अपर मुख्य सचिव गन्ना की तानाशाही : उपेक्षा का आरोप लगा कर किया बोर्ड बैठक का बहिष्कार
विभागीय सूत्रों के अनुसार अपर मुख्य सचिव गन्ना ने डायरेक्टर से मिलने से साफ़ इन्कार कर दिया। इस पर कुछ डायरेक्टर ने बताया कि अपर मुख्य सचिव गन्ना विभाग में तानाशाही चला रहे है।
मुख्य बातें
- चीनी मिल संघ में पांच साल पहले गठित हुआ था बोर्ड।
- एसीएस गन्ना की तानाशाही से बोर्ड बैठक का डायरेक्टर्स किया बहिष्कार
- उपेक्षा का आरोप लगा कर किया बोर्ड बैठक का बहिष्कार
लखनऊ : चीनी मिल संघ में बजट संबंधित महत्वपूर्ण प्रस्ताव को पारित कराने के लिये अपर मुख्य सचिव गन्ना की अध्यक्षता में बोर्ड के डायरेक्टर की एक बैठक दिनाँक 23 ञुलाई को चीनी मिल संघ के सभागार में बुलाई गई थी। जिसमें एजेंडा में अपनी कुछ मांगों को प्रस्तावित एजेंडा में शामिल कराने के साथ साथ चीनी मिल की अन्य समस्याओं के संबंध मे बोर्ड के कुछ डायरेक्टर दो दिन पहले दिनाँक 21 जुलाई को लखनऊ आ गये थे तथा उसी दिन से अपनी मांगों के संबंध में अपर मुख्य सचिव गन्ना/ गन्ना आयुक्त के PS से मिलने का समय मांगा था परंतु दिनाँक 23 जुलाई से पहले तक भी अपर मुख्य सचिव गन्ना ने कोई समय नहीं दिया।
दिनाँक 22 जुलाई की शाम को सभी डायरेक्टर श्रीमति साधना पांडेय उप सभापति के निर्देशन में डायरेक्टर राकेश सिंह, देवेन्द्र सिंह , लोकेन्द्र सिंह आदि ने चीनी मिल संघ के प्रबंध निदेशक रमाकांत पांडे से मुलाकात की तथा उन्हें मिलने का समय न दिये जाने की बात से अवगत कराते हुए अपनी कुछ मांगों को प्रस्तावित एजेंडा में शामिल कराने का अनुरोध किया। प्रबंध निदेशक ने उनकी सभी बातों को मानने के आश्वासन के साथ साथ प्रस्तावित बोर्ड मीटिंग में आने का अनुरोध किया परंतु बोर्ड के सभी डायरेक्टर ने प्रस्तावित बोर्ड की बैठक से पूर्व तक अपर मुख्य सचिव गन्ना द्वारा मिलने की शर्त के साथ बोर्ड बैठक में होने का प्रस्ताव रखा।
विभागीय सूत्रों के अनुसार अपर मुख्य सचिव गन्ना ने डायरेक्टर से मिलने से साफ़ इन्कार कर दिया। इस पर कुछ डायरेक्टर ने बताया कि अपर मुख्य सचिव गन्ना विभाग में तानाशाही चला रहे है। मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं सभी की समस्याओं को जनता दरबार में सुनते है तथा उन्होंने प्रदेश के सभी अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि जन प्रतिनिधि को तुरंत सुना जाये परंतु अपर मुख्य सचिव गन्ना तो मुख्यमंत्री के आदेश भी नहीं मानते तथा दो दिन से हम समय मांग रहे है लेकिन वह हमसे मिलना भी नहीं चाहते जब कि हम लोग 500 किलोमीटर दूर से आये है।
उन्होंने यह भी बताया कि सहकारी अधिनियम के अनुसार हर तीन महीने में बोर्ड मीटिंग तथा साल में एक बार AGM की बैठक करायी जानी चाहिए परंतु अपर मुख्य सचिव गन्ना चीनी मिल संघ के अध्यक्ष होने के बावजूद भी इन्होंने कोई AGM की बैठक नहीं करायी। तथा सभी नीतिगत कार्यो पर स्वयं ही स्वीकृति दे दी जब की इन कार्यो/बजट की स्वीकृति बोर्ड/ AGM में प्रस्ताव पारित कर होनी चाहिए थी। उन्होंने इस संबंध में जांच की मांग भी की है। उधर चीनी मिल संघ के एमडी आरके पाडे ने मीटिंग होने की बात तो मानी लेकिन और कुछ बोलने से मना कर दिया।
राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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