UP : कब तक चालू रहेंगी प्रदेश में अस्थाई जेलें, मुलाकात व अन्य सुविधाओं से वंचित अस्थाई जेल के बन्दी

जेल प्रशासन के अधिकारियों की माने तो कोरोना संक्रमण के समाप्त होने के संकेत मिलने पर प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश को अनलॉक कर दिया है। मॉल, सिनेमाघर, स्कूल-कॉलेज, बाजार इत्यादि खोल दिये किन्तु जेलों पर बनी अस्थाई जेलों को अभी तक समाप्त नही किया है।

UP : कब तक चालू रहेंगी प्रदेश में अस्थाई जेलें, मुलाकात व अन्य सुविधाओं से वंचित अस्थाई जेल के बन्दी
प्रदेश में अस्थाई जेलें

लखनऊ। कोरोना संक्रमण के समाप्ति के संकेत पर पूरे प्रदेश को अनलॉक कर गया है। इसके बावजूद प्रदेश की जेलों में कोरोना संक्रमित बन्दियों को रखने के लिए बनाई गई अस्थाई जेलें अभी तक चल रही है। इनके संचालन की वजह से जेल प्रशासन के अधिकारियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मामला शासन से जुड़ा होने की वजह से अधिकारी तमाम समस्याओं से जूझने के बाद भी इस गंभीर मसले पर चुप्पी साधे हुए है।

कोरोना कॉल के दौरान जेल में नए बन्दियों को रखने के लिए प्रदेश की लगभग समस्त जेलों में अस्थाई जेलें बनाई गई था। जेल के आसपास स्कूल-कॉलेज में बनाई गई जेलों में आने वाले प्रत्येक बन्दी को पहले 14 दिन इसी जेल में रखा जाता था। इस दौरान बन्दी की जांच और दवाएं देकर यह सुनिश्चित किया जाता था कि बन्दी में कोरोना संक्रमण नही है। 14 दिन के दौरान इसकी पुष्टि हो जाने के बाद उसको स्थाई जेल में स्थानांतरित किया जाता था।

जुगाड़ू अफसरों ने पहले ही खत्म करा दी अस्थाई जेल

लखनऊ। शासन व जिला प्रशासन में ऊंची पहुच और जुगाड़ रखने वाले अफसरों ने कोरोना संक्रमण कॉल के दौरान है अस्थाई जेल को समाप्त करा दिया। राजधानी की लखनऊ जेल की अस्थाई जेल फैज़ाबाद रोड स्थित रामस्वरूप कॉलेज में बनाई गई थी। गोरखपुर जनपद के रहने वाले जेल अधीक्षक ने शासन व जिला प्रशासन में जुगाड़ लगाकर अस्थाई जेल को खत्म करा दिया था। वह भी उस समय जब कोरोना संक्रमण पूरे चरम पर था। यह अलग बात है कि अस्थाई जेल समाप्त होने के बाद जेल में बड़ी संख्या में बन्दी कोरोना संक्रमित भी हुए। किन्तु जुगाड़ व पहुँच की वजह से दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की गई। ऐसा तब किया गया जब मुरादाबाद जेल पर दस संक्रमित बन्दी मिलने पर  जेलर को निलंबित कर दिया गया था।

सूत्रों का कहना है कि अस्थाई जेल में निरुद्ध बन्दियों के भोजन, दवा समेत अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी स्थाई जेल की होती था। स्थाई जेल के अधिकारियों व सुरक्षा कर्मियों को अस्थाई जेल के सुरक्षा में तैनात किया जाता था। स्कूल कॉलेज के कमरों में अस्थाई जेल में बंद बन्दियों की परिजनों से मुलाकात कराए जाने की कोई व्यवस्था है नही की गई है। इससे अस्थाई जेल में बंद बन्दी आज भी मुलाकात की सुविधा से वंचित है।

जेल प्रशासन के अधिकारियों की माने तो कोरोना संक्रमण के समाप्त होने के संकेत मिलने पर प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश को अनलॉक कर दिया है। मॉल, सिनेमाघर, स्कूल-कॉलेज, बाजार इत्यादि खोल दिये किन्तु जेलों पर बनी अस्थाई जेलों को अभी तक समाप्त नही किया है। अस्थाई जेलों के संचालित होने से मुख्य जेलों के संचालन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उधर डीजी पुलिस/आईजी जेल आनंद कुमार का कहना है कि शासन से विचार विमर्श करने के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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