जेल सुरक्षाकर्मियों ने मानवता को किया शर्मशार
आगरा जेल में फुटवियर निर्माता की हुई संदिग्ध मौत का मामला सुरक्षा में तैनात वार्डर शव छोड़कर भागे, अगले दिन होनी थी बंदी की रिहाई
लखनऊ/आगरा। आगरा जिला जेल में फुटवियर निर्माता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस मामले में जेल कर्मियों ने मानवता को शर्मशार कर दिया। जेल से उपचार के लिए अस्पताल भेज गए बंदी की मौत होते ही सुरक्षा में तैनात वार्डर बंदी को छोड़कर वहां से भाग निकले। मृतक बंदी की पत्नी का आरोप है कि जेल प्रशासन की सूचना मिलने पर जब वह अस्पताल पहुंची तो वहां पर कोई भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। पत्नी का आरोप है कि जेल अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही से उनके पति की मौत हुई है। मौत के एक दिन बाद ही उन्हें जमानत पर जेल से रिहा होना था। बंदी की मौत से उसका पूरा परिवार सदमे में है।
मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के अंबा के मूल निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल विजय तोमर वर्तमान में राजपुर चुंगी के पास स्थित गुलमोहर एंक्लेव में परिवार के साथ रहते थे। सेना से रिटायर होने के बाद विजय कर्नल तोमर ने शूज का बिजनेस शुरू किया था। आगरा से शूज एक्सपोर्ट करते थे। धोखाधड़ी के आरोपों में 23 जुलाई 2024 को कर्नल विजय तोमर की गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। आईपीसी की धारा 409 के तहत गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। इस मामले में हाई कोर्ट से विजय तोमर को जमानत मिल गई थी और वह बुधवार को रिहा होने वाले थे।
जेल अधीक्षक ने बताया हार्ट अटैक से हुई मौत
फुटवेयर निर्माता की मौत के संबंध में जब आगरा जेल अधीक्षक हरिओम शर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बंदी की मौत हार्ट अटैक से होने की पुष्टि हुई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि जहां तक वार्डरों के भागने की बात सामने आई है उसमे बंदी के परिजन काफी आक्रोश में थे। किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए वार्डर वहां से निकल गए थे। उन्होंने बंदी के बुधवार को रिहा होने की पुष्टि करते हुए बताया कि उनकी पत्नी के लगाए गए आरोप निराधार है।
मृतक बंदी विजय तोमर की पत्नी अलका सिंह का कहना है कि मंगलवार की सुबह पति से रोजाना की तरह बात हुई थी। तब उनकी तबियत ठीक थी। उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। बुधवार को रिहाई होनी थी। जिसकी पूरी कागजी कार्रवाई कर दी थी। मंगलवार दोपहर करीब पौने तीन बजे सूचना दी गई कि पति की तबियत खराब है। वह एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में आ जाएं। वह जब इमरजेंसी पहुंची तो वहां कोई भी जेल का कर्मचारी मौजूद नहीं था। चिकित्सकों ने बताया कि जेल से ही मृत आए हैं। इस पर जेल अधिकारियों से बात की तो कोई संतोषजनक जबाव नहीं दिया। अलका सिंह ने कहा कि जेल कर्मचारी और अधिकारियों की लापरवाही से पति की मौत हुई है। उनके साथ गलत हुआ है। इस बारे में उन्होंने जेल कर्मचारी और अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए शिकायत की है।