डीएम ने कार्यों पर बिठाई जांच : फर्जीवाड़े से अधिकारी बने अनुज के कार्यकाल में हुए करोड़ों के खेल, फेसबुक पर किया था पीसीएस अफसर बनने का प्रचार

इस खुलासे से पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अनुज प्रताप के कार्यकाल में हुए करोड़ों रुपये के कार्यों पर डीएम ने जांच को समिति बना दी है।

डीएम ने कार्यों पर बिठाई जांच : फर्जीवाड़े से अधिकारी बने अनुज के कार्यकाल में हुए करोड़ों के खेल, फेसबुक पर किया था पीसीएस अफसर बनने का प्रचार
डीएम ने कार्यों पर बिठाई जांच

फर्जी दस्तावेजों से सहारनपुर में प्रतिनियुक्ति पर डूडा का परियोजना अधिकारी बने डॉ. अनुज प्रताप सिंह के सिर पर कई सफेदफोशों और नौकरशाहों का हाथ था। इसी वजह से उसके भ्रष्टाचार पर हर जगह पर्दा पड़ता रहा। वह प्रतिनियुक्ति पर पीसीएस अफसर बन  प्रधानमंत्री आवास के करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट देखता रहा। इस खुलासे से पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अनुज प्रताप के कार्यकाल में हुए करोड़ों रुपये के कार्यों पर डीएम ने जांच को समिति बना दी है।

डॉ. अनुज प्रताप सिंह ने 26 फरवरी 2020 को सहारनपुर में डूडा के परियोजना अधिकारी पद पर ज्वाइन किया। अनुज प्रताप 17 महीने से ज्यादा तक परियोजना अधिकारी के पद पर रहा। सन 2014 से अब तक जिले में 18 हजार प्रधानमंत्री आवास बनाए गए हैं, जिनमें से अधिकतर पिछले दो वर्षों में बने हैं।

प्रति प्रधानमंत्री आवास में 2.50 लाख रुपये के हिसाब से करोड़ों रुपये जारी किए गए। दो वर्ष में नाली, सड़क के निर्माण के भी कई करोड़ के काम कराए गए हैं। उधर सहारनपुर के डीएम अखिलेश सिंह ने कहा कि अनुज प्रताप की तैनाती क दौरान हुए सभी कामों की जांच कराई जाएगी। इसके लिए एक समिति बनाई जा रही है।

अनुज प्रताप ने खुद को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर बताया और इसके फर्जी दस्तावेज भी पेश कर प्रतिनियुक्ति पर डूडा में सहारनपुर का परियोजना अधिकारी बन गया। अनुज इंजीनियरिंग कॉलेज में संविदा पर तैनात था। नियमानुसार संविदाकर्मी प्रतिनियुक्ति पर पीसीएस अफसर नहीं बन सकता।

फेसबुक पर किया था पीसीएस अफसर बनने का प्रचार : अनुज प्रताप प्रतिनियुक्ति पर जब सहारनपुर गया तो उसके फेसबुक पर दर्जनों साथियों ने वॉल से पोस्ट शेयर की थीं। जिनमें डॉ. अनुज प्रताप को पीसीएस अधिकारी बनने की बात लिखी थी। 

जून 2019 से विवि में संविदा पर भी नहीं था अनुज : सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक प्रो. नीरज सिंघल का कहना है कि यहां संस्थान में अनुज प्रताप की संविदा जून 2019 में खत्म हो गई थी। उसका अब यहां से कोई मतलब नहीं है। रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार वर्मा का कहना है कि जब कागजातों की जांच के लिए पत्र आया तो उस पर रिपोर्ट दे दी गई थी कि अनुज प्रताप यहां संविदा पर असिस्टेंट प्रोफेसर था।

अपर मुख्य सचिव ने उठाए थे सवाल : अपर मुख्य सचिव रजनीश दूबे ने नवंबर 2021 में सहारनपुर का दौरा किया था। वह करीब तीन दिन यहां रुके थे। तब उन्होंने डॉ. अनुज प्रताप को फटकार लगाई थी और प्रोफेसर जैसा महत्वपूर्ण पद छोड़कर डूडा में परियोजना अधिकारी बनकर आने पर भी बैठक में सवाल उठाए थे। सहारनपुर से लखनऊ लौटने के बाद अपर मुख्य सचिव ने अनुज को लखनऊ भी तलब किया था।