घरेलू विमान यात्रियों के लिए खुशखबरी : 18 अक्टूबर से होने जा रहा है ये बड़ा बदलाव

विमानन मंत्रालय ने कहा है कि 18 अक्टूबर 2021 से बिना किसी क्षमता प्रतिबंध के निर्धारित घरेलू उड़ान संचालन को बहाल करने का निर्णय लिया गया है l आदेश में कहा गया है कि यह फैसला घरेलू संचालन और हवाई यात्रा के लिए यात्रियों की मांग की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के बाद लिया गया है l सरकार ने दो महीने के अंतराल के बाद पिछले साल 25 मई को निर्धारित घरेलू उड़ानों को फिर से शुरू किया था.

घरेलू विमान यात्रियों के लिए खुशखबरी : 18 अक्टूबर से होने जा रहा है ये बड़ा बदलाव
घरेलू विमान यात्रियों के लिए खुशखबरी

नई दिल्लीः नागरिक विमानन मंत्रालय ने मंगलवार को ऐलान किया कि एयरलाइंस 18 अक्टूबर से बिना किसी क्षमता प्रतिबंध के घरेलू उड़ानें संचालित कर सकती हैं. मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि 18 अक्टूबर 2021 से बिना किसी क्षमता प्रतिबंध के निर्धारित घरेलू उड़ान संचालन को बहाल करने का निर्णय लिया गया है. आदेश में कहा गया है कि यह फैसला घरेलू संचालन और हवाई यात्रा के लिए यात्रियों की मांग की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के बाद लिया गया है. सरकार ने दो महीने के अंतराल के बाद पिछले साल 25 मई को निर्धारित घरेलू उड़ानों को फिर से शुरू किया था.

कब कितनी यात्री क्षमता के साथ मिली उड़ान की इजाजत : मंत्रालय के हुक्म के मुताबिक, एयरलाइंस 18 सितंबर से अपनी कोविड पूर्व घरेलू सेवाओं के 85 प्रतिशत का संचालन कर रही हैं. विमानन कंपनियां 12 अगस्त से 18 सितंबर के बीच कोविड-पूर्व की अपनी घरेलू उड़ानों में से 72.5 प्रतिशत का संचालन कर रही हैं. यह सीमा पांच जुलाई से 12 अगस्त के बीच 65 प्रतिशत थी. एक जून से पांच जुलाई के बीच यह सीमा 50 प्रतिशत थी. भारतीय विमानन कंपनियों ने नौ अक्टूबर को 2,340 घरेलू उड़ानों का संचालन किया, जो उनकी कुल कोविड पूर्व क्षमता का 71.5 प्रतिशत है.

25 मई तक 33 फीसदी ही हो रहा था संचालन : 25 मई तक मंत्रालय ने विमानन कंपनियों को कोविड-19 पूर्व की अपनी घरेलू सेवाओं के 33 प्रतिशत से अधिक के संचालन की अनुमति नहीं दी थी. दिसंबर 2020 तक धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 80 प्रतिशत कर दिया गया. एक जून तक यह सीमा 80 प्रतिशत तक बनी रही. मंत्रालय ने कहा था कि देश भर में कोविड-19 के मामलों में अचानक वृद्धि, यात्रियों की संख्या में कमी के मद्देनजर एक जून से अधिकतम सीमा को 80 से 50 प्रतिशत तक लाने का निर्णय किया गया था.