तहज़ीब-ए-अवध फाउंडेशन के द्वारा रंग-ए-ग़ज़ल सीज़न 2 मुशायरे का आयोजन किया गया, उर्दू अकैडमी में आयोजित मुशायरे में मशहूर शायरों ने अपना कलाम पेश किया

कार्यक्रम में बहुत सी नामचीन हस्तियों ने विशिष्ट अतिथियों के तौर पर शिरकत की, मुशायरे से पूर्व युवा मुशायरे का भी आयोजन किया गया जिसमें युवा शायरों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। मुशायरे की शदारत मशहूर शायर जनाब शोएब अनवर ने की । निज़ामत के फ़राएज़ को अमीर फ़ैसल ने अंजाम दिया

तहज़ीब-ए-अवध फाउंडेशन के द्वारा रंग-ए-ग़ज़ल सीज़न 2 मुशायरे का आयोजन किया गया, उर्दू अकैडमी में आयोजित मुशायरे में मशहूर शायरों ने अपना कलाम पेश किया
रविवार 26 दिसंबर को तहज़ीब-ए-अवध फाउंडेशन ने रंग-ए-ग़ज़ल सीज़न 2 मुशायरे का आयोजन किया

रविवार 26 दिसंबर को तहज़ीब-ए-अवध फाउंडेशन ने रंग-ए-ग़ज़ल सीज़न 2 मुशायरे का आयोजन किया जिसमें मुख्य अतिथि रहे श्री कैफूल वरा (चेयरमैन उर्दू अकैडमी, गोमती नगर लखनऊ)। उर्दू अकैडमी में आयोजित मुशायरे में मशहूर शायरों ने अपना कलाम पेश किया एवं मुशायरे की शदारत मशहूर शायर जनाब शोएब अनवर ने की । निज़ामत के फ़राएज़ को अमीर फ़ैसल ने अंजाम दिया|

  •               तहज़ीबो के खूब उजाले घर में थे, जब तक उर्दू बोलने वाले घर में थे  (-शोएब अनवर)
  •               फिरें है मीरज़ा मुंह मीर सा बनाये हुए, कि चार दिन ही हुए लखनऊ आये हुए  (- सलीम सिद्धकी)
  •               वक्त कहां मुट्ठी में आने वाला था, लेकिन हम ने बांध लिया तस्वीरों में  (- मनीष शुक्ला)
  •               कभी वो जंग के मैदान में नहीं उतरे, जो पैर पीछे हटाने पर तंज़ करते हैं  (- सलमान ज़फ़र)
  •               इतनी मासूमियत मेरी आंखों में थी, लोग मुझको रुलाते हुए रो दिए  (-अमीर फैसल)
  •               भाइयों की ज़िद के आगे वो भी हिस्सा भी गया, जिसको अम्मां ने बनाया, अपने कंगन बेचकर (- सत्याधार सत्या)
  •               तुम्हें फ़ैज़ पहचान मिलती भी कैसे, ग़ज़ल जो तुम्हारी विरासत न होती  (-  फ़ैज़कुमार बाराबंकवी)

इसके अलावा राकेश तूफान, प्रियंका शुक्ला, राज काफिर, ज्योति सिन्हा, अहमद रजा बहराइची, हर्षित मिश्रा, निगार अंजुम, इरशाद बाराबंकवी जैसे मशहूर शायरों ने अपना कलाम पेश किया और दर्शकों से दाद बटोरी। मुशायरे के पूर्व सुहेल अहमद की किताब राज़ -ए- जिंदगी का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम में बहुत सी नामचीन हस्तियों ने विशिष्ट अतिथियों के तौर पर शिरकत की, जैसे कि: कर्नल मयंक चौबे, श्री सत्यम, श्री शादाब आलम, श्री प्रसून गुप्ता, श्री रोहित सिंह, सोहेल जी, इरशाद राही जी, श्री चन्द्रशेखर वर्मा और धीरज जी।

मुशायरे से पूर्व युवा मुशायरे का भी आयोजन किया गया जिसमें युवा शायरों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। जिन युवा शायरों ने कलाम पेश किया उनके नाम है-  डी फैज़ खान, शुभम अवस्थी, श्रुति भट्टाचार्य, तालिब अहमद, मोहम्मद हुसैन लखनवी, अबीर लखनवी, अल्तमस लखनवी, अंकुर पाठक, अंशु कुमार त्यागी, देव प्रताप सूर्यवंशी, खालिद लखनवी, मोहम्मद तल्हा, मोहित इंडिया, यूशा रिजवी, अनुश्री भारती, रिचा, मोहित बाबू, सैयद आमिर हुसैन, शादाब हुसैन, मोहम्मद अशाहद, कलीम रजा, रियाल अहमद, साकिब अहमद, गोविंद यादव, मुजम्मिल पठान, सैयद आमिर हुसैन, देवेश बाजपेई और रजत वर्मा।

तहज़ीब ए अवध के संस्थापक  अमीर फ़ैसल जी ने युवा शायरों की तारीफ़ करते हुए कहा कि इन शायरों की वजह से शायरी का भविष्य उज्जवल है। साहित्य हमेशा फले फूले ऐसी कामना करते हुए उन्होंने इस कार्यक्रम के सफल होने का श्रेय अपनी टीम को देते हुए उनकी भरसक प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि कोर टीम, (जिसमें सुश्री कविता मिश्रा जी, श्री विमलेश सिंह चौधरी जी और सुश्री अपर्णा शर्मा जी हैं), के मार्गदर्शन में अन्य कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों से यह कार्यक्रम सफल हो पाया। उन्होंने सबको बधाई देते हुए कार्यक्रम का समापन किया।