नियुक्ति एयरफोर्स में वर्दी आर्मी की : नकली एयरफोर्स अधिकारी बनकर माता- पिता को झूठ बोल शहर भर में जुलूस निकाला
शहर भर में उसे जीप पर बैठाकर जुलूस निकाला जा रहा था। उसके स्वागत के लिए शहर के लोग उमड़ पड़े थे। पूरा माहौल देश भक्ति में डूबा हुआ था। देश भक्ति के गाने चल रहे थे। भारत माता की जय के नारे लग रहे थे। मौका ही ऐसा था शहर का बेटा एयरफोर्स का बड़ा अधिकारी बनकर लौटा था।
मामला मध्य प्रदेश के हरदा शहर का है। यहां पर 3 अक्टूबर को एयरफोर्स में बतौर अधिकारी भर्ती हुए एक लड़के का स्वागत किया जा रहा था। बेहद ही गरीब घर से ताल्लुक रखने वाला पिंकेश कैथवास सेना की वर्दी पहनकर हरदा लौटा था। गांव के लड़के को इतनी बड़ी तरक्की पाता हुआ देख लोग बेहद खुश थे। पिंकेश ने सबको बताया था कि वो इंडियन एयरफोर्स का एंटी करप्शन ऑफिसर बन गया है।
बस फिर क्या था गांववालों और घरवालों ने तय किया कि पिंकेश के सम्मान में रैली निकाली जाएगी। बकायदा ओपन जीप मंगाई गई जिस पर पिंकेश को खड़ा किया गया। माहौल को देशभक्तिमय बनाने के लिए जीप में देशभक्ति वाले गाने चलाए गए। बड़ी धूमधाम से पिंकेश की यात्रा निकाली गई । जगह-जगह पर माला पहनाकर उसका स्वागत किया गया।
हरदा के घंटाघर पर लगी महात्मा गांधी की मूर्ति पर माला पहनाकर पिंकेश की यात्रा खत्म हुई। सभी लोग बहुत खुश थे। एक गरीब के घर से अधिकारी बने लड़के की कहानी लोकल मीडिया के अलावा सोशल मीडिया से होती हुई एयरफोर्स अधिकारियों तक पहुंच गई।
नागपुर में एयरफोर्स के अधिकारियों ने जब ये जुलूस और पिंकेश को देखा तो उन्होंने हरदा पुलिस को फोन कर बताया कि एयरफोर्स में कोई ऐसी नियुक्ति नहीं हुई हैं और ये मामला फर्जी है। एयरफोर्स की शिकायत पर पिंकेश के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
नियुक्ति एयरफोर्स में वर्दी आर्मी की जब पिंकेश कैथवास का स्वागत हो रहा तो उसने आर्मी की वर्दी पहन रखी थी । यहां तक उसने जो टोपी पहन रखी थी उस पर भी इंडियन आर्मी लिखा हुआ था। हालांकि ना जाने क्यों किसी ने पिंकेश से इसके बारे में सवाल नहीं पूछा । यहां तक कि इस स्वागत समारोह में शामिल होने आए नगरपालिका अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन और बाकी लोगों ने भी उस पर कोई शक नहीं जताया। |
लोकल चैनल ने भी इस स्वागत को कवर किया था उसके रिपोर्टर ने भी ऐसा सवाल पिंकेश से नहीं किया। रिपोर्टर ने जब पिंकेश से सवाल पूछा कि उसकी पोस्टिंग कहां है तो उसने गोपनीयता का हवाला देकर इसका जवाब देने से इंकार कर दिया। इंटरव्यू में उसने कहा कि उसने ये मुकाम हासिल करने के लिए काफी मेहनत की है। उसने खुद पढ़ाई की और फिर एग्जाम पास करने के बाद उसे ये नियुक्ति मिली है।
ट्रेनिंग के नाम पर घर से बाहर ही रहता था ; आरोपी के पिता ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा 10वीं पास है। वो हम्माली कर जैसे-तैसे परिवार का गुजारा चलाते हैं। पिता के मुताबिक बेटा पिछले एक साल से ट्रेनिंग की बात कहकर घर से चला जाता था। वो दो-तीन महीने में 8-10 दिन के लिए घर पर आता था और फिर ट्रेनिंग की बात कहकर चला जाता था।
परिवार को लगता था कि उसकी नौकरी लग गई है, इस बार वो जब वर्दी पहनकर घर आया तो परिवार को यकीन हो गया कि बेटा फौज में कोई बड़ा अधिकारी बन गया है। हालांकि बेटे के धोखे के बाद मां-बाप के भी सपने चकनाचूर हो गए हैं जो उन्होंने चंद दिन पहले ही अपने बुढ़ापे को लेकर देखे होंगे।