Covid-19: कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच गैप कम कर सकती है सरकार, एक्सपर्ट्स के सुझावों पर हो रहा विचार

मिली जानकारी के मुताबिक, वैक्सीन की दो डोज के बीच के समय को तय करने वाली संस्था इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (IAPSM) ने सुझाव दिया है कि मौजूदा समय में कोविशील्ड की दो डोज के बीच के गैप को कम करना चाहिए. IAPSM के इस सुझाव पर सरकार बहुत गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द ही इसपर फैसला भी लेने जा रही है l

Covid-19: कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच गैप कम कर सकती है सरकार, एक्सपर्ट्स के सुझावों पर हो रहा विचार
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा उत्पादित कोविशील्ड वैक्सीन

केंद्र सरकार ने संकेत दिया है कि कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच गैप को कम किया जा सकता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो बहुत जल्द कोविशील्ड की दोनों डोज के बीच के समय को 12 हफ्ते से घटाकर 8 हफ्ते किया जा सकता है l भारत सरकार ने 13 मई को कोविशील्ड की दो डोज लगवाने के बीच के समय को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने का फैसला लिया था l वहीं इससे पहले सरकार ने दो डोज के बीच गैप को 28 दिनों से बढ़ाकर 6 से 8 सप्ताह किया था.

मिली जानकारी के मुताबिक, वैक्सीन की दो डोज के बीच के समय को तय करने वाली संस्था इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (IAPSM) ने सुझाव दिया है कि मौजूदा समय में कोविशील्ड की दो डोज के बीच के गैप को कम करना चाहिए l  

IAPSM के इस सुझाव पर सरकार बहुत गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द ही इसपर फैसला भी लेने जा रही है.

क्यों जरूरी है समय कम करना : IAPSM की दलील है कि ऐसा करने से आम लोगों को जल्दी से वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा सकेगी. इससे कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाएगा l इसे लेकर आईएपीएसएम ने एक रिपोर्ट भी तैयार की है l जिसके अनुसार जिन लोगों ने दोनों डोज ले ली है उनमें एक डोज लेने वालों की तुलना में संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है.

इस बाबत आईएपीएसएम की अध्यक्ष डॉ सुनीला गर्ग का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट की वजह से लोगों को इंफेक्शन बहुत ज्यादा हुआ है l उन्होंने कहा कि वैक्सीन को डोज को लेकर समीक्षा की जरूरत है इस दिशा में केंद्र सरकार इस पर विचार कर रही है.

क्या है बड़ी वजह : कोविशील्ड की दो डोज के बीच समय कम करने की वजह यह है कि जब डोज के बीच के अंतराल को बढ़ाकर अधिकतम 16 हफ्ते किया गया था, उस वक्त देश में वैक्सीन की कमी थी l मौजूदा वक्त में परिस्थितियां काफी बदली हुई है. मसलन, अभी देश में छह कंपनियों को वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को अनुमति मिल चुकी है l इस तरह से यदि कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज में समय कम किया गया तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को को पूरी तरह से वैक्सीनेट किया जा सकेगा l ऐसे में कोरोना के गंभीरता से मरीज को बचाया जा सकता है.

‘जिन्हें संक्रमण हुआ है उन्हें वैक्सीन नहीं’ : आईएपीएसएम की अध्यक्ष डॉ सुनीला गर्ग ने केंद्र सरकार को इस बात का प्रस्ताव भेजा है कि जिन लोगों को कोरोना संक्रमण हो चुका है, उन्हें फिलहाल किसी भी तरह की वैक्सीन नहीं लगाई जाए. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता उन लोगों को लेकर है जिन्हें अभी तक कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ है l उन्हें प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन देना जरूरी है l जिन्हें कोरोना का संक्रमण हो चुका है उन्हें थोड़ा और रुककर या फिलहाल वैक्सीन नहीं भी दी जाएगी, तो कोई परेशानी नहीं है.