अयोध्या : 35 हजार की आबादी लगातार जलापूर्ति संकट से त्राहि-त्राहि कर रही : 15 दिनों से नगर के 25 मोहल्लों में ठप है जलापूर्ति

जलकल विभाग के अनुसार 145 पाइप लाइनें ऐसी हैं जहां से 12 से अधिक मोहल्लों को सीधी जलापूर्ति की जाती है लेकिन उनकी भी मरम्मत नहीं की गई है। इसके चलते लगातार रामपथ से जुड़े इलाकों में जलापूर्ति का संकट बना हुआ है और निकट भविष्य में समाधान भी नहीं दिख रहा है।

अयोध्या : 35 हजार की आबादी लगातार जलापूर्ति संकट से त्राहि-त्राहि कर रही : 15 दिनों से नगर के 25 मोहल्लों में ठप है जलापूर्ति

अयोध्या :  एक दो दिन नहीं पूरे 15 दिनों से निर्माणाधीन रामपथ पर 200 से अधिक टूटी पाइप लाइनें जिम्मेदारों के विकास के दावों को आईना दिखा रहीं हैं। लोगों की बार - बार शिकायतों और अफसरों की जानकारी में होने के बाद भी अभी तक कोई समाधान नहीं हो सका है। रोजाना सूची और चिट्ठियां भेजने का सिलसिला जारी है लेकिन टूटी पाइप लाइनें नहीं दुरुस्त हो पा रहीं हैं। करीब 35 हजार की आबादी लगातार जलापूर्ति संकट से त्राहि-त्राहि कर रही है।

निर्माणाधीन रामपथ के वीआईपी इलाके सिविल लाइन को छोड़ दिया जाए तो हनुमानगढ़ी रिकाबगंज से रिकाबगंज चौराहे के दस मोहल्ले, रिकाबगंज से नियावां तक 6 और नियावां से गुदड़ीबाजार तक आठ मोहल्लों में जलापूर्ति बाधित है। इसके लिए खवासपुरा से साहबगंज तक आने वाले क्षेत्रों में भी संकट बना हुआ है।

इसके अतिरिक्त रामपथ से जुड़ी गलियों में भी टूटी पाइप लाइनों के कारण जलापूर्ति सुचारू नहीं हो पा रही है। यह स्थिति एक दो दिन से नहीं पूरे 15 दिनों से हैं। नगर निगम के जलकल विभाग की माने तो चार दिन पहले नियावां पर जहां पाइप लाइन टूटी और मरम्मत हुई वहां फिर एक दिन बाद टूट गई।

अंगूरीबाग और गुदड़ीबाजार चौराहे तक चार जगहों पर टूटी पाइप लाइन की मरम्मत आज तक नहीं हो सकी। सीतापुर आंख तिराहे पर तीन दिन पहले पाइप लाइन बनाई गई लेकिन वाल्व दूसरे दिन प्रेशर से उड़ गया नतीजा फिर जलापूर्ति ठप हो गई। खवासपुरा में भी आठ दिनों से पाइप लाइन की मरम्मत सिर्फ इसलिए नहीं हुई कि बीच सड़क खुद निर्माण एजेंसी आर एंड सी ने काट रखी है।

जलकल विभाग के अनुसार 145 पाइप लाइनें ऐसी हैं जहां से 12 से अधिक मोहल्लों को सीधी जलापूर्ति की जाती है लेकिन उनकी भी मरम्मत नहीं की गई है। इसके चलते लगातार रामपथ से जुड़े इलाकों में जलापूर्ति का संकट बना हुआ है और निकट भविष्य में समाधान भी नहीं दिख रहा है।

आठ-आठ घंटे चलने वाले 38 नलकूप चल रहे हैं 2-2 घंटे ही : नगर निगम के जलकल विभाग द्वारा संचालित कुल 38 नलकूपों की भी बेहद बुरी स्थिति है। रोस्टर की ऐसी तैसी हो गई है। रोस्टर के अनुसार आठ - आठ घंटे चलने वाले नलकूप दो - दो घंटे ही चल पा रहे हैं। जलकल के सुपर वाइजर राकेश कुमार ने बताया कि लगातार पाइप लाइन टूटने से बमुश्किल दो घंटे सुबह और दो घंटे शाम नलकूपों का संचालन हो रहा है। यदि यही स्थिति रही थी तो नलकूपों को तकनीकी खराबी से नहीं बचाया जा सकता है। वहीं अमानीगंज में मुख्य नलकूप से भी जलापूर्ति का संयोजन नहीं हो पा रहा है। पाइप लाइनों के टूटे होने से प्रेशर नहीं बन रहा है।

अब रामपथ से जुड़ी गलियां भी आई जद में : निर्माणाधीन रामपथ पर जो हाल है वह तो लोग झेल ही रहे हैं अब उससे जुड़ी गलियों में भी खोदाई शुरू हो गई है। जिसके कारण गलियों से गईं पाइप लाइनें भी टूटने लगीं हैं जिसके कारण संकट और गहरा गया है। रिकाबगंज से तेलीटोला को निकली रामपथ की पहली गली में खोदाई कार्य शुरू होते ही दो पाइप लाइन रविवार शाम टूट गई। तबसे पूरी गली में लोगों का चलना दुश्वार हो गया है। निचले स्तर पर बसे लोगों को जैसे तैसे पानी मिल रहा था अब वह भी बंद हो गया है।

जिस हिसाब से पाइप लाइनें टूट रहीं हैं उससे संकट बना है। प्रयास ही किया जा सकता है वह किया जा रहा है। निर्माण एजेंसी को पाइप लाइन मरम्मत में गंभीरता दिखानी चाहिए। जलकल को इसके लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है... अनूप कुमार सिंह, अधिशासी अभियन्ता, जलकल नगर निगम, अयोध्या।