जेलमंत्री की वीडियो कॉलिंग योजना हवा हवाई : छह माह बाद भी नहीं शुरू हुआ योजना पर कोई काम

इस सम्बंध में जब जेलमंत्री धर्मवीर प्रजापति से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन ही नहीं उठा। डीआईजी जेल मुख्यालय शैलेंद्र मैत्रेय ने भी विभागीय मंत्री से जुड़ा मामला होने के चलते इस बारे में कुछ भी कहने से साफ मना कर दिया। सिर्फ यही नहीं डीजी/आईजी जेल आनंद कुमार का फोन भी नहीं उठा।

जेलमंत्री की वीडियो कॉलिंग योजना हवा हवाई : छह माह बाद भी नहीं शुरू हुआ योजना पर कोई काम

लखनऊ। प्रदेश की जेलों में परिजनों से बंदियों की वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बातचीत कराए जाने की योजना हवा-हवाई साबित होती नजर आ रही है। इस योजना की पहल  जेलमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने की थी। इस नई योजना को अमली जामा पहनाने के लिए प्रजापति ने जेल अफसरों से सुझाव भी मांगे थे। विभागीय मंत्री की पहल पर कोई काम शुरू न होना जेल अफसरों के रवैये पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है।

बंदियों की मुलाकात में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का मामला : बीते अप्रैल माह में प्रदेश सरकार के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने जेलों की व्यवस्थाओं की समीक्षा की थी। समीक्षा के दौरान जेलमंत्री ने अधिकारियों से जेलों में बंद बंदियों की वीडियो कॉलिंग के माध्यम से परिजनों से बातचीत कराए जाने की नई योजना पर विचार-विमर्श भी किया था। इस नई पहल के लागू होने से जेलों में मुलाकात व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने के साथ ही परिजनों को जेलों तक भी नहीं आना पड़ता। जेल तक आने में असमर्थ निर्बल, असहाय, बुजुर्गों व नवजात के साथ बंदियों की वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के सहारे न सिर्फ बात हो जाती बल्कि वे उन्हें देख भी सकते थे। लेकिन जेलों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में नाकाम अफसरों ने अपने विभागीय मंत्री के निर्देशों को भी दरकिनार करना ही मुनासिब समझा। आज तक अफसरों ने इस योजना के लागू होने में आ रही रुकावटों के संबंध में कोई जवाब नहीं दिया है।

नतीजतन छह माह पूूर्व तैयार की गई इस योजना पर अभी तक कोई काम शुरू नहीं हो सका है, जबकि जेल मुख्यालय में बैठे बड़े अफसरों पर मंत्री की इस योजना को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी थी। विभागीय जानकार तो यहां तक कहते हैं कि किसी भी जेल अधिकारी से इस संबंध में न ही सुझाव मांगा गया और न ही चर्चा की गयी।

मंत्री से लेकर डीजी तक ने नहीं उठाया फोन

इस सम्बंध में जब जेलमंत्री धर्मवीर प्रजापति से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन ही नहीं उठा। डीआईजी जेल मुख्यालय शैलेंद्र मैत्रेय ने भी विभागीय मंत्री से जुड़ा मामला होने के चलते इस बारे में कुछ भी कहने से साफ मना कर दिया। सिर्फ यही नहीं डीजी/आईजी जेल आनंद कुमार का फोन भी नहीं उठा।

योजना के अमल में आने पर यूपी बनता पहला राज्य

वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बातचीत कराने की सुविधा वर्तमान समय में यूरोप के हेलसिंकी (फिनलैंड)जेल, स्पेन, फांस व इटली की जेलों में उपलब्ध हैं। अभी तक देश के किसी भी राज्य में बंदियों के लिए ऐसी सुविधा नहीं उपलब्ध है। जेलमंत्री की योजना कारगर साबित हुई तो यूपी देश का पहला राज्य बनता, जहां वीडियो कॉलिंग से बंदियों की बातचीत कराने की सुविधा उपलब्ध होती।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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