जेल मुख्यालय के अफसरों का कारनामा : उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को प्रोत्साहित करने के बजाए दंडित किया जा रहा
प्रदेश के कारागार विभाग में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले मातहत अधिकारियों व कर्मचारियों की शिकायतों को ही नजरंदाज कर दिया गया। यही नही भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को हटाने के बजाए शिकायत करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को ही दंडित कर दिया गया।
लखनऊ। भ्रष्टाचार की शिकायत करने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की जाएगी। जरूरत पड़ने पर ऐसे व्यक्तियों को सुरक्षा भी मुहैया कराई जाएगी। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए बना विहिसिल ब्लोअर कानून तो ऐसा कहता है, किन्तु प्रदेश के जेल विभाग में स्थिति ठीक इसके विपरीत है। इस विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को प्रोत्साहित करने के बजाए दंडित किया जा रहा है। यही आलम रहा तो लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत करना ही बंद कर देंगे। विभागीय अफसरों की इस उत्पीड़नात्मक कार्यवाही से कर्मचारियों में खासा आक्रोश व नाराजगी व्याप्त है।
मुख्य बातें
- भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालो को किया दंडित!
- जेल मुख्यालय के अफसरों का कारनामा
- फाइलों में कैद हुआ विहिसिल ब्लोअर एक्ट
देश के मोदी व प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के तमाम दावे कर रही है। इस मामले में योगी सरकार ने घूसखोरी करने वाले कई अधिकारियों को गिरफ्तार कर जेल तक भेजवाया, किन्तु प्रदेश के कारागार विभाग में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले मातहत अधिकारियों व कर्मचारियों की शिकायतों को ही नजरंदाज कर दिया गया। यही नही भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को हटाने के बजाए शिकायत करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को ही दंडित कर दिया गया। ऐसा तब किया गया जब भ्रष्टाचार की रोकथाम के बना कानून (विहिसिल ब्लोअर एक्ट) कहता है कि शिकायतकर्ता के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी। इसके साथ ही उसे संरक्षण देने के साथ आवश्यकता पड़ने पर शिकायतकर्ता को सुरक्षा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कारागार विभाग की फ़िरोज़ाबाद जेल में अधीक्षक व मंत्री का संरक्षण प्राप्त जेलर कैदियों के माध्यम से बन्दियों से मोटी रकम वसूल कर अनाप-शनाप सुविधाए मुहैया करा रहे थे। मातहत अधिकारियों ने इसका विरोध कर इसकी शिकायत आला अफसरों से करने की कोशिश की तो उन्हें विभागाध्यक्ष से मिलने तक नहीं दिया गया। एक मातहत ने तो शिकायत रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से विभाग के मुखिया तक भेज दी। सूत्रों का कहना है कि आला अफसरों ने दोषी अफसरों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाए शिकायत करने वाले मातहत अधिकारियों को ही हटा दिया। इसी प्रकार हाल ही में मिर्जापुर जेल पर तैनात हुए एक सुरक्षाकर्मी ने प्रभारी अधीक्षक/जेलर की जेल में बन्दियों का उत्पीड़न कर वसूली किये जाने की शिकायत की तो शिकायत की जांच कराने के बजाए शिकायकर्ता को ही त्वरित कार्यवाही करते हुए हटा दिया गया। उधर डीजी पुलिस / आईजी जेल आनंद कुमार ने कहा शिकायतों की जांच कराई जा रही है। दोषी पाए जाने वाले अफसरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
बेतरतीब तबादलो की विरोध पर हुआ निलंबन :
लखनऊ। सरकार में सच बोलने वालों का यही हस्र होता है। होमगार्ड डीआईजी ने बेतरतीब तबादलो पर आवाज उठाई तो सरकार ने उन्हें ही निलंबित कर दिया। डीआईजी से सिर्फ यही तो कहा कि वर्षो से जमे अफ़सर हटाये नही गए। इसी प्रकार फ़िरोज़ाबाद जेल में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाली एक महिला अधिकारी को पहले डीओ पर आगरा जेल पर ड्यूटी पर लगाया गया। इसके कुछ समय बाद ही उसको लखनऊ की नारी बन्दी निकेतन महिला जेल स्थानांतरित कर दिया गया। दूसरे अधिकारी को पहले ड्यूटी पर कासगंज भेजा गया। बाद में उसको वही समायोजित कर दिया गया। इसी प्रकार मिर्जापुर में शिकायकर्ता सुरक्षाकर्मी को 24 घंटे के अंदर देवबन्द उप कारागार स्थानांतरित कर दिया गया। |
राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
लखनऊ
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