सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 'शॉट' नामक डियोड्रेंट के विवादास्पद विज्ञापन पर तत्काल प्रभाव से लगाई रोक

यह विज्ञापन महिलाओं का गलत चित्रण करता है और रेप कल्चर को बढ़ावा देने वाला है। इसमें सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यूट्यूब और ट्विटर को पत्र भेजकर अपने प्लेटफॉर्म से इसे हटाने का आदेश दिया गया है।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 'शॉट' नामक डियोड्रेंट के विवादास्पद विज्ञापन पर तत्काल प्रभाव से लगाई रोक
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने विवादित स्तर के शॉट डिओडोरेंट को निलंबित करने का आदेश दिया

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 'शॉट' नामक डियोड्रेंट के विवादास्पद विज्ञापन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इस विज्ञापन के संबंध में शिकायतें आने के बाद इसे निलंबित करने का आदेश जारी किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विज्ञापन कोड के अनुसार इस मामले की पूछताछ की जा रही है। सोशल मीडिया पर मंत्रालय के फैसले की जमकर तारीफ की जा रही है। ट्विटर पर लोग इस तरह के  विज्ञापन पर सख्त कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं।

इस संबंध में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह विज्ञापन महिलाओं का गलत चित्रण करता है और रेप कल्चर को बढ़ावा देने वाला है। इसमें सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यूट्यूब और ट्विटर को पत्र भेजकर अपने प्लेटफॉर्म से इसे हटाने का आदेश दिया गया है। पत्र में मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि यह सूचना प्रौद्योगिकी के संबंध में जारी दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड 2021 का उल्लंघन है।

इस संबंध में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मलीवाल ने कहा है कि लेयर'र शॉट डियोड्रेंट का विज्ञापन देश में बलात्कार की मानसिकता को स्पष्ट रूप से बढ़ावा देने वाला है। उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली पुलिस को नोटिस भी जारी किया है कि प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए और विज्ञापन सभी प्लेटफार्मों से तुरंत हटा दिया जाना चाहिए। रिपोर्ट में ट्विटर यूजर्स के हवाले से कहा गया कि ये विज्ञापन इंग्लैंड बनाम न्यूजीलैंड क्रिकेट मैच के दौरान प्रसारित किए गए थे।