बुलंदशहर स्पेशल कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : रेपिस्ट को 13 महीने में ही फांसी की सजा, 8 साल की बच्ची की रेप के बाद की थी हत्या
बुलंदशहर स्पेशल पाक्सो कोर्ट ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 8 साल की मासूम बच्ची के साथ रेप और हत्या के आरोपी को फांसी की सजा मुकर्रर की है। कोर्ट के इस फैसले को पीड़ित परिवार ने त्वरित इंसाफ के लिए नजीर बताया है। वहीं, आरोपी को कोर्ट से बाहर ले जाया जाने लगा तो उसकी मां बेहोश होकर गिर पड़ी। बच्ची के साथ 4 अगस्त 2020 को रेप हुआ था। इस लिहाज से कोर्ट ने 13 महीने में ही फैसला सुनाया है।
बुलंदशहर की विशेष न्यायाधीश (पाक्सो अधिनियम) डॉ. पल्लवी अग्रवाल ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया है। जज ने अपने फैसले में कहा, पीड़िता और उसकी बहन दोषसिद्ध अभियुक्त को 'भैया' कहकर पुकारती थी। आरोपी, मृतका को खाने की चीज का लालच देकर अपने साथ ले गया और वह भी बड़ा भाई समझकर विश्वास के साथ चली गई। दोषसिद्ध अभियुक्त कृत्य अत्यंत दुस्साहसी व वहशियाना है, जिसे बालिका को मारते व उसके शव को प्लास्टिक के कट्टे में बंद कर फेंकते हुए तनिक भी डर या संकोच नहीं था।
कोर्ट ने कहा, वह बच्ची आरोपी के सामने स्वयं को बचाने का पूर्ण प्रयत्न करती रही। अपने शरीर पर चोटें सहती रही और खुद को बचा नहीं पाई। कोर्ट ने कहा कि यह मानवीय रिश्तों के उल्लंघन और सामाजिक ढांचे को नष्ट कर देने वाला अपराध है। अभियुक्त में सुधार की गुंजाइश नहीं है। वह समाज पर ताउम्र बोझ रहेगा और जब भी समाज में आएगा, वह डर का माहौल पैदा करेगा। अभियुक्त के प्रति किसी नरमी का कोई औचित्य नहीं है।
फैसले में विलियम शेक्सपियर को किया कोट : जज डॉ. पल्लवी अग्रवाल ने अपने फैसले में विलियम शेक्सपियर को कोट करते हुए लिखा- "Women may fall when there no strength in men' अर्थात कोई स्त्री तब तक असहाय नहीं हो सकती, जब तक कि पुरुषों में शक्ति ही शेष न रहे। कोर्ट ने इसका अभिप्राय बताते हुए कहा कि प्रारंभ से ही पुरुष को स्त्री के संहारक नहीं, अपितु संरक्षक के तौर पर जाना जाता है जो उसके नारीत्व की सदैव रक्षा करे।
इस केस में 21 वर्षीय आरोपी ने 8 वर्षीय बालिका के नारीत्व का जघन्य बलात्कार कर मर्दन किया, बल्कि उसकी हत्या करके शव को फेंक दिया ताकि इस बारे में किसी को कोई खबर ही न हो सके। यह दोषसिद्ध अभियुक्त के दुस्साहस और घृणित मानसिकता को उजागर करता है।
क्या था मामला?
4 अगस्त 2020 को खुर्जा कोतवाली नगर क्षेत्र के एक गांव में एक व्यक्ति की आठ साल की बेटी अपनी छोटी बहन के साथ खेत पर जामुन बीनने के लिए गई थी। इसी बीच गांव का अशोक उनकी बड़ी बेटी को भुट्टा खिलाने के बहाने जंगल में ले गया और रेप के बाद हत्या कर शव को गन्ने के खेत में फेंक दिया।
इस मामले में खुर्जा कोतवाली नगर में पीड़िता के पिता ने आरोपी के खिलाफ हत्या और रेप की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। स्पेशल पाक्सो कोर्ट ने संवेदनशील मामले को एक साल एक माह तक सुना और आज आरोपी को फांसी की सजा सुना दी। फांसी के साथ कोर्ट ने एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।