दो साल बाद जेलों में दिखा उत्सव का माहौल : बहनों ने भाई की कलाई पर बांधा रक्षासूत्र, राखी बांध कई बहने फफक-फफक कर रोईं

डीजी जेल के प्रयासों की महिलाओं ने की सराहना, डीजी जेल ने मानवीय संवेदनाओं को देखते हुए रक्षाबंधन पर महिलाओं की बन्दियों से मुलाकात कराए जाने का अहम फैसला लिया। इस फैसले महिलाएं सराहना करते नही थक रही थी। यह सब संभव हो पाया प्रदेश जेल विभाग के मुखिया डीजी पुलिस/आईजी जेल आनंद कुमार के प्रयासों की वजह से।

दो साल बाद जेलों में दिखा उत्सव का माहौल : बहनों ने भाई की कलाई पर बांधा रक्षासूत्र, राखी बांध कई बहने फफक-फफक कर रोईं
रविवार को एक बार फिर प्रदेश की जेलों में उत्सव का माहौल देखने को मिला।

लखनऊ। करीब दो साल के लंबे अंतराल के बाद रविवार को एक बार फिर प्रदेश की जेलों में उत्सव का माहौल देखने को मिला। मौका था रक्षाबंधन के त्योहार का। लंबे समय बाद अपने बन्दी भाइयो से रूबरू होकर कई महिलाएं इस कदर भावुक हुई कि वह अपने आंसू रोक नहीं पाई। यह सब संभव हो पाया प्रदेश जेल विभाग के मुखिया डीजी पुलिस/आईजी जेल आनंद कुमार के प्रयासों की वजह से। डीजी जेल ने मानवीय संवेदनाओं को देखते हुए रक्षाबंधन पर महिलाओं की बन्दियों से मुलाकात कराए जाने का अहम फैसला लिया। इस फैसले महिलाएं सराहना करते नही थक रही थी।

दरअसल कोरोना महामारी के चलते बीते 24 मार्च 2020 से  प्रदेश में मुलाकातें बन्द चल रही थी। वर्तमान में दूसरी लहर के बाद कोरोना केसेज़ के न होने तथा जेलों में लगभग 90 फीसद  बन्दियों को कोविड टीका लग जाने के कारण शासन स्तर पर  इस वर्ष कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रतिबंधों के तहत  परिजनों की सीमित  में मुलाकात पुनः प्रारंभ करने के निर्देश जारी किए गए। 16 अगस्त 2021 को जारी इस आदेश के बाद शासन के निर्देशों के अनुरूप  

डीजी जेल आनंद कुमार ने रक्षाबंधन मनाने के लिए  दिनांक 21 अगस्त 2021 को  प्रदेश के जेल अधिकारियों को भेजे एक विशेष संदेश में यह निर्देश दिए थे  कि नियमो में शिथिलता बरतते हुए भाइयों से मिलने आई बहनों को रक्षाबंधन के पर्व पर पूरी सहूलियत प्रदान की जाए। जेल पहुंची बहनों को कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत सोशल डिस्टेंसिंग मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराते हुए किसी भी दशा में यह पर्व मनाने की सुविधा दी जाए। कोशिश रहे कि कोई भी बहन जेल के दरवाजों से किसी भी दशा में  निराश वापस न लौटें।

रक्षाबंधन के रूप में  यह पहला त्यौहार था जब महिलाएं  अपने भाइयों से मिलीं  और जेल की दीवारें अश्रुपूरित बहनों भाईयों के मिलन की गवाह हुईं। भाई बहन के प्यार के त्यौहार रक्षाबंधन पर प्रदेश की जेलों का माहौल बेहद भावपूर्ण रहा  वे मिलते ही फफक पड़ीं। कोरोना महामारी के काल में पहली बार बहनों ने अपने भाइयों से भौतिक रूप में साक्षात मुलाकात की और उनकी कलाइयों पर राखी बांधी तिलक किया, मीठा खिलाया। प्रदेश की 73 जेलो में कुल 16448 महिलाओं ने भाइयों से मुलाकात कराई गयी। मुख्यालय को प्राप्त आंकड़ों के अनुसार  प्रदेश की जिला जेल लखनऊ में 445, कानपुर नगर 678, गौतम बुद्ध नगर 298, प्रयागराज 344, गाजियाबाद 1398, वाराणसी 103, मुरादाबाद 96, बुलंदशहर 1100 अलीगढ़ 712 व आगरा 1501 मुलाकातें कराई गई।

सुविधा शुल्क लेने से बाज नहीं आये जेलकर्मी : लखनऊ। डीजी पुलिस/आईजी जेल के तमाम सख्त निर्देशो के बाद भी लखनऊ व कानपुर देहात जेल के अधिकारी व सुरक्षाकर्मी गोलमाल करने से बाज नही आये। लखनऊ जेल में प्रशासनिक जेलर ने कई मुलाकातियों से मोटी रकम वसूल कर उनकी मुलाकात जेलर कार्यालय के बगल बने कमरे में कर दी। यही नही उन्होंने की महिला मुलाकातियों से अभद्रता भी की। कानपुर देहात जेल में वार्डर सूरज सिंह ने पर्ची राइटर जय सिंह के साथ मिलकर की मुलाकातियों को आधार कार्ड लेकर मुलाकात के लिए जेल के अंदर घुसा दिया। इसकी शिकायत मुलाकातियों ने जब जेलर केके सिंह से की तो उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय ले देकर मामले को ही निपटा दिया। डीजी जेल ने कहा इसकी जांच कराई जाएगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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