ब्रज की रसोई: गरीब और असहायों के चेहरे पर मुस्कान लाने का एक अनूठा प्रयास
'ब्रज की रसोई' एक ऐसी पहल है, जो समाज के गरीब और असहाय वर्ग के लिए निःशुल्क पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। इस पहल के माध्यम से न केवल लोगों की शारीरिक भूख मिटाई जा रही है, बल्कि उनके जीवन में खुशी और सुकून लाने का प्रयास भी किया जा रहा है। 'ब्रज की रसोई' यह साबित करती है कि यदि समाज के सभी लोग अपने सामर्थ्य अनुसार दूसरों की मदद के लिए आगे आएं, तो कई समस्याओं का समाधान संभव है। यह प्रयास समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और जरूरतमंदों के चेहरों पर मुस्कान लाने का एक सार्थक उदाहरण है।
लखनऊ। आशियाना क्षेत्र में स्थित 'ब्रज की रसोई' एक ऐसा प्रकल्प है, जो समाज के सबसे कमजोर और जरूरतमंद वर्ग के लिए काम कर रहा है। इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी द्वारा संचालित इस पहल के तहत, प्रत्येक रविवार को क्षेत्र के चिन्हित स्थानों पर गरीब, असहाय, निराश्रित, विक्षिप्त, मासूम बच्चों और बुजुर्गों को निःशुल्क पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
संस्था के संस्थापक विपिन शर्मा ने बताया यह पहल तब शुरू की गई, जब संस्था ने समाज के कमजोर वर्गों की समस्याओं को करीब से देखा और महसूस किया। श्री शर्मा कहते है अगर हर व्यक्ति अपने सामर्थ्य अनुसार दूसरों की मदद करे, तो समाज की बहुत सी समस्याएं अपने आप हल हो सकती हैं। इस सोच को आगे बढ़ाते हुए 'ब्रज की रसोई' ने जरूरतमंदों के लिए भोजन वितरण का कार्य शुरू किया।
संस्था के वरिष्ठ सदस्य पंकज ने कहा 'ब्रज की रसोई' का मुख्य उद्देश्य उन लोगों तक भोजन पहुंचाना है जो जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ हैं।
वहीं सक्रिय सदस्य राजीव पाण्डेय कहना है यह पहल न केवल शारीरिक भूख मिटाने का काम करती है, बल्कि इन लोगों के जीवन में खुशी और सुकून लाने का भी प्रयास करती है।
संस्था के सदस्य विशाल सक्सेना का मानना है कि हमारी दुनिया तब और भी सुंदर हो जाती है जब हम किसी जरूरतमंद के चेहरे पर मुस्कान ला पाते हैं, और यही इस कार्य का सार है।
समाजसेविका शोभा पाण्डेय ने बताया प्रत्येक रविवार को, 'ब्रज की रसोई' की टीम अपने स्वयंसेवकों के साथ चिन्हित स्थानों पर अपने साधनों से पौष्टिक भोजन जरूरतमंदों में वितरित करती हैं। इस प्रक्रिया में, टीम यह सुनिश्चित करती है कि भोजन गुणवत्ता और पौष्टिकता से भरपूर हो, ताकि इसे खाने वाले लोगों को आवश्यक पोषण मिल सके।
संस्था के सदस्य मनोज पाण्डेय ने कहा 'ब्रज की रसोई' को सुचारू रूप से चलाने के लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग आवश्यक है। चाहे वह आर्थिक सहायता हो, भोजन सामग्री का योगदान हो, या फिर स्वयंसेवक के रूप में सेवा देने का अवसर, हर प्रकार का सहयोग इस नेक कार्य को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
देवांश रस्तोगी ने बताया कि भोजन का वितरण रतन खण्ड पानी टंकी के पास की झुग्गियों और निर्माणाधीन विद्यालय के मजदूरों और उनके परिवारों व जोन 8 के सामने जुग्गी झोपड़ियो में किया गया, जिसमें लगभग 770 लोगों को भोजन वितरित किया गया।
इस कार्यक्रम में शामिल पंकज राय, प्रेम आनन्द श्रीवास्तव, देवांश रस्तोगी, मनोज पाण्डेय, संजय श्रीवास्तव, राजीव पाण्डेय, विशाल सक्सेना, आशीष श्रीवास्तव, रजनीश मिश्रा, रामू द्विवेदी, शिवम कटियार, भूपेंद्र सिंह, प्रणय आनन्द, दिव्यांश पाण्डेय, नवनीत वर्मा, मयंक गौर, ध्रुव सक्सेना, विकास साहू, रंजीत, समर्थ श्रीवास्तव, सारिका श्रीवास्तव, शोभा पाण्डेय, प्रिया श्रीवास्तव, आनंदिता सहित सभी समाजसेवियों का विपिन शर्मा ने आभार व्यक्त किया।