लखनऊ की यह संस्था जरूरतमंद बच्चों के लिए बनी वरदान, निःशुल्क भोजन के साथ उनके सपनों को भी दे रही नई उड़ान

आज हम आपको ऐसी संस्था के बारे में बताएंगे, जो पिछले कई वर्षों से गरीब बच्चों, निराश्रित, अकिंचन व जरूरतमंदो को निःशुल्क भोजन कराने के लिए अग्रसर है साथ ही गरीब बच्चों के सपनों को भी दे रही नई उड़ान जी हाँ हम बात कर रहे है इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी की।

लखनऊ की यह संस्था जरूरतमंद बच्चों के लिए बनी वरदान, निःशुल्क भोजन के साथ उनके सपनों को भी दे रही नई उड़ान
ब्रज की रसोई द्वारा आशियाना क्षेत्र में भोजन वितरण

लखनऊ। इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी के संस्थापक विपिन शर्मा ने बताया बैसे तो इस धरती पर रह रहे हर एक शख्स के भोजन की व्यवस्था ईश्वर ने कर रखी है, लेकिन कुछ असहाय बच्चे और जरूरतमंद इससे वंचित हैं। भूख कोई प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि काफी हद तक मानव निर्मित आपदा है। इसलिए, मुझे लगता है, भारत को भूख मुक्त बनाना हमारा कर्तव्य है।

इसी क्रम में संस्था की वरिष्ठ सदस्य एड. अंजू गुप्ता ने कहा परन्तु इसमें अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी होना अति आवश्यक है और संस्था सभी जनमानस से अपील करती है कि जो भी व्यक्ति सेवा भाव से हमारी संस्था के साथ जुड़ना चाहते है एवं सहयोग प्रदान करना चाहते है उन सभी का हार्दिक स्वागत है। जो लोग आर्थिक सहयोग ना करके अपनी सेवाएं देना चाहते है उनका भी हार्दिक स्वागत है।

एस. के. मिश्रा जी (श्री राम बीमा केंद्र) ने कहा यह एक पुण्य कार्य है जिसमें आप अपनी स्वेच्छा से अपनी सहभागिता दर्ज करा सकते हैं। यदि आप इस नेक प्रयास में सहयोग देना चाहते हैं, तो कृपया निःसंकोच संस्था से संपर्क करें। हमने भी संस्था के नेक कार्य को देखा हमारी इच्छा प्रबल हुई और आज की भोजन सामग्री की व्यवस्था हमारी तरफ से स्व-इच्छा से की गई । हमें बहुत ही आनन्द का अनुभव हो रहा है आप भी आइये इस नेक कार्य का हिस्सा बनिये आपका योगदान न केवल जरूरतमंदों के लिए मददगार होगा, बल्कि आपको भी आत्मिक संतोष और पुण्य का अनुभव कराएगा। आइए, मिलकर इस सेवा कार्य में भाग लें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाएँ।

संजय श्रीवास्तव ने बताया दुनिया ऐसे लोगों और कारणों से भरी हुई है जिन पर हमें ध्यान देने की आवश्यकता है और जमीनी स्तर के प्रयासों से लेकर बड़े पैमाने पर परोपकार तक, विभिन्न प्रकार के धर्मार्थ दान स्वयं प्रकट होते हैं।

अनुराग जायसवाल जी कहते है धर्मार्थ दान की अपनी विरासत शुरू करने में कभी देर नहीं होती। चाहे आप एक अनुभवी परोपकारी व्यक्ति हों या बस अपनी धर्मार्थ यात्रा पर निकल रहे हों, ऐसे अनगिनत तरीके हैं जिनसे आपकी उदारता जीवन बदल सकता है और एक बेहतर दुनिया को आकार देने में मदद कर सकती है।

एक और सदस्य सुबोध मिश्रा कहते है हम वंचित बच्चों में चिंताजनक रूप से उच्च कुपोषण की व्यापकता को संबोधित करना चाहते हैं।

एक तो कुपोषण से स्वास्थ्य खराब होता है, उम्र के अनुरूप विकास में देरी होती है, शारीरिक और संज्ञानात्मक विकास में बाधा आती है, प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है और मृत्यु का खतरा भी बढ़ जाता है।

समाजसेविका ज्योति गुप्ता जी का कहना है कि आपके सहयोग का लाभार्थी बच्चों पर तिगुना प्रभाव पड़ेगा। पौस्टिक भोजन उनके पोषण, स्वास्थ्य का ख्याल रखेगा और उनकी शिक्षा में भी सहायता करेगा। उदारतापूर्वक दान करें ताकि बच्चों को वह मिल सके जिसकी उन्हें उचित वृद्धि और विकास के लिए सबसे अधिक आवश्यकता है - पौष्टिक भोजन। वर्तमान में हम झुग्गी बस्तियों के बच्चों की सेवा कर रहे हैं। आपके सहयोग से, हम इस पहल को दो और महत्वपूर्ण स्थानों तक विस्तारित करने की योजना बना रहे हैं।

आज के इस कार्यक्रम में शामिल एस. के. मिश्रा, प्रेम आनन्द श्रीवास्तव, सुबोध मिश्रा, अनुराग जायसवाल, जीतेन्द्र द्विवेदी, आशीष श्रीवास्तव, अलोक धर, रजनीश मिश्रा, संजय श्रीवास्तव, रंजीत कश्यप, वीरेंद्र शर्मा, नवीन कुमार, वरुण कश्यप, एड. अंजू गुप्ता, साधना मिश्रा, ज्योति गुप्ता सहित सभी समाजसेवी सज्जनों का इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी के संस्थापक विपिन शर्मा ने आभार व्यक्त किया l