शिक्षक भर्ती और वेतन निकासी में धांधली : तत्कालीन शिक्षाधिकारियों समेत 10 के खिलाफ रिपोर्ट
मामला ताजगंज के तोरा स्थित कवि रत्न श्री सत्यनारायण इंटर कॉलेज का है। थाना ताजगंज के गांव तोरा निवासी अनिल शर्मा ने तत्कालीन तीनों शिक्षाधिकारियों समेत 10 आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।...........
आगरा में फर्जीवाड़ा कर शिक्षक भर्ती और वेतन निकासी का मामला सामने आया है। इस मामले में तीन बड़े शिक्षा अधिकारियों पर आरोप लगे हैं। थाना नाई की मंडी में तत्कालीन तीनों शिक्षाधिकारियों समेत दो पूर्व प्रधानाध्याक और भर्ती हुए शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
मामला ताजगंज के तोरा स्थित कवि रत्न श्री सत्यनारायण इंटर कॉलेज का है। थाना ताजगंज के गांव तोरा निवासी अनिल शर्मा ने तत्कालीन तीनों शिक्षाधिकारियों समेत 10 आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि 2015 में फर्जीवाड़ा कर कॉलेज के कर्मचारियों का वेतन निकाला गया। इसके बाद 2016-17 में फर्जी तरीके से शिक्षकों की भर्ती हुई।
लेखाधिकारी इस तरह फंसे : शम्भूनाथ शर्मा का आरोप है कि महेंद्र लवानिया ने अपनी और भाई दिनेश की सेवानिवृत्ति फर्जी तरीके से कथित प्रबंधक नवीन के हस्ताक्षर से कराई। महेंद्र लवानिया पूर्व में स्वयं चयन समिति का सदस्य बने और भाई दिनेश को भी नियम विरुद्ध उसी स्कूल में सहायक अध्यापक पद पर भर्ती कराया। कथित प्रबंधक नवीन का कार्यकाल जनवरी 2015 से जनवरी 2019 तक समाप्त हो चुका था। उसके बाद बीएसए एवं लेखाधिकारी बेसिक पंकज की मदद से वेतन और अन्य फंड निकाले जाते रहे। इस बारे में 19 फरवरी 2021 को लेखाधिकारी पंकज और बीएसए को पत्र भी दिया था।
इनके खिलाफ दर्ज हुई रिपोर्ट
- दिनेश यादव, तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस)
- धर्मेंद्र सक्सेना, तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षाधिकारी (बीएसए)
- आलोक प्रताप श्रीवास्वत, तत्कालीन खंड शिक्षाधिकारी
- पंकज- वर्तमान लेखाधिकारी बेसिक
- महेंद्र लवानिया, पूर्व प्रधानाचार्य
- दिनेश लावनिया, कार्यवाहक प्रधानाचार्य
- रामनरेश शर्मा, सहायक अध्यापक
- हरेंद्र प्रताप, सहायक अध्यापक
- ज्ञानेंद्र शर्मा, सहायक अध्यापक
- नवीन निश्चल, पूर्व कथित प्रबंधक