उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला : आतंकी गिरफ्तारियों के बाद मऊ में बनेगा ATS का सेंटर
देश में पाकिस्तानी आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है l देश में आतंकी साजिश के तार उत्तर प्रदेश से भी जुड़े मिले l इसके बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. यूपी सरकार ने फैसला लिया है कि मऊ में ATS का सेंटर बनेगा.
देश में पाकिस्तानी आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है l इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. योगी सरकार ने फैसला लिया है कि मऊ में ATS का सेंटर बनेगा. देवबंद के बाद मऊ में ATS कमांडो सेंटर (Mau ATS Commando Center) बनाया जाएगा. पिछले दिनों लखनऊ में आतंकियों की गिरफ्तारी और बंगलादेशी और रोहिंग्याओं की घुसपैठ और धर्मांतरण गिरोह के पर्दाफाश के बाद एटीएस के विस्तार की बात कही गई थी. यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल ने TV9 को दिए एक इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया था.
पिछले दिनो ही कई आतंकी और मददगार इस रडार पर आ चुके हैं. क्योंकि नेपाल से जुड़ा भारत का सबसे बड़ा खुला बॉर्डर यूपी में ही लगता है. ऐसे में इसकी ज़रूरत समझी जा रही थी. एटीएस कमांडो सेंटर के जरिए तालिबानी समर्थकों पर लगाम कसने की तैयारी भी हो रही है.
लखनऊ और नोएडा में सेंटर खोलने की चल रही तैयारी : लखनऊ और नोएडा में पहले से ही कमांडो सेंटर खोले जाने की तैयारियां चल रही हैं. नोएडा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट और लखनऊ में अमौसी के पास कमांडो सेंटर खोले जा रहे हैं. ट्रेनिंग सेंटर में आतंकी हमलों से बचाव के लिए हर तरह के गुर कमांडो को सिखाए जाएंगे. देवबंद और बिहार से सटे पूर्वांचल में पहले भी आतंकी कनेक्शन सामने आते रहे हैं. यही वजह है कि कमांडो सेंटर खोलने के लिए इस जगह को चुना गया है.
ATS ने आतंकी मॉड्यूल का किया भंडाफोड़ : उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने बुधवार को दिल्ली पुलिस द्वारा मंगलवार को ISI मॉड्यूल से जुड़े तीन और संदिग्धों को गिरफ्तार किया. आरोपी में रायबरेली का जमील, प्रतापगढ़ का इम्तियाज और प्रयागराज के ताहिर को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया है.
यूपी एटीएस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को एक संयुक्त अभियान में तीन लोगों- रायबरेली के मूलचंद, लखनऊ के मोहम्मद आमिर और प्रयागराज के जीशान कमर को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने इनके कब्जे से एक आईईडी भी बरामद किया है.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कानून और व्यवस्था, प्रशांत कुमार ने कहा कि हालांकि मॉड्यूल के बारे में बुनियादी सूचना दिल्ली पुलिस द्वारा लगभग 10 दिन पहले भेजी गई थी, गिरफ्तारी यूपी एटीएस द्वारा एकत्रित और विकसित खुफिया जानकारी के आधार पर की गई थी.