एडीजी विजय सिंह मीणा बने कानपुर के नए पुलिस कमिश्नर, असीम अरुण ने चुनाव लड़ने के लिए लिया था VIR
चुनाव आयोग के आदेश के बाद विजय सिंह मीणी को कानपुर का पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है. वहीं कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने पुलिस सेवा छोड़कर राजनीति की राह पर कदम बढ़ाया है और उन्होंने 8 जनवरी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के तहत डीजीपी को अपना आवेदन दिया था l
उत्तर प्रदेश में हो रहे चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग के निर्देश पर एडीजी विजय सिंह मीणा को कानपुर का नया पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है. वह 1996 बैच के आईपीएस अफसर हैं. वह वर्तमान में एडीजी विजिलेंस के पद पर तैनात थे. वहीं इससे पहले विजय सिंह मीणा आईजी वाराणसी रेंज और आईजी लोक शिकायत समेत अन्य महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रह चुके हैं. असल में कानपुर के पुलिस आयुक्त रहे असीम अरूण ने पिछले दिन पुलिस की सेवा से वीआरएस ले लिया है और उनके कन्नौज से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है. जिसके बाद ये पद खाली चल रहा है था.
फिलहाल राज्य में चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद तबादलों में चुनाव आयोग का दखल रहेगा और इसी के चलते चुनाव आयोग के आदेश के बाद विजय सिंह मीणी को कानपुर का पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है. वहीं कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने पुलिस सेवा छोड़कर राजनीति की राह पर कदम बढ़ाया है और उन्होंने 8 जनवरी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के तहत डीजीपी को अपना आवेदन दिया था और जिसे सरकार ने अगले दिन ही मंजूरी दे दी थी.
राज्य सरकार ने तीन अफसरों के नाम का भेजा था पैनल : राज्य सरकार ने कानपुर में नए पुलिस आयुक्त की तैनाती के लिए तीन आईपीएस अधिकारियों का पैनल चुनाव आयोग को भेजा था. क्योंकि कानपुर में पुलिस आयुक्त का पद खाली था और चुनाव को देखते हुए इसके लिए जल्द से जल्द नियुक्ति की जानी थी. राज्य सरकार ने चुनाव आयोग को भेजे गए पैनल में एडीजी विजय सिंह मीणा, एडीजी डॉ. ए. रविन्द्र और एडीजी डॉ आरके स्वर्णकार के नाम शामिल किए थे. वही आयोग ने विजय सिंह मीणा के नाम को मंजूरी दी, जिसके बाद गुरुवार को उन्हें कानपुर का पुलिस आयुक्त नियुक्त कर दिया गया.
सरकार ने कानपुर में लागू की थी पुलिस कमिश्नरी प्रणाली : राज्य सरकार ने बनारस और कानपुर में पिछले साल ही कमिश्नरी प्रणाली लागू की थी. जबकि इससे पहले राज्य सरकार ने लखनऊ और गौरतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की थी. हालांकि राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार कुछ अन्य शहरों में भी इस प्रणाली को लागू करने की योजना बना रही थी.