ग्वालियर में छत ढही, मां-बेटी की मौत : गहरी नींद में सो रहे परिवार पर देर रात तेज धमाके के साथ गिरा पत्थरों का मलबा
सूचना मिलते ही पुरानी छावनी पुलिस मौके पर पहुंची। तब तक घर के कुछ सदस्यों को बाहर निकाला जा चुका था। पर ऊषा और उसकी बेटी राधा की मलबे में दबने से मौत हो गई। पुलिस ने अपने वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने मां-बेटी को मृत घोषित कर दिया, जबकि घायल रिद्धिमा और आनंद का इलाज किया जा रहा है।
ग्वालियर के कृष्णा नगर में देर रात मकान की छत ढहने से मां-बेटी की दर्दनाक मौत हो गई, वहीं भाई-बहन घायल हो गए। हादसे के वक्त परिवार के 6 सदस्य कमरे में गहरी नींद में सो रहे थे। इसी बीच अचानक एक आवाज आई और घर की छत ढह गई। छत में लगीं पटि्टयों में दबकर बीए की छात्रा और उसकी मां की मौत हो गई। जबकि छोटी बहन और भाई घायल हैं। घटना पुरानी छावनी के कृष्णा नगर पहाड़ी इलाके की है। घटना का पता चलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। सभी को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां मां-बेटी को मृत घोषित कर दिया गया। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ये हादसा राकेश शाक्य ट्रक चालक के घर हुआ। जो कि गणतंत्र दिवस पर गाड़ी लेकर शहर से बाहर गया था। घर पर उसकी पत्नी ऊषा शाक्य (38), बेटी राधा (21), छोटी बेटी रिद्धिमा (13), बड़ा बेटा आनंद (22), छोटा बेटा सचिन (18) और मामा संजय थे। बुधवार रात को करीब 11 बजे तक खाना खाकर पूरा परिवार घर के आगे वाले कमरे में सो गया। तड़के 3 से 4 बजे के बीच अचानक तेज आवाज हुई और पूरी छत ढह गई। पटि्टयों की छत गिरने से पूरा परिवार मलबे में दब गया। मौके पर चीख पुकार मच गई। आसपास के लोग भी वहां एकत्रित हो गए। लोगों ने रेस्क्यू के लिए पुलिस और दमकल दस्ते को भी सूचना दी।
सूचना मिलते ही पुरानी छावनी पुलिस मौके पर पहुंची। तब तक घर के कुछ सदस्यों को बाहर निकाला जा चुका था। पर ऊषा और उसकी बेटी राधा की मलबे में दबने से मौत हो गई। पुलिस ने अपने वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने मां-बेटी को मृत घोषित कर दिया, जबकि घायल रिद्धिमा और आनंद का इलाज किया जा रहा है। पुलिस ने शवों को निगरानी में लेकर पोस्टमॉर्टम कराया है। साथ ही मामला दर्ज कर लिया है।
आधा घंटा देरी से पहुंची एम्बुलेंस, बच सकती थी राधा की जान : मृतका के भाई सचिन ने बताया कि जब उसने राधा काे बाहर निकाला तो वह जिंदा थी। उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए लोगों ने एम्बुलेंस को कॉल किया। एम्बुलेंस वाले करीब आधा घंटा देरी से आए तब तक मेरी बहन की सांसें थम गईं। मां को भी हम नहीं बचा सके। घटना की सूचना सचिन ने पिता राकेश को दी। जिसके बाद वो घर के लिए निकल गए।
किसी को समझ नहीं आ रहा, कैसे हुआ हादसा ? सचिन ने दैनिक भास्कर को बताया कि हादसा कैसे हुआ इस बारे में हमें कुछ पता नहीं है। घर के छह सदस्य एक ही कमरे में सो रहे थे। रात 3 बजे तक सब ठीक था अचानक कुछ देर बाद छत नीचे आ गिरी। पत्थर के जिस लैंटर पर छत टिकी थी पहले वह टूटा फिर सारी पटि्टयां उनके ऊपर आकर गिरीं। यह मकान 4 से 5 साल पहले ही उन्होंने बनवाया था। पर लैंटर कैसे टूटा यह समझ नहीं आ रहा है।
बहन की शादी की बात चल रही थी : हादसे में जान गंवाने वाली राधा बीए फाइनल ईयर की छात्रा थी। शाक्य परिवार जल्द उसकी शादी करने वाला था। राधा के लिए मां-पिता अच्छा रिश्ता तलाश रहे थे। कुछ दिन पहले ही उसके रिश्ते की बात भी चली थी, लेकिन इससे पहले ही हादसे में राधा की मौत हो गई।