पुलिस के साथ विभाग ने शुरू की जांच : विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत भी आई सामने, खाली पड़े पुराने प्लाट की फर्जी रजिस्ट्री में पांच लोग हुए थे गिरफ्तार
लखनऊ विकास प्राधिकरण ( एलडीए) कर्मचारियों की मदद से जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों की जमीन बेचने के मामले में जांच तेज कर दी है। एलडीए ने भी इस मामले के साथ विभाग की योजना के प्लाट की रजिस्ट्री में हुए घोटाले के लिए स्पेशल टीम लगा दी है।
लखनऊ के गोमतीनगर थाना पुलिस ने लखनऊ विकास प्राधिकरण ( एलडीए) कर्मचारियों की मदद से जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों की जमीन बेचने के मामले में जांच तेज कर दी है। एलडीए ने भी इस मामले के साथ विभाग की योजना के प्लाट की रजिस्ट्री में हुए घोटाले के लिए स्पेशल टीम लगा दी है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पचास के करीब प्लाट के दस्तावेज में 20 नवंबर 2021 से अब तक विभागीय जांच में मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है।
पिछले दिनों इन्हीं से जुड़े पांच लोगों को गिरफ्तार कर ठगी के गिरोह का खुलासा किया गया था। यह गिरोह एलडीए के लिपिक और वहां के कर्मचारियों की मदद से जमीन और दस्तावेजों में हेराफेरी कर जमीन की खरीद फरोख्त का खेल कर रहा था।
सितंबर 2021 में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज : एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि एलडीए के प्लाट की फर्जी रजिस्ट्री को लेकर एलडीए के प्रवर वर्ग सहायक केजी साहू ने सितंबर 2021 में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें विभागीय व गैर विभागीय लोगों के शामिल होने की बात कही गई थी। जिसकी जांच में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। जांच में सामने आया है कि इसमें विभाग के लोग भी शामिल है। इसका विभागीय स्तर पर हुई जांच में भी खुलासा हुआ है। संदिग्ध लोगों की कॉल डिटेल से लेकर उनके आरोपियों से संबंध का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। जल्द ही फर्जी रजिस्ट्री के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया जाएगा।
विभागीय जांच में भी प्लाट आवंटन में फर्जीवाड़े की बात आई सामने : एलडीए की विभागीय जांच में भी कर्मचारियों व ब्रोकर की मदद से एलडीए के प्लाट की रजिस्ट्री में खेल की बात सामने आई है। इसके लिए विभागीय स्पेशल टीम पुलिस के हाथ लगे पांच लोगों के सहयोगियों की तलाश शुरू कर दी है। इसमें दो लिपिक और एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी का नाम सामने आया है। जल्द ही इन लोगों पर पुलिस व विभागीय कार्रवाई हो सकती है।
एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार के मुताबिक जिन भूखंड की रजिस्ट्री में खेल होने की आशंका है, उनकी जांच की जा रही है। जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई होगी।
फरवरी 2021 में हुआ था 499 प्लॉट के रिकार्ड में फर्जीवाडा : एलडीए की वेबसाइट की सिक्योरिटी और रखरखाव करने वाली एजेंसी ने ही फरवरी 2021 में करोड़ों का घोटाला कर दिया था। एजेंसी ने अलग-अलग योजनाओं के 499 प्लॉट के रिकार्ड में छेड़छाड़ की थी। जिसके बाद तत्कालीन संयुक्त सचिव की जांच रिपोर्ट के आधार पर एजेंसी डीजी टेक प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अजीत मित्तल और सर्विस इंजीनियर दीपक मिश्रा के खिलाफ गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी।
आरोप था कि एजेंसी ने एलडीए की तरफ से वेबसाइट के रख-रखाव के लिए तैनात विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों संग मिलीभगत कर डेटा के साथ छेड़छाड़ की थी। जिसके चलते प्लॉट आवंटियों के मूल दस्तावेजों में नाम, पते समेत भुगतान के रेकॉर्ड में भी हेरफेर कर उसकी जगह दूसरे आवंटियों का नाम चढ़ा दिया गया था।
खाली पड़े पुराने प्लाट की फर्जी रजिस्ट्री में पांच लोग हुए थे गिरफ्तार : गोमतीनगर इंस्पेक्टर केशव कुमार तिवारी ने बताया कि एलडीए के विभागीय जांच में प्लाट की फर्जी रजिस्ट्री होने की बात सामने आई थी। जिसकी शिकायत एलडीए के प्रवर वर्ग के सहायक केजी साहू ने की थी। जिसके आधार पर विरामखंड निवासी राममणि पांडेय, उनके बेटे ऋषभ पांडेय, विनयखंड बेहला के रंजीत कुमार यादव, उसके भाई ऋषि यादव और बाराबंकी के मिर्जापुर धौराहरा बडहलपुरवा निवासी संतोष यादव को गिरफ्तार किया गया। इसमें विभाग के कई लोगों के जुड़े होने की बात सामने आई है। जांच की जा रही है।