उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में तैनात सभी सरकारी वकील हटाए, 1623 नई नियुक्तियां
इनमें कुछ पहले से भी कार्यरत थे। हालांकि, फौजदारी साईड के कार्यरत अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम व अपर शाशकीय अधिवक्ताओं को अगले आदेश तक पहले की तरह फिलहाल कार्यरत रहने को कहा गया है।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ पीठ में तैनात सभी सरकारी वकीलों को हटाकर इनकी जगह 1623 सरकारी वकीलों को नियुक्त( आबद्ध) किया है। इनमें कुछ पहले से भी कार्यरत थे। हालांकि, फौजदारी साईड के कार्यरत अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम व अपर शाशकीय अधिवक्ताओं को अगले आदेश तक पहले की तरह फिलहाल कार्यरत रहने को कहा गया है।
इससे लखनऊ से प्रयागराज तक सरकारी वकीलों में हलचल है। नए नियुक्त सरकारी वकीलों की जायनिन्ग को लेकर भी काफी गहमा गहमी है। नियुक्त वकीलों में कुछ के नाम, पिता का नाम, पंजीकरण संख्या या एओआर नंबर भी गलत होने की बात कही जा रही है। जिनका अभी संशोधन होना है। संशोधन के बाद ही उनकी जायनिन्ग हो सकेगी।
वकीलों में चर्चा है कि अधिकांश तैनात सरकारी वकील आर एस एस व भाजपा से किसी न किसी रुप में जुड़े हैं। इसके साथ ही पहले से अन्य सरकारों में कार्यरत रहे कई सरकारी वकील भी नई तैनाती में भी अपनी जगह बचा पाने में कामयाब रहे। मालूम हो कि सरकारी वकीलों की तैनाती में धांधली के आरोप को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ पीठ में अलग अलग जनहित याचिकाएं विचाराधीन हैं। जिनमें पहले कोर्ट ने निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से सरकारी वकीलों की तैनाती किए जाने के आदेश दिए थे।