दोषी अफसरों को बचाने में जुटे आईजी जेल !

प्रयागराज, आगरा, हरदोई और झांसी में हुई घटनाओं पर नहीं हुई कोई कार्यवाही प्रदेश की जेलों में थम नहीं रही घटनाएं, मुखिया का मातहतों पर कोई नियंत्रण नहीं

दोषी अफसरों को बचाने में जुटे आईजी जेल !
जेल मुख्यालय

लखनऊ। कारागार विभाग में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने से अधिकारी बेलगाम हो गए है। कार्यवाही नहीं होने से जेलों में घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रयागराज, हरदोई और झांसी जिला जेल में गंभीर घटनाएं होने के बाद भी विभाग के मुखिया ने अभी तक दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है। इसको लेकर विभागीय अफसरों में तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। उधर विभाग के आला अफसरों इस मसले पर कोई भी टिप्पणी करने से बचते नजर आ रहे हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक बीती 30 सितंबर को झांसी जिला जेल में विचाराधीन बंदी करन कुशवाहा ने जेल के अंदर पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के एक दिन बाद ही इसी जेल के एक अन्य बंदी रामसिंह पुत्र पन्ना लाल की मौत हो गई। अफीम की खेती के आरोप में बंद बंदी रामसिंह की वसूली के लिए पिटाई की गई। घायल बंदी को इलाज के लिए झांसी मेडिकल कॉलेज भेजा गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

चुनिंदा कार्यवाही कर मुखिया ने फैलाई दहशत!

कार्यवाही के नाम पर कारागार मुख्यालय और जेलों में दहशत का माहौल बनाने वाले विभाग के मुखिया ने सिर्फ चंद लोगों के खिलाफ ही कार्यवाही की है। मुख्यालय के दो बाबुओं के निलंबन के अलावा गाजियाबाद जेल में अवैध मुलाकात के आरोप में जेलर केके दीक्षित, डिप्टी जेलर वीके गौतम का जौनपुर और कासगंज जेल से संबद्ध किया। इसके साथ ही हमीरपुर जेल में बंदी की मौत पर अधीक्षक जीआर वर्मा और हरदोई जेल में बंदी की फरारी के मामले में जेलर विजय राय को निलंबित किया है।

इसी दिन आगरा जिला जेल में रिटायर्ड कर्नल विजय सिंह तोमर की रहस्यमई तरीके से मौत हो गई। सोमवार को कर्नल की हाईकोर्ट से ज़मानत हुई थी और बुधवार को उनकी जेल से रिहाई होनी थी। मंगलवार को संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई। तोमर आर्थिक अपराध के मामले मे जेल मे बंद थे। बता दें कि मंगलवार दोपहर को जेल पुलिस उन्हें एसएन मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी लेकर पहुंचे थे। सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना में सुरक्षाकर्मी मृतक बंदी को छोड़ककर भाग गए थे।

इससे पूर्व 24 सितंबर को प्रयागराज जिला जेल में चोरी के आरोप में बंद विचाराधीन बंदी राजकुमार पुत्र रामकुमार की जेल प्रशासन के अधिकारियों में गलत रिहाई कर दी। जेल प्रशासन के अधिकारियों ने छिपाए रखा। घटना के खुलासे के बाद मामले की लीपापोती कर दी गई। इसी प्रकार हरदोई जिला जेल में अधिकारियों ने पुताई के नाम पर घरों को सफाई के लिए दो बंदियों की कमान निकाली। कमान में निकाला गया चोरी का आरोपी बनी जय हिंद पुत्र संत कुमार सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया। करीब 20 दिन के अंतराल में हुई इन गंभीर घटनाओं पर विभाग के मुखिया आईजी जेल ने अभी तक कोई कार्यवाही तक नहीं की है। मुखिया भ्रष्टाचार में लिप्त इन दोषी अधिकारियों को बचाने में जुटे हुए हैं। कारागार मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी इन मामलों पर कुछ भी कहने से बचते नजर आए।