लखनऊ में दरोगा भर्ती के अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन:14 महीने से ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे 2400 से ज्यादा अभ्यर्थी, इको गॉर्डन में झाड़ू लगाकर विरोध जताया

मामला 3307 पदों की भर्ती का है। इसमें 2486 पदों पर चयन हुआ था, हालांकि सरकार का कहना था कि इसमें योग्य लोग नहीं मिल पाए है। कोर्ट के आदेश के बाद चयनित लोगों की ट्रेनिंग कराई गई, लेकिन चयन को लेकर दूसरा पक्ष सुप्रीम कोर्ट चला गया। उनकी मांग है कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और उनकी नौकरी जल्द मिले।

लखनऊ में दरोगा भर्ती के अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन:14 महीने से ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे 2400 से ज्यादा अभ्यर्थी, इको गॉर्डन में झाड़ू लगाकर विरोध जताया
कोर्ट के आदेश के बाद चयनित लोगों की ट्रेनिंग कराई गई, लेकिन चयन को लेकर दूसरा पक्ष सुप्रीम कोर्ट चला गया।

दरोगा भर्ती 2016 बैच के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को नियुक्ति की मांग को लेकर लखनऊ के इको गार्डन में प्रदर्शन किया। उन्होंने झाड़ू लगाकर अपना विरोध दर्ज कराया। उनके साथ यूपी, बिहार, हरियाणा समेत कई राज्यों से आए अभ्यर्थियों ने इसमें हिस्सा लिया।

नाराज अभ्यर्थियों ने कहा कि उनकी स्थिति इससे भी ज्यादा खराब हो गई है। लेकिन वह गांधी के देश में लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जताकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाएंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में लड़कियों ने भी हिस्सा लिया।

14 महीने से बैठे हैं बेरोजगार : उन्होंने बताया कि चयनित होकर वे 12 महीने की ट्रेनिंग भी ले चुके हैं। इसके बावजूद बीते 14 महीने से घर पर बेरोजगार बैठे हैं। मामला 3307 पदों की भर्ती का है। इसमें 2486 पदों पर चयन हुआ था, हालांकि सरकार का कहना था कि इसमें योग्य लोग नहीं मिल पाए है। कोर्ट के आदेश के बाद चयनित लोगों की ट्रेनिंग कराई गई, लेकिन चयन को लेकर दूसरा पक्ष सुप्रीम कोर्ट चला गया। उनकी मांग है कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और उनकी नौकरी जल्द मिले।

योगी ने खुद फोटो खिंचवाया था : प्रदर्शनकारियों ने बताया कि इस मामले में खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने फोटो खिंचवाया था। जिसमें चयनित 28 महिला दरोगा भी शामिल थीं। खुद सीएम ने कई कार्यक्रम में मंच से बताया कि हमने दरोगा की नियुक्ति की है। साक्ष्य के तौर पर ये लोग फोटो भी दिखा रहे हैं।

मामला कोर्ट में है ..ट्रेनिंग खत्म अब घर जाइए : प्रदर्शनकारियों ने बताया कि उनका मामला कोर्ट में बताकर प्रशिक्षण खत्म होते ही घर भेज दिया गया। इस घटना को 14 महीने होने को है। हमारी मांग है कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और नौकरी ज्वाइन कराने में जल्द मदद करे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हमारा कैरियर पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। जितने लोगों को नौकरी मिली थी, उनमें से एक हजार लोग तो पहले से नौकरी में थे।