स्मारक घोटाले में 57 लोगों के खिलाफ चार्जशीट : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सितंबर में विवेचना पूरी करने के दिए निर्देश, विजलेंस ने एपीएमएलए विशेष अदालत में आरोप पत्र किया दाखिल
स्मारक घोटाले से जुड़ा यह पांचवा आरोप पत्र दाखिल किया गया है। कोर्ट ने जल्द विवेचना खत्म करने का आदेश बाबू सिंह कुशवाहा की अपने ऊपर दर्ज एफआईआर को रद किए जाने की याचिका को खारिज करते हुए दिए थे। एमपी-एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज पवन कुमार राय ने चार्जशीट पर बिंदुवार सुनवाई के लिए 15 सितंबर की तारीख तय की है।
मायावती सरकार (2007 से 2011) में दलित महापुरुषों के नाम पर लखनऊ और नोएडा में स्मारक और पार्क निर्माण में हुए घोटाले की जांच कर रही विजलेंस ने सोमवार को एपीएमएलए विशेष अदालत में 57 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। दो सितंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सितंबर में (चार सप्ताह) में पूरे मामले की विवेचना पूरी के करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद स्मारक घोटाले से जुड़ा यह पांचवा आरोप पत्र दाखिल किया गया है। कोर्ट ने जल्द विवेचना खत्म करने का आदेश बाबू सिंह कुशवाहा की अपने ऊपर दर्ज एफआईआर को रद किए जाने की याचिका को खारिज करते हुए दिए थे। एमपी-एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज पवन कुमार राय ने चार्जशीट पर बिंदुवार सुनवाई के लिए 15 सितंबर की तारीख तय की है।
मुख्य बातें
- 15 सितंबर को एमपीएमएलए कोर्ट में होगी सुनवाई, अबतक कुल 72 लोगों के खिलाफ आरोप तय
- पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन व बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ भी जल्द तय हो सकते हैं आरोप
15 सितंबर को सुनवाई के बाद दाखिल हो सकता एक और आरोपपत्र : कोर्ट के आदेश के बाद विजलेंस ने जांच को तेज कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक विजलेंस 15 सितंबर को कोर्ट में पांचवे आरोपपत्र पर सुनवाई के बाद छठा आरोप पत्र दाखिल करेगी। जिसमें बसपा सरकार के तत्कालीन मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा समेत एक दर्जन लोगों का नाम है। जिसमें एक स्टोन व्यापारी के साथ ही दो अफसरों के नाम शामिल हैं। सोमवार को विजलेंस ने जिन 57 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। उनमें 23 तत्कालीन अफसर और 34 स्मारक निमार्ण से जुड़े लोग हैं।
विजलेंस को चार हफ्ते में पूरी करनी है जांच : स्मारक घोटाले की एफआईआर रद्द करने के लिए पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने हाईकोर्ट में अपील की थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने बाबू सिंह कुशवाहा की याचिका को खारिज करते हुए विजिलेंस को सितंबर (4 हफ्ते ) में अपनी जांच पूरी करने का आदेश दिया था। जिसके चलते 7 साल से जांच कर रही विजिलेंस को हाइकोर्ट के आदेश पर स्मारक घोटाले में अब अपनी 4 सप्ताह में जांच पूरी करनी होगी। बताते चलें विजलेंस टीम इस मामले में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा से पूछताछ कर चुकी हैं।
इन धाराओं में दाखिल हुई चार्जशीट : आईपीसी की धारा 409 व 120 बी के साथ ही एंटी करप्शन एक्ट की धारा 13(1)(डी) (13) (2) में चार्जशीट दाखिल की गई है।
स्मारक बनाने के नाम पर हुआ था घोटाला : लखनऊ व नोएडा में दलित महापुरुषों के पार्क व स्मारक स्थल बनाने के नाम पर हुए घोटाले में लोकायुक्त ने अपनी जांच में लखनऊ और नोएडा में स्मारक और पार्क निर्माण के लिए खरीदे गए सैंड स्टोन में अरबों के घोटाले की बात कही थी। जिसके बाद पूरे मामले की जांच कर रही विजलेंस टीम के दरोगा राम नरेश सिंह राठौर ने 1 जनवरी 2014 को गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, खनन मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा, राजकीय निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक सीपी सिंह , अपर परियोजना प्रबंधक राकेश चंद्रा, अपर परियोजना प्रबंधक एसके सक्सेना समेत 199 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें लोकायुक्त की रिपोर्ट के मुताबिक कहा गया था कि अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, गौतम बु़द्ध उपवन, ईको पार्क व नोएडा का अंबेडकर पार्क के नाम पर 42 अरब 76 करोड़ 83 लाख 43 हजार का बजट आवंटित हुआ था। जिसमें 41 अरब 48 करोड़ 54 लाख 80 हजार की धनराशि खर्च की गई। जिसमें 14 अरब 10 करोड़ 50 लाख 63 हजार दो सौ रुपये विभागीय मंत्रियों व अधिकारियों ने गलत तरीके से इस्तेमाल किए।
स्मारक घोटाले में इनकी हो चुकी गिरफ्तारी : स्मारक घोटाले में वित्तीय परामर्शदाता विमल कांत मुद्गल, महाप्रबंधक तकनीकी एसके त्यागी, महाप्रबंधक कृष्ण कुमार इकाई प्रभारी कामेश्वर शर्मा, मिर्जापुर अहरौरा से स्टोन पट्टाधारक किशोरीलाल और रमेश कुमार यादव की गिरफ्तारी हुई थी। इसमें कृष्ण कुमार की जेल में बीमारी के चलते मौत हो गई थी।