जी-20 शिखर सम्मलेन में बोले PM मोदी- आतंकवाद का अड्डा न बने अफगानिस्तान
अफगानिस्तान पर तालिबान (Taliban) के कंट्रोल के बाद वहां के हालातों को लेकर जी20 देशों के नेताओं ने वर्चुअल मीटिंग की, इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल रहे.
नई दिल्ली: अफगानिस्तान के हालात पर जी-20 नेताओं के शिखर सम्मलेन (G20 Summit on Afghanistan) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया l वर्चुअल माध्यम से हुए सम्मेलन में तालिबान (Taliban) के कंट्रोल के बाद युद्ध ग्रस्त देश में बनी स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया. इस दौरान अफगानिस्तान में मानवीय जरूरतों को लेकर प्रतिक्रिया, सुरक्षा स्थिति, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और मानवाधिकारों पर विचार-विमर्श जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई.
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खास बातें
- अफगानिस्तान के हालात पर अहम बैठक
- जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में हुई चर्चा
- PM मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई पर दिया जोर
अफगान नागरिकों को मानवीय सहायता मिले : अफगानिस्तान पर G20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2021) में शामिल होने की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'अफगान क्षेत्र को कट्टरपंथ और आतंकवाद का अड्डा बनने से रोकने पर जोर दिया l साथ ही अफगान नागरिकों को तत्काल और निर्बाध मानवीय सहायता दिए जाने और एक समावेशी प्रशासन का आह्वान किया.
'भारत-अफगानिस्तान के बीच सदियों पुराने संबंध : जी-20 नेताओं के शिखर सम्मलेन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और अफगानिस्तान के बीच सदियों पुराने संबंधों पर जोर दिया l उन्होंने कहा कि अफगान लोगों के मन में भारत के प्रति मैत्री की भावना है l पिछले दो दशकों में, भारत ने अफगानिस्तान में युवाओं और महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने में योगदान दिया है.
कट्टरपंथ, आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई पर जोर : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हर भारतीय भूख और कुपोषण का सामना कर रहे अफगान लोगों का दर्द महसूस करता है l यह सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आवश्यकता पर बल दिया कि अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के लिए तत्काल और निर्बाध पहुंच प्राप्त हो l यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया कि अफगान क्षेत्र क्षेत्रीय या वैश्विक स्तर पर कट्टरपंथ और आतंकवाद का अड्डा नहीं बनना चाहिए l पीएम मोदी ने अफगानिस्तान में कट्टरपंथ, आतंकवाद और नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी के गठजोड़ के खिलाफ संयुक्त लड़ाई को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया.