मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG में वाराणसी में हुआ था धांधली का प्रयास : अब तक 19 आरोपी किए जा चुके हैं गिरफ्तार
अब वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस इन सभी आरोपियों द्वारा अपराध से अर्जित संपत्तियों को गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त करेगी। इस मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों पर भी जल्द ही गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। ....
मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) में वाराणसी में धांधली का प्रयास करने वाले सॉल्वर गैंग के सरगना सहित 9 आरोपियों के खिलाफ सारनाथ थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अब वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस इन सभी आरोपियों द्वारा अपराध से अर्जित संपत्तियों को गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त करेगी। इस मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों पर भी जल्द ही गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि इस फर्जीवाड़े में अब तक 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 17 आरोपियों की तलाश की जा रही है।
इन 9 आरोपियों पर की गई है कार्रवाई
- बिहार के पटना के दीघा थाना की सरदार पटेल कॉलोनी निवासी सॉल्वर गैंग का सरगना नीलेश कुमार सिंह उर्फ पीके।
- बिहार के खगड़िया जिले के बेला सिमरी गांव निवासी विकास कुमार महतो।
- बिहार के जहानाबाद जिले के चंदोला निवासी राजू कुमार।
- लखनऊ के कैसरबाग स्थित गुडलक स्क्वॉयर अपार्टमेंट में रहने वाला और बलरामपुर जिले के नई बाजार पूर्वा तुलसीपुर निवासी डॉ. अफरोज।
- लखनऊ में हरदोई रोड स्थित आम्रपाली योजना में रहने वाला और गोंडा जिले के गायघाट निवासी ओम प्रकाश सिंह।
- आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर थाना के सरैया निवासी मुंतजिर।
- मऊ जिले के मोहम्मदाबाद गोहना थाना के शेखवाड़ा निवासी ओसामा शाहिद।
- वाराणसी के चितईपुर थाना के विवेकानंदपुरम स्थित सद्भावना अपार्टमेंट में रहने वाला और मिर्जापुर के चुनार क्षेत्र के बरैठा के मूल निवासी कन्हैया लाल सिंह।
- वाराणसी के सुसुवाही में रहने वाला और चंदौली के नरहरपुर मवइया गांव के निवासी क्रांति कौशल।
पिछले साल हुआ था फर्जीवाड़े का खुलासा : मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) साल 2021 में 12 सितंबर को आयोजित हुई थी। वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र स्थित एक स्कूल में त्रिपुरा की हिना विश्वास की जगह परीक्षा देते हुए बीएचयू की मेडिकल छात्रा जूली कुमारी गिरफ्तार की गई थी। तब से लेकर अब तक इस प्रकरण में कार्रवाई लगातार जारी है। पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि इस गिरोह का नेटवर्क उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, त्रिपुरा, राजस्थान और कर्नाटक तक फैला हुआ है। गिरोह के लोग अभ्यर्थियों से 45 से 50 लाख रुपए में एमबीबीएस में दाखिला कराने का सौदा तय करते हैं।
वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस इस गिरोह से जुड़े एक-एक आरोपी को गिरफ्तार करेगी और सभी के खिलाफ अदालत में प्रभावी तरीके से पैरवी कर उन्हें कठोर सजा दिलाएगी। जिन 9 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है अदालत की अनुमति से उन्हें जल्द ही रिमांड पर लिया जाएगा। आरोपियों द्वारा अपराध से अर्जित संपत्ति को जल्द ही जब्त करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।