मां-बाप-भाई के कत्ल के पीछे की असली कहानी : श्मशान घाट पहुंचा बेटा, तांत्रिक की जगह मिला सुपारी किलर

पुलिस के मुताबिक, विकास नगर निवासी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से रिटायर डिप्टी मैनेजर महमूद अली खां, उनकी पत्नी दरक्षा और छोटे बेटे शावेज की हत्या के पीछे बड़े बटे सरफराज ने घर वालों का दोहरा व्यवहार बताया।

मां-बाप-भाई के कत्ल के पीछे की असली कहानी  : श्मशान घाट पहुंचा बेटा, तांत्रिक की जगह मिला सुपारी किलर
पुलिस की गिरफ्त में सरफराज और अनिल।

लखनऊ में हुए इंडियन ऑयल के पूर्व डिप्टी मैनेजर, उनकी पत्नी और बेटे की हत्या के पीछे की वजह जादू-टोना और मानसिक दिवालियापन था। हत्यारोपी बेटे सरफराज को शक था कि उसके मां-बाप उस पर जादू-टोना करा कर वशीकरण कराना चाहते हैं। इसकी काट के लिए ही उसने श्मशान से तांत्रिक की तलाश की। उसी दौरान वह सुपारी किलर तक पहुंच गया। वहां उसकी बातों में आकर उसने इतना वीभत्स कदम उठा डाला। यह खुलासा सरफराज ने खुद पुलिस पूछताछ के दौरान किया।

भैंसा कुंड पर तंत्र-मंत्र की जानकारी पर कई दिन लगाया चक्कर : पुलिस के मुताबिक, विकास नगर निवासी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से रिटायर डिप्टी मैनेजर महमूद अली खां, उनकी पत्नी दरक्षा और छोटे बेटे शावेज की हत्या के पीछे बड़े बटे सरफराज ने घर वालों का दोहरा व्यवहार बताया। उसके अनुसार, उसके मां और पिता नहीं चाहते थे कि वह अपनी मर्जी का मालिक बने। इसके लिए वह उस पर जादू टोना कराकर वशीकरण करा रहे थे, जिससे न ही उनकी पसंद की कॉर्पोरेट सेक्टर में नौकरी कर पाया न ही अच्छी तैयारी कर सका।

लखनऊ में हुए इंडियन ऑयल के पूर्व डिप्टी मैनेजर, उनकी पत्नी और बेटे की हत्या के पीछे की वजह जादू-टोना और मानसिक दिवालियापन था।

उसी वशीकरण मंत्र की काट के लिए मंदिर, मस्जिद व गुरुद्वारों के चक्कर काटता रहा। किसी ने माला तो किसी ने कड़ा पहनने को कहा, सब किया लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद तांत्रिक की तलाश में श्मशान के चक्कर लगाने लगा। इसी दौरान भैंसा कुंड में ठाकुरगंज निवासी अनिल से मुलाकात हुई। उसने एक ही बार में सभी वशीकरण मंत्र खत्म होने का दावा किया। पूछने पर सभी को एक साथ खत्म करने की बात कही। उसकी बात समझ में आने पर सबकी हत्या करा दी।

श्मशान से लकड़ी काटने वाला बांका लाया था अनिल : सरफराज के मुताबिक अनिल खुद श्मशान से लकड़ी काटने वाला बांका अपने साथ लाया था। उसने पहले तो कहा था कि घर में बांका है, लेकिन खोजने पर न मिलने पर अनिल को फोन पर बांका भी लेकर आने को कहा था l हत्यारोपी अनिल के मुताबिक नींद की गोली खाने के बाद तीनों गहरी नींद में अपने-अपने बिस्तर पर सो गए। उसके बाद जो जिस करवट लेटा था दोबारा नहीं उठ सका। तीनों गर्दन पर पूरी ताकत से दूसरे वार में मर गए। इसके बाद तीनों को चादरों में लपेट कर घर के अंदर ही खड़ी कार में डालकर ठिकाने लगा दिया। कार में पीछे सीट के नीचे सबसे नीचे महमूद, फिर दरक्षा और शावेज का शव रखा था। उसी हिसाब से हाइवे होते हुए एक-एक का शव फेंकते हुए निकल गया।

मां-बाप व भाई की हत्या कर सड़क किनारे फेंक दिए थे शव : सरफराज ने पांच जनवरी की रात जिस मां-बाप और छोटे भाई की बड़े निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। पुलिस को गुमराह करने के लिए तीनों के शव जेन कार से ले जाकर अलग-अलग जगहों पर फेंक दिए। उसे अपने परिजनों की हत्या करने का जरा भी अफसोस नहीं है। 6 जनवरी को सरफराज के छोटे भाई शावेज की लाश सड़क के किनारे मिली थी।

इसी जेन कार से सरफराज ने तीनों की हत्या के बाद शवों को लगाया था ठिकाने।

उसके बाद आठ जनवरी को एक अज्ञात पुरुष और 13 जनवरी एक अज्ञात महिला का शव मिला। उनकी शिनाख्त इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से रिटायर डिप्टी मैनेजर पिता महमूद अली खां और सरफराज की मां दरक्षा के रूप में हुई थी। पुलिस ने सरफराज व उसके साथ अनिल को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया था।