उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा पेपर लीक : हुआ खुलासा , प्रश्नपत्र टाइप करने के लिए दिल्ली से 4 स्टूडेंट हायर किए थे, 4 अलग-अलग प्रेसों में प्रिंट हुआ
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा पेपर लीक की जांच में सामने आया है कि RSM फिनसर्व लिमिटेड दिल्ली के पास छपाई हेतु पर्याप्त संसाधन और ढांचागत सुविधा नहीं थी. RSM ने प्राइवेट कर्मचारियों की बिना जांच के नियुक्ति की और पेपर को टाइप कराने के लिए दिल्ली के स्कूल-कॉलेजों वाले चार छात्रों को बुलाया गया.
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा पेपर लीक (UP-TET Paper Leak) मामले में है दिन नए खुलासे हो रहे हैं और लापरवाही की दास्तान सामने आ रही है. यूपी STF और SIT को छानबीन में पता चला है कि पेपर टाइप कराने के लिए दिल्ली से 4 स्टूडेंट्स हायर किए गए थे. बिना जांच-पड़ताल के कुछ रुपए देकर इनसे पेपर टाइप कराया गया. इसके बाद नियमों के खिलाफ 4 अलग-अलग प्रेसों में पेपर छपवाया गया. इसमें एक प्रतिष्ठित मीडिया समूह की प्रेस भी शामिल है, जो नोएडा के सेक्टर-62 में स्थित है.
यूपी STF के सब इंस्पेक्टर अक्षय कुमार ने नोएडा के थाना सूरजपुर में दर्ज कराई गई FIR में पेपर छापने में बरती गई एक-एक लापरवाही का जिक्र किया गया है. इस FIR में पेपर आउट के लिए सीधे तौर पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय उपाध्याय को दोषी बताया गया है. पेपर लीक कांड की जांच अब एसटीएफ के नेतृत्व वाली SIT कर रही है और इस SIT में करीब 15 अधिकारी शामिल किए गए हैं.
स्कूल-कॉलेजों के 4 छात्रों ने पेपर टाइप किया : FIR के मुताबिक RSM फिनसर्व कंपनी ने TET का हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और संस्कृत भाषाओं में पेपर टाइप कराने के लिए दिल्ली में स्कूल-कॉलेजों के 4 छात्र हायर किए थे. यूपी STF ने इन छात्रों से भी पूछताछ की है. उन्होंने बताया कि उन्हें सिर्फ टाइपिंग के लिए बुलाया गया है. इसके बदले उन्हें मेहनताना दिया गया. बता दें कि 28 नवंबर को यूपी TET का सभी जिलों में पेपर था. सुबह 10 बजे पेपर शुरू होने से पहले ही प्रश्नपत्र लीक हो गया. इस वजह से परीक्षा रद करनी पड़ी. यूपी में करीब 21 लाख परीक्षार्थी प्रभावित हुए थे.
जमकर बरती गई लापरवाही : जांच में सामने आया है कि RSM फिनसर्व लिमिटेड दिल्ली के पास छपाई हेतु पर्याप्त संसाधन और ढांचागत सुविधा नहीं थी. मुद्रण का ठेका मिलते ही RSM ने प्राइवेट कर्मचारियों की बिना जांच के नियुक्ति की और पेपर को टाइप कराने के लिए दिल्ली के स्कूल-कॉलेजों वाले चार छात्रों को बुलाया गया. RSM ने पेपर खुद न छापकर दिल्ली, नोएडा, कोलकाता की चार प्रेस में छपवाए. RSM के मुख्य कार्यालय में बियर का गोदाम और ऑनलाइन परीक्षा केंद्र संचालित था. जिन चार प्रेस में पेपर छपा, वहां टाइपिंग, डिजाइनिंग, प्रूफ रीडिंग की CCTV एसटीएफ को नहीं मिली. RSM ने पेपर छापने वाली 4 प्रिंटिंग प्रेसों से नॉन डिस्क्लोजर एग्रीमेंट नहीं किया.
इस मामले में UP में अब तक करीब 36 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. इसमें पेपर छापने वाली कंपनी RSM फिनसर्व लिमिटेड के डायरेक्टर राय अनूप प्रसाद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय उपाध्याय भी शामिल हैं. संजय ने अनूप को यह ठेका 26 अक्टूबर को नोएडा के फाइव स्टार होटल में दिया था. पूरे केस की जांच यूपी STF के नेतृत्व वाली SIT को दी गई है. FIR के अनुसार, सचिव ने अनुचित लाभ के लिए अक्षम संस्था (RSM फिनसर्व लिमिटेड दिल्ली) को पेपर छापने का ठेका दे दिया. इस संस्था ने भी अनुभवहीन व्यक्तियों को नियुक्त करके पेपर छपवाया. ऐसे में प्रश्नपत्र की चेन ऑफ कस्टडी के साथ गोपनीयता भी कई लेवल पर भंग हुई.