सरोजनीनगर सीट पर टिकट को लेकर मचा घमासान : बाहरी व्यक्ति की दावेदारी से स्थानीय नेताओं की उड़ी नींद, कांग्रेस-बसपा उम्मीदवार बिगाड़ सकते दलों का गणित!

पति-पत्नी के साथ स्थानीय व पूर्व पार्षद की मजबूत दावेदारी : सत्तारूढ़ दल से पति-पत्नी के साथ स्थानीय पार्षद टिकट हासिल करने के जुगत में लगे है। वही समाजवादी पार्टी से पूर्व प्रत्याशी के साथ आधा दर्जन से अधिक स्थानीय नेता पार्टी का टिकट पाने की होड़ में है।

सरोजनीनगर सीट पर टिकट को लेकर मचा घमासान : बाहरी व्यक्ति की दावेदारी से स्थानीय नेताओं की उड़ी नींद, कांग्रेस-बसपा उम्मीदवार बिगाड़ सकते दलों का गणित!
लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा सीट पर टिकट को लेकर घमासान

लखनऊ। राजधानी की सरोजनीनगर विधानसभा सीट पर टिकट को लेकर घमासान मचा हुआ है। सत्तारूढ़ दल से पति-पत्नी के साथ स्थानीय पार्षद टिकट हासिल करने के जुगत में लगे है। वही समाजवादी पार्टी से पूर्व प्रत्याशी के साथ आधा दर्जन से अधिक स्थानीय नेता पार्टी का टिकट पाने की होड़ में है। कांग्रेस व आप पार्टी ने प्रत्याशी घोषित कर इस सीट पर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। फिलहाल इस बार इस सीट पर मुकाबला जोरदार होने की उम्मीद जताई जा रही है।

सत्तारूढ़ दल से पति-पत्नी के साथ स्थानीय पार्षद टिकट हासिल करने के जुगत में लगे है।

शहरी व ग्रामीण क्षेत्रो के मतदाताओं की सरोजनीनगर विधानसभा सीट वर्तमान समय में भाजपा का कब्जा है। वर्ष-2017 के चुनाव में मोदी के जादू की वजह से इस सीट पर पहली बार भाजपा की स्वाति सिंह ने विजय हासिल की थी। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के अनुराग यादव को भारी मतों के अंतर से पराजित किया था। इस बार इस सीट पर निवर्तमान विधायिका स्वाति सिंह के साथ पति दयाशंकर सिंह ने भी टिकट के लिए दावा पेश किया है। इसके साथ ही पूर्व पार्षद गोविंद पांडेय, पार्षद सौरभ सिंह मोनू ने भी दावेदारी पेश की है। पार्टी सूत्रों की मानें तो दया शंकर सिंह, गोविंद पांडेय व मोनू में से किसी को भी टिकट मिल सकता है। निवर्तमान विधायिका को टिकट कटने के प्रबल संभावना बताई जा रही है।

पिछले चुनाव में नंबर दो पर रहे सपा के अनुराग यादव ने क्षेत्र में जगह-जगह होर्डिग्स लगवाकर एक बार फिर टिकट की दावेदारी पेश की है। मुलायम परिवार का होने की वजह से इसकी दावेदारी को मजबूत मानी जा रही है। इसके अलावा पिछली बार तीसरे नंबर रहे बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े शंकरी सिंह ने इस बार सपा से टिकट की दावेदारी पेश की है। इसके अलावा करीब आधा दर्जन स्थानीय नेता होर्डिग व प्रचार प्रसार कर अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुटे हुए है।

इसमे केकेसी के पूर्व छात्र नेता रामप्रकाश यादव, अजय यादव शामिल है। क्षेत्र में मजबूत जनाधार वाले शंकरी सिंह की दावेदारी को अहम माना जा रहा है। स्थानीय लोगो की मानें तो पार्टी ने मुलायम परिवार से जुड़े अनुराग यादव को टिकट दिया गया तो स्थानीय नेताओं की टीस उन्हें महंगी पड़ सकती है। लोग तो यह भी कहने से गुरेज नही कर रहे है कि यदि बाहरी व्यक्ति को टिकट दिया गया तो स्थानीय नेताओं की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। यही नेता उनकी जीत में रोड़ा भी बन सकते है। बाहरी व स्थानीय नेताओं की इस रस्साकशी का लाभ अन्य किसी पार्टी को भी मिल सकता है।

सपा और प्रसपा मिलन के बाद इस क्षेत्र से दो बार विधायक रहे पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला ने भी सपा से दावेदारी पेश की है। बसपा ने इस क्षेत्र से जलीस खान, आप पार्टी से रोहित श्रीवास्तव व कांग्रेस पार्टी ने रुद्र दमन सिंह बबलू को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। बसपा के जलीस खान व कांग्रेस के रुद्र दमन सिंह का क्षेत्र में मजबूत जनाधार किसी भी दल के गणित को गड़बड़ा सकता है। जलीस खान दलित व अल्पसंख्यक मतों को लेकर उत्साहित है वही रुद्र दमन सिंह बबलू क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ को लेकर जीत के प्रति आशान्वित है। राजधानी के वृहद परिधि वाली सबसे बड़ी मानी जाने वाली विधानसभा पर किसका कब्जा होगा यह तो आगामी 10 मार्च को सामने आएगा। फिलहाल इस समय क्षेत्र में टिकट को  लेकर घमासान मचा हुआ है।

लित-पिछड़ा वर्ग का वोट होगा निर्णायक : लखनऊ। सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र में शहरी मतदाताओं की संख्या अधिक होने की वजह से दलित व पिछड़े वर्ग का वोट निर्णायक साबित हो सकता है। दलित-पिछड़े वर्ग के मतदाताओं बाहुल्य इस विधानसभा क्षेत्र में कुर्मी व पासी भी बड़ी संख्या में है। इस सीट पर सपा के श्याम किशोर यादव, बसपा के इरशाद खान व प्रसपा के शारदा प्रताप शुक्ला एक बार निर्दल व एक बार सपा के टिकट पर दो-दो बार विधायक रह चुके है। वर्ष-2017 में इस सीट पर भाजपा की स्वाति सिंह ने सपा के अनुराग यादव को हराकर पहली बार कब्जा किया। इस बार इस सीट पर रोचक मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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