कानपुर के सरकारी बंगले में बने वीडियो में अफसर पर धर्मांतरण का आरोप : कट्टरता का पाठ पढ़ाने वाले IAS की SIT जांच , CBCID के DG 7 दिन में शासन को सौंपेंगे रिपोर्ट

SIT जांच में इस बात पर फोकस करेगी कि क्या वीडियो में कोई अपराध दिख रहा है? क्या IAS के सरकारी आवास पर कट्टरता की क्लास लगाने से नियमों का उल्लंघन हुआ है? IAS अफसर की बैठक में कौन-कौन लोग शामिल हुए थे?

कानपुर के सरकारी बंगले में बने वीडियो में अफसर पर धर्मांतरण का आरोप : कट्टरता का पाठ पढ़ाने वाले IAS की SIT जांच ,  CBCID के DG 7 दिन में शासन को सौंपेंगे रिपोर्ट
कानपुर में तैनाती के दौरान सीनियर IAS मो. इफ्तिखारुद्दीन (कुर्सी में) अपने सरकारी आवास में कट्टरता की पाठशाला चलाते हुए।

उत्तर प्रदेश के सीनियर IAS मो. इफ्तिखारुद्दीन के वायरल वीडियो की जांच अब SIT करेगी। सरकार ने CBCID के DG जीएल मीणा की अध्यक्षता में SIT गठित की है। यह मामले की जांच करके 7 दिन में शासन को अपनी रिपोर्ट देगी। उधर, शुरुआती जांच में वीडियो कानपुर कमिश्नर आवास के होने की पुष्टि हुई है। यह वीडियो तब का बताया जा रहा है कि जब इफ्तिखारुद्दीन कानपुर में कमिश्नर थे। अभी वे उत्तर प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (UPSRTC) के चेयरमैन के पद पर लखनऊ में तैनात हैं।

IAS आवास पर धर्मांतरण की साजिश?   SIT जांच में इस बात पर फोकस करेगी कि क्या वीडियो में कोई अपराध दिख रहा है? क्या IAS के सरकारी आवास पर कट्टरता की क्लास लगाने से नियमों का उल्लंघन हुआ है? IAS अफसर की बैठक में कौन-कौन लोग शामिल हुए थे?

सीनियर IAS मो. इफ्तिखारुद्दीन 17 फरवरी 2014 से 22 अप्रैल 2017 तक कानपुर के कमिश्नर रहे हैं।

बंगले से मिला था धार्मिक कट्टरता का साहित्य : चर्चा है कि कानपुर कमिश्नर रहने के दौरान अपने सरकारी आवास में इस तरह की बैठक IAS मो. इफ्तिखारुद्दीन के लिए आम थी। वह इसमें कट्टरता का पाठ पढ़ाते थे। कानपुर ही नहीं कई राज्यों से शामिल होने के लिए लोग आते थे। बंगला खाली करने के बाद सफाई हुई तो धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने वाला साहित्य भारी मात्रा में मिला था। मगर IAS अफसर होने के चलते मामले को दबा दिया गया था।

3 वायरल वीडियो की होगी जांच : प्राथमिक जांच में इस बात की पुष्टि हो गई है कि हाल ही में जो तीन वीडियो वायरल हुए हैं वह मो. इफ्तिखारुद्दीन की कानपुर में तैनाती के दौरान के हैं। सरकारी आवास पर उस समय तैनात कई कर्मचारियों ने इस बात की पुष्टि की है। हालांकि, मामला IAS अफसर से जुड़ा होने के चलते कर्मचारी खुलकर इस मामले में कुछ नहीं बोल रहे हैं।

क्या है वीडियो में?    वीडियो में जो व्यक्ति बोलता हुआ नजर आ रहा है वह कट्टरता का पाठ पढ़ा रहा है। IAS इफ्तिखारुद्दीन जमीन पर बैठे हैं। वह व्यक्ति वहां बैठे लोगों को एक कहानी सुना रहा है। वह कहता है कि पिछले दिनों पंजाब के एक भाई ने इस्लाम कुबूल किया, तो मैंने उसको दावत नहीं दी थी। मैंने उससे पूछा कि तुमने इस्लाम कबूल क्यों किया? उसने कहा कि बहन की मौत के कारण इस्लाम कबूल किया है।

जब बहन को मरने पर जलाया गया, तो कपड़ा जल गया। वह निर्वस्त्र हो गई। सब देख रहे थे। मुझे बहुत शर्म आई। मैं वहां से निकल गया। फिर मैंने सोचा कि आज तो मेरी बहन को लोग देख रहे हैं, मेरी बेटी भी है। कल उसको भी लोग देखेंगे। मरने के बाद वह भी ऐसे ही जलेगी। फिर मेरे दिल में आया कि इस्लाम से अच्छा कोई धर्म नहीं है। मुझे कबूल कर लेना चाहिए। ऐसे-ऐसे लोग इस्लाम कबूल कर रहे हैं। ऐसी-ऐसी चीजें जरिया बन रही है लोगों के इस्लाम कबूल करने के लिए।

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की किताब का भी जिक्र : बाकी के दो वीडियो में IAS इफ्तिखारुद्दीन पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की किताब के बारे में बता रहे हैं। दूसरे वीडियो में वह कह रहे हैं- ऐलान करो, बताओ पूरी दुनिया के इंसानों को कि अल्लाह और रसूल के मिशन को आगे बढ़ाएं। अल्लाह के नूर का ईद नाम होना है। पूरे जमीन पर अल्लाह का निजाम दाखिल होना है। यह कैसे होगा? यहां पर जो इंसान बैठे हैं, इनको यह काम करना चाहिए। जरूर करना चाहिए, नहीं तो अल्लाह इनको पकड़ेगा।

डिप्टी CM केशव मौर्य ने कहा था- मामले को गंभीरता से लेंगे : इस पूरे मामले पर सोमवार को डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि अभी उन्होंने वीडियो नहीं देखा है। मामला उनकी जानकारी में नहीं है, लेकिन अगर ऐसा कुछ है तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा। जांच की जाएगी। कानपुर के मठ एवं मंदिर समन्वय समिति के अध्यक्ष भूपेश अवस्थी ने इस मामले की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की है।