समाज कल्याण मंत्री असीम को CM योगी ने दी जिम्मेदारी : यूपी में OBC की 17 पिछड़ी जातियों को SC कैटेगरी में शामिल करने का प्लान तैयार

सीएम योगी ने समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण को इस मामले की जिम्मेदारी नए सिरे से सौंपी है। भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इसे यूपी में SC का दर्जा दिलाकर बड़ा राजनीतिक फेरबदल कर सकती l

समाज कल्याण मंत्री असीम को CM योगी ने दी जिम्मेदारी : यूपी में OBC की 17 पिछड़ी जातियों को SC कैटेगरी में शामिल करने का प्लान तैयार
कैबिनेट मंत्री संजय निषाद और राकेश सचान ने लोक भवन में सीएम योगी से मुलाकात कर जातियों का मुद्दा रखा

यूपी में OBC की 17 पिछड़ी जातियों को SC कैटेगरी में शामिल करने का प्लान तैयार है। कैबिनेट मंत्री संजय निषाद और राकेश सचान ने लोक भवन में सीएम योगी से मुलाकात की l

इसके बाद सीएम योगी ने समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण को इस मामले की जिम्मेदारी नए सिरे से सौंपी है। भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इसे यूपी में SC का दर्जा दिलाकर बड़ा राजनीतिक फेरबदल कर सकती l

संजय निषाद कहा, "मझवार जाति नहीं जातियों का समूह है। मगर, धोखे या गलती से मझवार जाति समूह की उप- जातियों को पिछड़ी जातियों की सूची में डाल दिया। साल 1991 से पहले इनकी गिनती SC में होती थी। राष्ट्रपति के नोटिफिकेशन में ये SC में हैं। हमें फिर वही संवैधानिक अधिकार और मदद चाहिए। जिस तरह चमार और धोबी भाइयों के उप-जातियों को SC में रखा गया है। वैसे ही मझवार, तुरैहा और शिल्पकार जाति समूह के उप-जातियों को भी SC का दर्जा मिलना चाहिए। 

संजय ने कहा, "18 दिसंबर, 2021 को एक लेटर सीएम को लिखा था। इसे सीएम योगी ने दिसंबर 2021 को केंद्र सरकार को भेजा था। उस पर रजिस्ट्रार जनरल ऑफ सेंसेक्स ने 18 जनवरी को बताया कि केवट, मल्लाह, मझवार हमारे दस्तावेज में भी SC में हैं।"

समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने संजय निषाद के आवास पर मुलाकात कर आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा की।

संजय निषाद ने कहा, "सामाजिक न्याय मंत्रालय ने भी लिखा है कि 1950 में मझवार और शिल्पकार यूपी और उत्तराखंड में SC में है। उत्तराखंड ने शिल्पकार जाति समूह को परिभाषित करके उनकी जातियों को SC में शामिल किया है। उसी तरह यूपी में भी मझवार जाति समूह को परिभाषित कर समस्या का हल निकाला जा सकता है।"

असीम अरुण : अगले महीने तक सीएम को रिपोर्ट सौंपेंगे

मंत्री असीम अरुण ने कहा " संजय निषाद से हमारी मुलाकात हो चुकी है। हम इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। जिसे सीएम येागी को सौंपा जाएगा। सीएम यही रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेंगे।

अनुमान है कि असीम अगले महीने तक ये रिपोर्ट सौंप देंगे। दरअसल, असीम अरुण ने संजय निषाद के घर पहुंच कर उनसे मुलाकात की थी। चूंकि इस पूरे मामले को सुलझाने की पूरी जिम्मेदारी केंद्र की सामाजिक न्याय मंत्रालय की है और असीम अरुण यूपी के समाज कल्याण मंत्री है। इसलिए जातियों के आरक्षण का मामला इनके विभाग के तहत आता है।

सीएम के निर्देश पर देर रात संजय निषाद के आवास पर एक बैठक भी हुई। बैठक में मझवार की सभी पर्यायवाची जातियों को परिभाषित करने पर चर्चा हुई।

मछुवा समुदाय की जाति समूह मझवार UP में SC की सूची में है : बैठक में संजय निषाद ने समाज कल्याण मंत्री को मझवार आरक्षण को लेकर बताया, "हमारा मामला परिभाषित करने का है। मछुवा समुदाय की सभी उपजातियां उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति की सूची क्रमांक-53 में मझवार, क्रमांक- 66 में तुरैहा हैं। जो मछुवा समुदाय की कहार कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, रैकवार, धीवर, बिन्द, धीमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी, मछुवा की पर्यायवाची उप-जातियों को परिभाषित किया जाना है।

माना जा रहा है कि राज्य सरकार इसके लिए विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में इन जातियों को आरक्षण देने का प्रस्ताव पास कर सकती है। जिसे संसद के दोनों सदनों से पारित करने के लिए केंद्र को भेजा जाएगा। इसके साथ ही एक विकल्प ये भी है कि रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मझवार और भर की जातियों को ठीक से परिभाषित करके सभी राज्यों को उनकी सभी उप-जातियों को SC के दायरे में शामिल करने के लिए अधिसूचित कर दिया जाए।

यूपी में OBC की 18 जातियों को लगभग 13 प्रतिशत वोट है। इसी वोट बैंक के लिए पिछले 17 सालों के इन्हें SC कैटेगरी में शामिल करवाने की लड़ाई लड़ी जी रही है।