मोटी रकम लेकर गाज़ियाबाद जेल भेजा गया डिप्टी जेलर : प्रोन्नत पाए डिप्टी जेलर के तबादलों में हुआ बड़ा खेल, पांच साल तक कमाऊ अलीगढ़ जेल पर जमें रहने पर हटाये गए थे

इस आदेश को जारी हुए अभी 24 घंटे भी नही बीत पाए थे कि जेल मुख्यालय में बैठे दागदार अफसरों ने आनन-फानन में प्रोन्नति पाने वाले डिप्टी जेलरों के साथ कुछ ऐसे डिप्टी जेलरों का भी तबादला कर दिया जोकि विभाग में मोटी रकम देकर मनमाफिक कमाऊ जेलो पर तैनाती पाने के लिए चर्चित रहे है।

मोटी रकम लेकर गाज़ियाबाद जेल भेजा गया डिप्टी जेलर : प्रोन्नत पाए डिप्टी जेलर के तबादलों में हुआ बड़ा खेल, पांच साल तक कमाऊ अलीगढ़ जेल पर जमें रहने पर हटाये गए थे
उत्तर प्रदेश जेल मुख्यालय

लखनऊ। न बाप बडा न भईया, सबसे बड़ा रुपइया...यह कहावत जेल मुख्यालय के अफसरों पर एकदम फिट बैठती है। मुख्यमंत्री के इस विभाग में नियम और कानून का कोई मायने नही राह गया है। इस विभाग में पैसा फेंको मनमाफिक कमाऊ जेल पर तैनाती पाओ वाला फंडा फिट हो रहा है। यह सच शुक्रवार को हुए 16 डिप्टी जेल के तबादलो में देखने को मिला। पांच माह पूर्व अलीगढ़ कमाऊ जेल से हटाकर शाहजहांपुर जेल भेजे गए डिप्टी जेलर को मोटी रकम लेकर सबसे अधिक कमाई वाली गाज़ियाबाद जेल भेज दिया गया। दिलचस्प बात तो यह है कि डिप्टी जेलर के तबादले उस अधिकारी के आदेश से जारी हुए जिसके खिलाफ बीते सप्ताह मुख्यमंत्री ने प्रॉसिक्यूशन की कार्यवाही की संस्तुति की है। हकीकत यह है इन तबादलो में जमकर वसूली की गई है।

छह माह भी नही बीत पाए कि फिर भेज दिया कमाऊ जेल पर : मिली जानकारी के मुताबिक शासन ने गुरुवार को आयोग की संस्तुति मिलने के बाद विभाग के 69 हेड वार्डर को डिप्टी जेलर के पद पर प्रोन्नति किया गया। इस आदेश को जारी हुए अभी 24 घंटे भी नही बीत पाए थे कि जेल मुख्यालय में बैठे दागदार अफसरों ने आनन-फानन में प्रोन्नति पाने वाले डिप्टी जेलरों के साथ कुछ ऐसे डिप्टी जेलरों का भी तबादला कर दिया जोकि विभाग में मोटी रकम देकर मनमाफिक कमाऊ जेलो पर तैनाती पाने के लिए चर्चित रहे है।

सूत्रों का कहना है कि जेल मुख्यालय से शुक्रवार की देर शाम 16 डिप्टी जेलर के तबादले की लिस्ट जारी की गई। इस लिस्ट में करीब पांच माह पूर्व कमाऊ अलीगढ़ जेल पर लंबे समय से जमे रहे डिप्टी जेलर संजय कुमार शाही को हटाकर शाहजहांपुर जेल पर तैनात किया गया था। इस डिप्टी जेलर को अभी शाहजहांपुर में तैनात हुए छह माह भी नही बीते थे कि अधिकारियों ने इससे मोटी रकम लेकर उसको सर्वाधिक कमाई वाली गाज़ियाबाद जेल पर तैनात कर दिया गया। यह तो एक बानगी है इसी प्रकार प्रोंन्नति पाए डिप्टी जेलरों से अनाप-शनाप वसूली कर उन्हें मनमाफिक जेलो पर तैनात किया गया है। जानकारों की मानें तो इनसे डेढ़ से दो लाख रुपये तक वसूल किये  गए है। प्रोन्नति 69 लोगो को मिली और तबादले 16 के ही किये गए। कई तो प्रोन्नति नही पाने वाले भी शामिल कर लिए गए। उधर मुख्यालय के अधिकारियों ने तबादले होने की तो पुष्टि की लेकिन इसके अलावा और कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।

घोटाले का दोषी अफ़सर कर रहा तबादले

लखनऊ। डिप्टी जेलर के तबादला सूची जारी करने को लेकर विभागीय अफसरों में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे है। चर्चा है जिस जेल अधिकारी के हस्ताक्षर से यह आदेश जारी किया गया है वह आगरा बंदीरक्षक घोटाले का मुख्य आरोपी है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने इस दोषी के खिलाफ अभियोजन (मुकदमा चलाने) की संस्तुति की है। इस दोषी अधिकारी मुख्यालय में सबसे महत्वपूर्ण गोपनीय सेक्शन का प्रभार सौंपा गया हुआ है। दोषी अधिकारी 31 दिसंबर को रिटायर भी हो रहा है।  यही वजह है कि तबादलो में मनमाफिक वसूली की जा रही है।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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