर तमाम लोग चिकित्सकों के संपर्क कर रहे है। सतर्कता जरूरी है पर पैनिक होने की जरूरत नही।

SGPGI, KGMU समेत सभी चिकित्सा संस्थानों में जारी हुआ अलर्ट : मंकी पॉक्स को लेकर लखनऊ समेत प्रदेश भर में अलर्ट पहले ही जारी किया जा चुका है। सीएमओ ने गुरुवार को सभी अस्पतालों को मंकीपॉक्स को लेकर जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। मंकी पॉक्स के लक्षण वाले मरीजों की जांच कराकर अलग भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं।

यहां जारी हुआ अलर्ट -

  • केजीएमयू
  • पीजीआई
  • लोहिया
  • बलरामपुर
  • सिविल
  • रानी लक्ष्मीबाई
  • लोकबंधु ....... समेत दूसरे अस्पतालों में मंकीपॉक्स को लेकर दिशा-निर्देश भेजे गए हैं।

ऐसे होगी जांच - KGMU के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि अभी भारत में मंकी पॉक्स का कोई मरीज सामने नहीं आया है। फिर भी एहतियात बरतने की जरूरत है। मंकी पॉक्स पीड़ितों को बुखार आता है। शरीर में चक्कते पड़ जाते हैं। साथ ही लिम्फनोड़ जैसे लक्षण मिलते हैं। ये लक्षण दो से चार हफ्ते रहते हैं। कुछ मरीजों की हालत गंभीर हो सकती है। यह वायरस कटी फटी त्वचा, आंख, नाक, मुंह के जरिए शरीर में दाखिल होता है। संक्रमित जानवरों के काटने या फिर खरोचने से भी यह संक्रमण हो सकता है। मंकी पॉक्स की जांच छाले के पानी, खून व बलगम की जांच से बीमारी की पहचान की जा सकती है। नमूने को पूणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी लैब में भेजा जाएगा।