लखनऊ : हत्या का आरोपी कैदी केजीएमयू से फरार, जेल में अपना गला रेतने के बाद चल रहा था उपचार

विभूतिखंड पुलिस ने 18 जनवरी 2018 को हत्या के मामले में राजस्थान के अलवर जिले के रहने वाले सत्यवीर को गिरफ्तार करके जिला जेल भेजा था। उसके खिलाफ गोंडा के थानों में भी कई मुकदमे दर्ज हैं। इंस्पेक्टर ने बताया कि जिला जेल में 18 जनवरी की देर रात सत्यवीर ने ब्लेड से अपना गला रेत लिया था। जेल प्रशासन ने सत्यवीर को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया था।

लखनऊ : हत्या का आरोपी कैदी केजीएमयू से फरार, जेल में अपना गला रेतने के बाद चल रहा था उपचार
हत्या का आरोपी कैदी केजीएमयू से फरार

लखनऊ जिला जेल में 18 जनवरी को अपना गला रेतने के बाद केजीएमयू के सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया बंदी बुधवार सुबह निगरानी ड्यूटी में लगे दो सिपाहियों को चकमा देकर फरार हो गया। उसे तीन साल पहले हत्या के मुकदमे में विभूतिखंड पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था। चौक कोतवाली में आरोपी बंदी के साथ ही निगरानी ड्यूटी में लगे दोनों सिपाहियों के खिलाफ लापरवाही बरतने की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। आरोपी की तलाश में पुलिस की तीन टीमें लगाईं गईं हैं।

चौक इंस्पेक्टर कुलदीप दुबे ने बताया कि विभूतिखंड पुलिस ने 18 जनवरी 2018 को हत्या के मामले में राजस्थान के अलवर जिले के रहने वाले सत्यवीर को गिरफ्तार करके जिला जेल भेजा था। उसके खिलाफ गोंडा के थानों में भी कई मुकदमे दर्ज हैं। इंस्पेक्टर ने बताया कि जिला जेल में 18 जनवरी की देर रात सत्यवीर ने ब्लेड से अपना गला रेत लिया था। जेल प्रशासन ने सत्यवीर को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां से 19 जनवरी को उसे केजीएमयू रेफर किया गया। वहां सर्जरी विभाग में सत्यवीर का इलाज चल रहा था।

उसकी निगरानी के लिए आशियाना थाने के सिपाही योगेश व महानगर कोतवाली के सिपाही रवि को तैनात किया गया था। बुधवार सुबह 6:30 बजे रवि लघुशंका जाने की बात कहकर बेड से उठकर शौचालय की तरफ जाकर फरार हो गया। चौक इंस्पेक्टर ने बताया कि मामले में सत्यवीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही उसकी तलाश में पुलिस की तीन टीमें लगाईं गईं हैं। जल्द ही सत्यवीर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

कई घंटे तक सूचना छिपाए रहे सिपाही : केजीएमयू में बंदी सत्यवीर की निगरानी के लिए तैनात दोनों सिपाही उसके फरार होने के बाद खुद ही घंटों तलाशते रहे। सिपाहियों ने तत्काल उच्चाधिकारियों और पुलिस को सूचना नहीं दी। इसके चलते बंदी को दबोचने के लिए तुरंत कोई प्रयास ही नहीं किए जा सके। कई घंटे बाद भी बंदी के नहीं मिलने पर दोनों सिपाहियों ने उच्चाधिकारियों व चौक पुलिस को सूचना दी। इसी के चलते दोनों सिपाहियों के खिलाफ चौक कोतवाली में लापरवाही बरतने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।