कानपुर के GSVM में होंगे 12 नए विभाग : सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल 25 सितंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा, 60 विशेषज्ञ डॉक्टर मरीजों का इलाज करें
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण के लिए शनिवार को 44 करोड़ रूपए और जारी किए है। साथ ही अस्पताल का निर्माण कार्य जल्द पुराने कराने के निर्देश दिए हैं। सुपर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनने के बाद GSVM में 12 नए विभाग होंगे।
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल जल्द शुरू किया जाएगा। मेडिकल कालेज प्रशासन ने सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को शुरू करने के लिए तैयारियां तेज कर दी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण के लिए शनिवार को 44 करोड़ रूपए और जारी किए है। साथ ही अस्पताल का निर्माण कार्य जल्द पुराने कराने के निर्देश दिए हैं। सुपर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनने के बाद GSVM में 12 नए विभाग होंगे।
25 सितम्बर तक अस्पताल के तैयार होने की संभावना : सितम्बर के तीसरे हफ्ते तक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के तैयार होने की संभावना है। इस संबंध में शासन ने मेडिकल कालेज को दिशा-निर्देश पहले ही कर जारी कर दिया था। अस्पताल को शुरू करने में अभी सबसे बड़ी बाधा बिजली और पानी का कनेक्शन है। शासन स्तर पर इसकी सैद्धांतिक अनुमति मिल गई है। बजट की स्वीकृति भी दे दी गई।
एजेंसी भी फाइनल हो चुकी है : आपको बता दें इस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को बनाने के लिए एजेंसी भी नामित है, लेकिन तकनीकी कारणों की वजह से काम शुरू नहीं हो पा रहा है। भवन का 90 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अस्पताल का निर्माण कार्य 15 सितम्बर से पहले पूरा किया जाना था। लेकिन तकनीकी कारणों की वजह से निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। उधर उपकरणों की खरीद के लिए लगभग 60 फीसदी टेंडर हो चुका है। बड़ी संख्या में उपकरणों की डिलीवरी भी शुरू हो गई है।
अभी तक नहीं लगाए जा सके उपकरण : उपकरणों को ट्रायल पर लगाया जाना बाकी है। उसके लिए बिजली जरूरी है। इस बीच फैकेल्टी और स्टाफ के साथ सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों के लिए भी प्रस्ताव शासन भेजा जा चुका है। प्राचार्य प्रो. संजय काला के मुताबिक, शासन और कॉलेज प्रशासन की प्राथमिकता सुपर स्पेशियलिटी शुरू करना है। इसके लिए प्रयास हो रहे हैं। केन्द्रीय प्रशासन की तरफ से जो आदेश मिला है, उसके अनुसार समय पर अस्पताल तैयार करा लिया जाएगा।
60 विशेषज्ञ डॉक्टर होंगे तैनात : प्राप्त जानकारी के मुताबिक कॉलेज प्रबंधन ने इस अस्पताल में 60 विशेषज्ञ डॉक्टरों को तैनात करने के लिए कहा है। कथित तौर पर, 240-बेड वाले मल्टी-सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक को लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। हाल ही में केंद्रीय प्रशासन ने परियोजना प्रबंधक को बुलाकर 100 दिनों के भीतर कार्य समाप्त करने का निर्देश दिया थे।
12 नए विभाग शुरू होंगे : एंडोक्रिनोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, दर्द और उपशामक देखभाल, ऑर्थोप्लास्टी, गैस्ट्रो मेडिसिन, न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन, पीडियाट्रिक सर्जरी और गैस्ट्रो सर्जरी सहित कई विभागों में ओपीडी सेवाएं शुरू की जाएंगी। अस्पताल में न्यूरोराडियोलॉजी का एक अलग विभाग स्थापित किया जाएगा।
प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया, हर सेक्टर में 5 लोगों की एक फैकल्टी होगी। इसमें एक प्रोफेसर, एक एसोसिएट प्रोफेसर, एक असिस्टेंट प्रोफेसर, एक सीनियर रेजिडेंट और एक रेजिडेंट शामिल होंगे।
कलर डॉप्लर समेत कई हाईटेक मशीनें खरीदी : जांच को विस्तृत करने के लिए इस अस्पताल में रीढ़, मस्तिष्क और तंत्रिकाओं की केंद्रित रेडियोलॉजिकल जांच की जाएगी। इस विभाग के लिए आधुनिक सीटी स्कैन मशीन, एमआरआई मशीन और ईसीजी मशीन मंगवाई गई हैं। इसके अतिरिक्त, इस नए अस्पताल के लिए कलर डॉप्लर और हाईटेक डिजिटल एक्स-रे मशीन खरीदी जा चुकी है।