स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी सहित 8 विधायकों ने शुक्रवार को सपा का दामन थामा, रैली पर रोक थी, रैला लेकर सपा में शामिल हुए, हुई FIR

अखिलेश ने कहा कि समाजवादी और अंबेडकरवादी लोग मिलकर अगर साथ लड़ेंगे तो इस बार हम लोग 400 सीटें भी जीत सकते हैं। जनता बदलाव और परिवर्तन चाहती है। कितने भी दिल्ली वाले आ जाएं, बाबा पास नहीं होने वाले हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य के पास पुराने मामले में वारंट भेज दिया गया।

स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी सहित 8 विधायकों ने शुक्रवार को सपा का दामन थामा, रैली पर रोक थी, रैला लेकर सपा में शामिल हुए, हुई FIR
समाजवादी पार्टी के बाहर कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। चुनाव आयोग ने इसका संज्ञान लिया है।

भाजपा छोड़ने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी सहित 8 विधायकों ने शुक्रवार को सपा का दामन थाम लिया। अखिलेश यादव ने मंच पर पहुंचकर सबको पार्टी की सदस्यता दिलाई। अखिलेश ने कहा कि मैं स्वामी प्रसाद मौर्य को धन्यवाद दूंगा। वह जिस तरफ चल देते हैं, सरकार उनकी ही बन जाती है। इस बार कितने भी दिल्ली वाले आ जाएं, बाबा पास नहीं होने वाले हैं। इस बार हैंडल भी ठीक है और पहिए भी। पैडल चलाने वाले आ गए हैं। अब सपा की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता। हालांकि रैली के थोड़ी देर बाद ही कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर चुनाव आयोग ने संज्ञान ले लिया। जांच के लिए पुलिस और प्रशासन की टीम सपा दफ्तर पहुंची। गौतमपल्ली थाने में कोविड प्रोटोकाल के उल्लंघन पर एफआईआर दर्ज की गई है।

  • सपा जॉइन करते ही मौर्य भाजपा पर बरस पड़े। कहा- अब BJP की सरकार का खात्मा करके UP को भाजपा के शोषण से मुक्त कराना है। मैं अखिलेश के साथ भाजपा को नेस्तनाबूद कर दूंगा। अखिलेश नौजवान हैं। पढ़े-लिखे हैं। नई ऊर्जा है।
  • मौर्य बोले, 'एक और बात कहूंगा कि जिसका साथ छोड़ता हूं, उसका अता-पता नहीं रहता। इसका उदाहरण हैं बहनजी। उनकाे घमंड हो गया था। बाबा भीमराव को भूल गईं। काशीराम को भूल गईं। परिवर्तन आंदोलन के नारे को बदल दिया। थैली वालों के पीछे खड़ी हो गईं। मैंने साथ छोड़ा तो क्या हश्र हुआ उनका।'
  • मौर्य ने कहा कि भाजपा के बड़े-बड़े नेता जो कुंभकरण की तरह सो रहे थे, जिनको कभी विधायक और मंत्रियों से बात करने का वक्त नहीं मिलता था। हम लोगों के इस्तीफा देने के बाद उनकी नींद हराम हो गई है। आज सत्ता में 5 फीसदी लोग मलाई खा रहे हैं। अब 80 और 20 की लड़ाई नहीं, बल्कि 15 और 85 की लड़ाई होगी। 85 तो हमारा है और 15 में भी बंटवारा है।
  • योगी से सवाल किया कि क्या 54 फीसदी वाले हिन्दू नहीं हैं क्या, तो इस पर उन्होंने साफ इशारा किया कि योगी सरकार में दलित और पिछड़ों का हक सामान्य वर्ग को दे दिया गया।
  • उन्होंने कहा कि योगी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठकर पाप कर रहे हैं और दुहाई हिंदू की देते हैं। क्या आपकी नजर में दलित, पिछड़ा वर्ग हिंदू नहीं है क्या। अगर आपकी नजर में सिर्फ 5 फीसदी लोग हिंदू हैं तो आपकी खटिया खड़ी होनी तय है।

समाजवादी पार्टी जॉइन करने वाले योगी के एक अन्य मंत्री धर्म सिंह सैनी ने कहा कि अखिलेश भावी नहीं, अब CM हैं। उन्होंने कहा कि कोविड और आचार संहिता न होती तो 10 लाख की रैली कर आपको सम्मानित किया जाता। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दलितों और पिछड़ा वर्ग ने आपको CM बनाने के लिए संकल्प लिया है। BJP पर तंज करते हुए कहा कि जहां से आ रहे हैं, उनसे कई गुना ज्यादा सम्मान मिल रहा है।

अखिलेश बोले- कितने भी दिल्ली वाले आ जाएं, बाबा पास नहीं होने वाले : अखिलेश ने कहा कि वो 80 की बात करते हैं। मुझे लगता है कि समाजवादी गठबंधन के साथ 80 फीसदी लोग तो पहले से थे। अखिलेश ने कहा कि उन्होंने कहा था कि किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। कोई भी फसल और पैदावार सरकार ने खरीदी नहीं। अगर किसी को खाद मिल भी गई तो बोरी देखने के बाद उसमें 5 किलो की चोरी गई है। जिस कंपनी के पास पेट्रोल और डीजल की सप्लाई का काम है, वहीं की गलत नीतियों की वजह से 600 फीसदी तक मुनाफा कमा रहे हैं।

अखिलेश ने कहा कि समाजवादी और अंबेडकरवादी लोग मिलकर अगर साथ लड़ेंगे तो इस बार हम लोग 400 सीटें भी जीत सकते हैं। जनता बदलाव और परिवर्तन चाहती है। कितने भी दिल्ली वाले आ जाएं, बाबा पास नहीं होने वाले हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य के पास पुराने मामले में वारंट भेज दिया गया। छापा मारना था कहीं और छापा कहीं और मार दिया। अखिलेश ने कहा कि लोहियावादी, समाजवादी और आंबेडकरवादी अब साथ आ गए हैं। सपा की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता।

अब तक ये दे चुके हैं इस्तीफा...

नाम  सीट
स्वामी प्रसाद मौर्य  पडरौना, कुशीनगर
धर्म सिंह सैनी        नकुड़, सहारनपुर
भगवती सागर       बिल्हौर
रोशनलाल वर्मा     तिलहर
विनय शाक्य          बिधूना, औरैया

अवतार सिंह भड़ाना          

मीरापुर

दारा सिंह चौहान  

मधुबन, मऊ
बृजेश प्रजापति      तिंदवारी, बांदा
मुकेश वर्मा            शिकोहाबाद, फिरोजाबाद
दिग्विजय नारायण जय चौबे               खलीलाबाद
बाला प्रसाद अवस्थी धौरहरा, लखीमपुर
राकेश राठौर

सीतापुर

माधुरी वर्मा       नानपारा, बहराइच
आरके शर्मा          बिल्सी, बदायूं